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वस्तु एवं सेवा कर (भारत)

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30 जून 2017 की मध्यरात्रि में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (जीएसटी) पर भाषण करते हुए

वस्तु एवं सेवा कर (संक्षेप मे: व॰से॰क॰ या जीएसटी अंग्रेज़ी: GST, अंग्रेज़ी: Goods and Services Tax) भारत में १ जुलाई २०१७ से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।[1] [2] इसके लागू होने से केन्द्र सरकार एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू हो गयी है।[3] इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया था।[4]

वस्तु एवं सेवा कर, वस्तु एवं सेवा कर परिषद द्वारा संचालित है। भारत के वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। जीएसटी के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को निम्न दरों पर लगाया जाता है, 0%, 5%, 12%, 18% और,28% (5 TYPES) । मोटे कीमती और अर्ध कीमती पत्थरों पर 0.25% की एक विशेष दर तथा सोने पर 3% की दर है।

31 दिसंबर 2024 तक जीएसटी पंजीकरण की कुल संख्या 1,49,34,379 है। यानी 31.12.2024 तक कुल 1.49 करोड़ करदाताओं ने जीएसटी के तहत पंजीकरण कराया है।



कर की प्रकृति

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जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्‍ता तक वस्‍तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। प्रत्‍येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्‍य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्‍ध होगा जो प्रत्‍येक चरण में मूल्‍य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्‍यक रूप से एक कर बना देता है। अंतिम उपभोक्‍ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्‍त हो जायेंगे।[5][6][7]

चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोटेर्शन पर लगने वाले टैक्स इत्यादि अनेकों करों के स्थान पर अब यह एक ही कर लागू किया जा रहा है।[8]

GST पंजीकरण प्रक्रिया

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आप सरकारी पोर्टल के माध्यम से जीएसटी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं,[9] या आप जीएसटी सेवा केंद्र में पंजीकरण कर सकते हैं।[10]

संभावित लाभ

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वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस व्यवस्था से निम्न लाभ संभावित हैं[5][11][12]:

व्‍यापार और उद्योग के लिए

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  • आसान अनुपालन, पारदर्शिता: एक मजबूत और व्‍यापक सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली भारत में जीएसटी व्‍यवस्‍था की नींव होगी इसलिए पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान आदि जैसी सभी कर भुगतान सेवाएं करदाताओं को ऑनलाइन उपलब्‍ध होंगी, जिससे इसका अनुपालन बहुत सरल और पारदर्शी हो जायेगा।
  • कर दरों और संरचनाओं की एकरूपता: जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि अप्रत्‍यक्ष कर दरें और ढांचे पूरे देश में एकसमान हैं। इससे निश्चिंतता में तो बढ़ोतरी होगी ही व्‍यापार करना भी आसान हो जाएगा। दूसरे शब्‍दों में जीएसटी देश में व्‍यापार के कामकाज को कर तटस्‍थ बना देगा फिर चाहे व्‍यापार करने की जगह का चुनाव कहीं भी जाये।
  • करों पर कराधान (कैसकेडिंग) की समाप्ति- मूल्‍य श्रृंखला और समस्‍त राज्‍यों की सीमाओं से बाहर टैक्‍स क्रेडिट की सुचारू प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि करों पर कम से कम कराधान हों। इससे व्‍यापार करने में आने वाली छुपी हुई लागत कम होगी।
  • प्रतिस्‍पर्धा में सुधार – व्‍यापार करने में लेन-देन लागत घटने से व्‍यापार और उद्योग के लिए प्रतिस्‍पर्धा में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
  • विनिर्माताओं और निर्यातकों को लाभ – जीएसटी में केन्‍द्र और राज्‍यों के करों के शामिल होने और इनपुट वस्‍तुएं और सेवाएं पूर्ण और व्‍यापक रूप से समाहित होने और केन्‍द्रीय बिक्री कर चरणबद्ध रूप से बाहर हो जाने से स्‍थानीय रूप से निर्मित वस्‍तुओं और सेवाओं की लागत कम हो जाएगी। इससे भारतीय वस्‍तुओं और सेवाओं की अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में होने वाली प्रतिस्‍पर्धा में बढ़ोतरी होगी और भारतीय निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। पूरे देश में कर दरों और प्रक्रियाओं की एकरूपता से अनुपालन लागत घटाने में लंबा रास्‍ता तय करना होगा।

केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के लिए

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  • सरल और आसान प्रशासन - केन्‍द्र और राज्‍य स्‍तर पर बहुआयामी अप्रत्‍यक्ष करों को जीएसटी लागू करके हटाया जा रहा है। मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली पर आधारित जीएसटी केन्‍द्र और राज्‍यों द्वारा अभी तक लगाए गए सभी अन्‍य प्रत्‍यक्ष करों की तुलना में प्रशासनिक नजरिए से बहुत सरल और आसान होगा।
  • कदाचार पर बेहतर नियंत्रण – मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के कारण जीएसटी से बेहतर कर अनुपालन परिणाम प्राप्‍त होंगे। मूल्‍य संवर्धन की श्रृंखला में एक चरण से दूसरे चरण में इनपुट कर क्रेडिट कर सुगम हस्‍तांतरण जीएसटी के स्‍वरूप में एक अंत:निर्मित तंत्र है, जिससे व्‍यापारियों को कर अनुपालन में प्रोत्‍साहन दिया जाएगा।
  • अधिक राजस्‍व निपुणता – जीएसटी से सरकार के कर राजस्‍व की वसूली लागत में कमी आने की उम्‍मीद है। इसलिए इससे उच्‍च राजस्‍व निपुणता को बढ़ावा मिलेगा।

