विकासवाद का इतिहास
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विकासवाद (Evolutionary thought) की धारणा है कि समय के साथ जीवों में क्रमिक-परिवर्तन होते हैं। इस सिद्धान्त के विकास का लम्बा इतिहास है। १८वीं शती तक पश्चिमी जीववैज्ञानिक चिन्तन में यह विश्वास जड़ जमाये था कि प्रत्येक जीव में कुछ विलक्षण गुण हैं जो बदले नहीं जा सकते। इसे इशेंसियलिज्म (essentialism) कहा जाता है। पुनर्जागरण काल में यह धारणा बदलने लगी।
१९वीं शती के आरम्भ में लैमार्क ने अपना विकासवाद का सिद्धान्त दिया जो क्रम-विकास (evolution) से सम्बन्धित प्रथम पूर्णत: निर्मित वैज्ञानिक सिद्धान्त था।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- क्रम-विकास (Evolution)
- लैमार्कवाद
- डार्विनवाद
- जीवजाति का उद्भव (Origin of Species)
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- UC Berkeley's History of Evolutionary Thought
- Darwin's precursors and influences by John Wilkins. Part of the Talk.Origins Archive.
- The Alfred Russel Wallace Page
- सृष्टि व ब्रह्मांड: उत्पत्ति (भाग १) (वैज्ञानिक सिद्धान्त)
- सृष्टि व ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति भाग -२ (वैदिक विचार)
- विकसित होता विकासवाद[मृत कड़ियाँ] (कल्कि आन हिन्दी)
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