विकलदन्त विज्ञान
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विकलदन्त विज्ञान (Orthodontics), दन्तचिकित्सा की एक विशेषज्ञता वाली शाखा है जिसमें गलत स्थान पर या गलत तरीके से लगे दाँत और मसूड़ों को पहचान, रोकथाम, और ठीक (करेक्शन) किया जाता है। विकलदन्त विज्ञान में चेहरे के विकृति की भी चिकित्सा की जाती है। इस क्षेत्र को 'दन्तानन विकलदन्तचिकित्सा' (dentofacial orthopedics) कहते हैं।
दाँतों की असमान्ताएँ
[संपादित करें]दांतों में कई तरह की असामान्यता पाई जाती है जो कि किसी भी मनुष्य में देखी जा सकती है और यह असामान्यता जन्म से भी हो सकती है और अनुवांशिक भी। दांतों की कुछ असामान्यताएं निम्न है:-
- अधिसंख्य दांत (supernumerary teeth) : गिनती से ज्यादा पाए जाने वाले दांतों को अधिसंख्य दंत कहा जाता है और यह जन्म से पाई जाने वाली आसामान्यता है!
- हाइपरडॉनशिया (hyperdontia) : दांतों कआकर का छोटा होना और सरे दांतों में से एक या एक से अधिक दंत का कम होना इस श्रेणी की असामान्यता में आता है!
- अनोडॉनशिया (anodontia) : जब दंत उत्पन्न नहीं हो पते तब उस स्थिति में दांतों की आसम्न्यता को अनोदोंटिया कहते हैं!
- ओलिगोडॉनशिया (oligodontia) : जब ६ या जादा दांत नहीं होते, उस स्थिति को ओलिगोदोंटिया कहते हैं!
- हाइपोडॉनशिया (hypodontia) : जब ६ से कम दंत गायब होते हैं जबड़े में से, वह स्थति ह्य्पोदोंटिया कहलाती है!
- माइक्रोडॉनशिया (microdontia) : दांतों का आकर जब साधारण आकर से अत्यधिक छोटा होता है, उस स्थति को मिक्रोदोंटिया कहते हैं!
- जेमीनेशन (gemination) : जब एक रोगाणु कोशिका से २ दंत उत्पन्न होते हैं, उस स्थति को जैमेनेष्ण कहते हैं!
- हाइपरसीमेंटोसिस (hypercementosis) : दांतों में जब दंत्बज्र की परत साधारण से ज्यादा हो जाती है और जिसके कारण दांतों की जड़ें मोती और फूल जाती है, उस स्थति को ह्य्पेर्सेअमेंतोसिस कहते हैं!
- डाईलेसरेशन (dilaceration) : जब दांतों की जडों में असामन्य झुकाव दीखता है, जो की जड़ के बनने के समय से ही होता है उस स्थति को दिएलेस्स्रेस्न कहते हैं!
- सहवृध्दि (concrescence) : इस स्थिति में २ दांतों की दंत्बज्र आपस में जुड़ जाती है और यह तब दिखाई देती है जब दांतों को निकलवाया जाता है!
- रगड़न (abrassion) : दांतों की उपरी परत जब घिस या रगड़ जाती है यांत्रिक बल के कारण, तब दांतों में रगड़न दिखाई देने लगती है!
- एब्फ्रेक्स्न (abfraction): जब दांतों के दान्त्वलक में छेद और दरारे दिखाई देती है जो की बार बार चबाने से उत्पन्न होती है, उस स्थति को एब्फ्रेक्स्न कहते हैं!
- संघर्षण (attrition) : चबाने और बोलने के कारण दांतों की सतह के ख़राब होने को संघर्षण कहते हैं!
- एनामेलोमास (enamelomass) : दांतों की जड़ो में दान्त्ब्रिज का उपस्थित होना ही एनामेलोमास कहलाता है!
सन्दर्भ
[संपादित करें]- James, William D.; et al. (2006). Andrews' Diseases of the Skin: Clinical Dermatology. Saunders Elsevier
- Bolognia, Jean L.; et al. (2007). Dermatology. St. Louis: Mosby