"कोप्पल": अवतरणों में अंतर

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=== महादेव मंदिर ===
=== महादेव मंदिर ===
[[चित्र:Itagi Mahadeva temple.JPG|thumb|left|350px|महादेव मंदिर, कोप्पल]]
[[चित्र:Itagi Mahadeva temple.JPG|thumb|left|350px|महादेव मंदिर, कोप्पल]]
[[चित्र:Mahadeva Temple Open hall at Itagi.JPG|thumb|left|300px|महादेव मंदिर का बाहरी मंडप]]
[[चित्र:View of ornate pillared hall in Mahadeva Temple at Itagi.jpg|thumb|left|300px|महादेव मंदिर का बाहरी मंडप]]
[[चित्र:Domical Ceiling at Mahadeva Temple in Itagi.JPG|thumb|right|महादेव मंदिर के शिखर का अंतस]]
[[चित्र:Domical Ceiling at Mahadeva Temple in Itagi.JPG|thumb|right|महादेव मंदिर के शिखर का अंतस]]
महादेव मंदिर चालुक्यों द्वारा बनाए गए सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। मंदिर के भीतर एक स्तम्भ हॉल है जिसे 68 स्तम्भों की सहायता से बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण 1112 ई. में महादेव ने करवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला काफी सुंदर है। यह मंदिर देश के श्रेष्ठ मंदिरों में से एक है।
महादेव मंदिर चालुक्यों द्वारा बनाए गए सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। मंदिर के भीतर एक स्तम्भ हॉल है जिसे 68 स्तम्भों की सहायता से बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण 1112 ई. में महादेव ने करवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला काफी सुंदर है। यह मंदिर देश के श्रेष्ठ मंदिरों में से एक है।

14:19, 27 जनवरी 2014 का अवतरण

कोप्पल
—  कस्बा  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य कर्नाटक
ज़िला कोप्पल जिला
जनसंख्या
घनत्व
56,160 (2001 के अनुसार )
• 1,951.36/किमी2 (5,054/मील2)
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)
28.78 कि.मी² (11 वर्ग मील)
• 529 मीटर (1,736 फी॰)

निर्देशांक: 15°21′N 76°09′E / 15.35°N 76.15°E / 15.35; 76.15कोप्पल कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। कोप्पल कर्नाटक राज्य के कोप्पल जिला का मुख्यालय है। यह जगह विशेष रूप से विभिन्न मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह ऐतिहासिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है। कोप्पल का इतिहास लगभग 600 वर्ष पुराना है।

भूगोल

कोपल (या कोप्पल, कन्नड़ : ಕೊಪ್ಪಳ) की स्थिति 15°21′N 76°09′E / 15.35°N 76.15°E / 15.35; 76.15[1] पर है। यहां की औसत ऊंचाई है ५३० मीटर (1738 फीट).

प्रमुख आकर्षण

कनकगिरी

कनकगिरी कोप्पल की काफी पुरानी जगहों में से है। यह जगह गंगावती से 13 मील की दूरी पर स्थित है। कनकगिरी का अर्थ भगवान का पर्वत है। इसका पुराना नाम स्‍वर्णनगरी था, जिसका अर्थ भी यही होता है। ऐसा माना जाता है कि संत कनक मुनि ने इस जगह पर तपस्या की थी। इसके अतिरिक्त यहां एक अन्य मंदिर भी है। जिसका निर्माण कनकगिरी के नेक ने करवाया था।

कनकचलपथी मंदिर

कनकगिरी के समीप ही कनकचलपथी मंदिर स्थित है। यह मंदिर काफी विशाल है। इस मंदिर की वास्तुकला काफी खूबसूरत है। यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे सुंदर मंदिरों में से है। इस मंदिर में बने हॉल और सुंदर स्तम्भ इसे और अधिक खूबसूरत बनाते हैं। इस मंदिर की दीवारों व गोपुरम पर काफी अच्छी तस्वीरें बनी हुई है। इस मंदिर में राजाओं और रानियों की मूर्तियां भी बनी हुई है। इन मूर्तियों के पत्थरों पर काली पॉलिश की हुई है। इसके अलावा यहां लकड़ी से बनी कई मूर्तियां भी है। फागुन माह में प्रत्येक वर्ष कनकचलपथी मंदिर में जात्रा (मेला) का आयोजन किया जाता है। इस मेले में प्रत्येक वर्ष काफी संख्या में लोग आते हैं।

कोप्पल किला

यह किला कोप्पल के प्रमुख ऐतिहासिक किलों में से है। यह किला समुद्र तल से 400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। निश्चित रूप से इस बात का पता नहीं है कि इस किले का निर्माण किसने करवाया है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि इस किले का निर्माण टीपू सुल्तान ने 1786 ई. में करवाया था। इस किले का जब पुनर्निर्माण करवाया गया था तो इसके लिए फ्रेंच इंजीनियरों की सहायता ली गई थी। मई 1790 ई. को ब्रिटिश सैनिकों और निजाम ने इस जगह को घेर लिया था। इस घेराबन्दी में इनका साथ सर जॉन मेलकोम ने भी दिया था।

महादेव मंदिर

महादेव मंदिर, कोप्पल
महादेव मंदिर का बाहरी मंडप
महादेव मंदिर के शिखर का अंतस

महादेव मंदिर चालुक्यों द्वारा बनाए गए सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। मंदिर के भीतर एक स्तम्भ हॉल है जिसे 68 स्तम्भों की सहायता से बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण 1112 ई. में महादेव ने करवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला काफी सुंदर है। यह मंदिर देश के श्रेष्ठ मंदिरों में से एक है।

बहादुर बसादी

यह जैनों के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से है। यह काफी पुराना मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण ग्यारहवीं शताब्दी के दौरान करवाया गया था। इस मंदिर में र्तींथकर और ब्रह्माक्ष की सुंदर प्रतिमाएं है।

मादनूर मंदिर

यह मंदिर बहादुर बसादी से नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में ब्रह्माक्ष और पदावती की कांसे की बनी मूर्तियां स्थित है। यह मूर्तियां 13वीं व 16वीं शताब्दी की है। इसके अतिरिक्त इस मंदिर जैन तीर्थंकर शान्तिनाथ और भगवान अजीतनाथ की कांसे में बनी प्रतिमाएं भी है। यह मंदिर अपनी सुंदरता और शान्तिपूर्ण वातावरण के कारण भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

आवागमन

हवाई मार्ग

सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बंगलुरू विमानक्षेत्र है। बंगलुरू से कोप्पल की दूरी 380 किलोमीटर है।

रेल मार्ग

कोप्पल रेल मार्ग द्वारा कई प्रमुख शहरों जैसे बंगलुरू, हुबली, बेलगम, गोवा, त्रिपति, विजयवाड़ा, गंटूर, गंटकल, हैदराबाद और मिराज आदि से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

कोप्पल कर्नाटक शहर के कई प्रमुख जगहों से जुड़ा हुआ है। यह स्थान सड़क मार्ग द्वारा बंगलुरू, हुबली, होसपट, बेलारी, रायचूर आदि से राष्ट्रीय राजमार्ग 63 और 13 द्वारा जुड़ा हुआ है। यह जगह बंगलुरू से 380 किलोमीटर और हुबली से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


संदर्भ

  1. Falling Rain Genomics, Inc - Koppal