"बांग्ला भाषा आन्दोलन": अवतरणों में अंतर
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*[http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=130320-104847-330010 पहचान के लिए संघर्ष कर रहा है बांग्लादेश] |
*[https://web.archive.org/web/20131227191612/http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=130320-104847-330010 पहचान के लिए संघर्ष कर रहा है बांग्लादेश] |
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[[श्रेणी:बांग्ला भाषा]] |
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06:46, 15 जून 2020 का अवतरण
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बांग्ला भाषा आन्दोलन (१९५२) तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में संघटित एक सांस्कृतिक एवं राजनैतिक आन्दोलन था। इसे 'भाषा आन्दोलन' भी कहते हैं। आन्दोलन की मांग थी कि बांग्ला भाषा को पाकिस्तान की एक आधिकारिक भाषा की मान्यता दी जाय तथा इसका उपयोग सरकारी कामकाज में, शिक्षा के माध्यम के रूप में, संचार माध्यमों में, मुद्रा तथा मुहर आदि पर जारी रखी जाय। इसके अलावा यह भी मांग थी कि बांग्ला भाषा को बांग्ला लिपि में ही लिखना जारी रखा जाय।
यह आन्दोलन अन्ततः बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में परिणित हो गया। १९७१ में इसी के चलते भारत और पाकिस्तान में युद्ध हुआ और बांग्लादेश मुक्त हुआ। बांग्लादेश में २१ फ़रवरी को 'भाषा आन्दोलन दिवस' के रूप में याद किया जाता है तथा इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इस आन्दोलन तथा इसके शहीदों की स्मृति में ढाका मेडिकल कॉलेज के निकट 'शहीद मिनार' का निर्माण किया गया।