वार्ता:प्रसंग
प्रेरक प्रसंग[संपादित करें]
जिस प्रकार एक चपाती कहलाने के लिए उस अनाज को पहले पिसा जाता है फिर पानी व नमक डाल कर उसे गूंथा जाता है फिर उसको चपाती का आकार दिया जाता है, तवे पर सेका जाता है फिर उसे अंगारों पर रखकर उसे फुलाया जाता है तब जाकर वह चपाती कहलाती है अगर हमें कोई पद प्राप्त है तो उस पद के अनुकुल हमें भी तपस्या करनी पडेगी। रामलाल Ram 05:52, 26 जून 2019 (UTC)