विद्वतावाद

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विश्वविद्यालय व्याख्याता का चौदवीं सदी का एक चित्र

विद्वतावाद अथवा स्कॉलास्टिसिज़्म (Scholasticism) मध्ययुगीन दर्शन पद्धति थी। इसमें अरस्तुवाद की 10 वर्गों पर आधारित दार्शनिक विश्लेषण की एक महत्वपूर्ण जैविक पद्धति को नियोजित किया। ईसाई विद्वतावाद का उभार मठवासी विद्यालयों में हुआ और यह शैक्षिक यहूदी-इस्लामी दर्शन में उन्नत हुआ और इसके परिणामस्वरूप अरस्तु के काम की पुनः खोज हुई। उनके तत्त्वमीमांसा और रुढ़ीवादी लैटिन कैथोलिक त्रित्व मीमांसा के मध्य सामंजस्य बिठाने के प्रयास से ये मठवासी विद्यालय प्रारंभिक यूरोपीय मध्ययुगीन विश्वविद्यालयों का आधार बने। इन्होंने ही आधुनिक विज्ञान का विकास में योगदान दिया। इस परम्परा ने 1100 से 1700 तक शिक्षा पर प्रभुत्व रखा।[1] विद्वतावाद का उत्थान इन विद्यालयों से नजदीकी से जुड़े हुये थे और इससे इटली, फ्रान्स, पुर्तगाल, स्पेन और इंग्लैण्ड का उभार हुआ।[2]

विद्वतावाद एक दर्शन अथवा धार्मिक सिद्धान्त से अधिक सीखने की विधि है। चूँकि यह ज्ञान के विस्तार के लिए अनुमान और अन्तर्विरोध हल करने के लिए द्वंद्वात्मक तर्कपद्धति पर ज़ोर देता है। विद्वतावाद विचार कठोर वैचारिक विश्लेषण और भेदों के सावधानीपूर्वक चित्रण के लिए भी जाना जाता है। कक्षा में और लेखन में, यह अक्सर स्पष्ट वाद-विवाद का रूप ले लेता है। इस परंपरा से लिए गए किसी विषय को प्रश्न के रूप में उठाया जाता है, दूसरे पक्ष द्वारा प्रतिक्रियाएं दी जाती हैं, एक प्रतिप्रस्ताव पर तर्क दिया जाता है और विपक्षी तर्कों का खंडन किया जाता है। कठोर द्वंद्वात्मक पद्धति पर जोर देने के कारण, विद्वतावाद को अंततः अध्ययन के कई अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया गया।[3][4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. See Steven P. Marone, "Medieval philosophy in context" in A. S. McGrade, ed., The Cambridge Companion to Medieval Philosophy (Cambridge: Cambridge University Press, 2003). On the difference between scholastic and medieval monastic postures towards learning, see Jean Leclercq, The Love of Learning and the Desire for God (New York: Fordham University Press, 1970) esp. 89; 238ff.
  2. Gracia, Jorge J. E., संपा॰ (2006). A companion to philosophy in the Middle Ages. Blackwell companions to philosophy (1. publ. in paperback संस्करण). Malden, Mass.: Blackwell Publ. पृ॰ 55–64. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-631-21673-5.
  3. Patte, Daniel (2010). The Cambridge dictionary of christianity. Cambridge (N.Y.): Cambridge university press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-521-52785-9.
  4. Grant, Edward. God and Reason in the Middle Ages. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 2004, 159