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[http://books.google.co.in/books?id=7bdtuDOPo0kC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false वृहद वात्स्यायन कामसूत्र] (गूगल पुस्तक)
* [https://www.youtube.com/watch?v=f-xbQeGZ6rk सम्भोग]
*[https://www.indianbfvideos.com/ हिंदी सम्भोग के वीडियो]
* [http://books.google.co.in/books?id=7bdtuDOPo0kC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false वृहद वात्स्यायन कामसूत्र] (गूगल पुस्तक)


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02:59, 13 अक्टूबर 2019 का अवतरण

सम्भोग दिखाता चित्र

सम्भोग (अंग्रेजी: Sexual intercourse) या सेक्सुअल इन्टरकोर्स) मैथुन या सेक्स की उस क्रिया को कहते हैं जिसमे नर का लिंग / लोडा /नुनू / शिष्ण / लंड, मादा की योनि /चूत में प्रवेश करता हैं। सम्भोग अलग अलग जीवित प्रजातियों के हिसाब से अलग अलग प्रकार से हो सकता हैं। सम्भोग को योनि मैथुन, काम-क्रीड़ा, रति-क्रीड़ा और सहवास भी कहते हैं।

सृष्टि में आदि काल से सम्भोग का मुख्य काम वंश को आगे चलाना व बच्चे पैदा करना है। जहाँ कई जानवर व पक्षी सिर्फ अपने बच्चे पैदा करने के लिए उपयुक्त मौसम में ही सम्भोग करते हैं वहीं इंसानों में सम्भोग इस वजह के बिना भी हो सकता हैं। सम्भोग इंसानों में सुख प्राप्ति या प्यार या जज्बात दिखाने का भी एक रूप हैं। सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जिसे अंग्रेजी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो विषमलिंगी को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है।

कुछ प्राणियों में यह मौसम के अनुसार भी पाया जाता है। वस्तुत: फ़ोर प्ले से लेकर चरमोत्कर्ष की प्राप्ति तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया ही सम्भोग कहलाती है बशर्ते कि लिंग व्यवहार का यह कार्य विषमलिंगियों के बीच हो रहा हो।

कई ऐसे प्रकार के सम्भोग भी हैं जिसमें लिंग का उपयोग नर और मादा के बीच नहीं होता जैसे मुख मैथुन अथवा गुदा मैथुन उन्हें मैथुन तो कहा जा सकता है परन्तु सम्भोग कदापि नहीं।

उपरोक्त प्रकार के मैथुन अस्वाभाविक अथवा अप्राकृतिक व्यवहार के अन्तर्गत आते हैं या फिर सम्भोग के साधनों के अभाव में उन्हें केवल मनुष्य की स्वाभाविक आत्मतुष्टि का उपाय ही कहा जा सकता है, सम्भोग नहीं।

सुरक्षित सेक्स

कंडोम, यह सेक्स के समय गर्भ धारण होने से रोकता है। यह सुरक्षित सेक्स के लिए जरूरी है।यह सेक्स के समय होने वाली बीमारियों (जैसे AIDS) से बचाता है। हालाकि कंडोम को ९८% ही सफल माना जाता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ


वृहद वात्स्यायन कामसूत्र (गूगल पुस्तक)