उपभोक्‍ताओं के लिए

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  • वस्‍तुओं और सेवाओं के मूल्‍य के अनुपा‍ती एकल एवं पारदर्शी कर – केन्‍द्र और राज्‍यों द्वारा लगाए गए बहुल अप्रत्‍यक्ष करों या मूल्‍य संवर्धन के प्रगामी चरणों में उपलब्‍ध गैर-इनपुट कर क्रेडिट के कारण आज देश में अनेक छिपे करों से अधिकांश वस्‍तुओं और सेवाओं की लागत पर प्रभाव पड़ता है। जीएसटी के अधीन विनिर्माता से लेकर उपभोक्‍ताओं तक केवल एक ही कर लगेगा, जिससे अंतिम उपभोक्‍ता पर लगने वाले करों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
  • समग्र कर भार में राहत – निपुणता बढ़ने और कदाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्‍ता वस्‍तुओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्‍ताओं को लाभ मिलेगा।

इसका सुझाव विजय केलकर समिति (2002) ने दिया था। यह कर वस्तु एवं सेवा कर परिषद् द्वारा निर्धारित किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त (निर्मला सीतारमण) मंत्री हैं। असीम दास गुप्ता समिति ने स्वरूप दिया राज्य सभा मे असम में सबसे पहले स्वीकारकर कानून बना दिया।

अब तक जीएसटी परिषद की कुल 55 बैठकें हो चुकी हैं। 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक 21 दिसंबर 2024 को आयोजित की गई थी[13]

जीएसटी काउंसिल ने पाँच तरह के कर निर्धारित किये हैं, ये 0,5, 12, 18 एवं 28 प्रतिशत | हालांकि बहुत सी चीजों को जीएसटी से छूट दी गई है उन वस्तुओं पर कोई भी कर नहीं लगेगा या जीएसटी नहीं लगेगा जबकि लग्जरी एवं महंगे सामान पर जीएसटी के अलावा सेस भी लगेगा। सरकार के अनुसार इसमें से 81 प्रतिशत चीजें जीएसटी  की 18 प्रतिशत की श्रेणी तक आएंगी |

आदर्श स्थिति में इस व्यवस्था में समस्त कर एक ही दर पर लगाए जाने चाहिएँ, किन्तु भारत में राज्य व केन्द्र तथा एक ही वस्तु या सेवा पर भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न दरें आदि होने से प्रारम्भ में ४ दरें निर्धारित की गईं ताकि वर्तमान राजस्व में अधिक अंतर न पड़े। ये चार दरें 5%, 12‍%, 18‍% तथा 28‍% हैं।‍[12] आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दूध, लस्सी, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप, न्यायिक दस्तावेज, छपी पुस्तकें, समाचार पत्र, चूड़ियाँ और हैंडलूम आदि वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। [14]40लाख से कम की वार्षिक बिक्री वाले व्यापारियों को इस कर व्यवस्था से छूट दी गई है। [14]

प्राप्तियाँ

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मास कर-प्राप्ति परिवर्तन
मई  940.16 बिलियन (US$13.73 अरब) कमी
अप्रैल  1,034.58 बिलियन (US$15.1 अरब)[15] वृद्धि
मार्च  892.64 बिलियन (US$13.03 अरब)[16] वृद्धि
February  851.74 बिलियन (US$12.44 अरब)[17] कमी
January  863.18 बिलियन (US$12.6 अरब)[18] कमी
December  867.06 बिलियन (US$12.66 अरब)[19] वृद्धि
November  808.08 बिलियन (US$11.8 अरब)[19] कमी
October  833.46 बिलियन (US$12.17 अरब)[19] कमी
सितम्बर  951.31 बिलियन (US$13.89 अरब)[19] वृद्धि
अगस्त  931.41 बिलियन (US$13.6 अरब)[19] कमी
जुलाई  940.00 बिलियन (US$13.72 अरब)[20]
मई 2022 ₹ 1,40,885 करोड़[21]
जून 2022 ₹ 1,44,616 करोड़[22]
जुलाई 2022 ₹ 1,48,995 करोड़[23]
अगस्त 2022 ₹ 1,59,069 करोड़[24]
सितम्बर 2022 ₹ 1,62,715 करोड़[25]
अक्टूबर 2022 ₹ 1,51.718 करोड़[26]
मार्च 2023 ₹ 1,60,122 करोड़[27]
अप्रैल 2023 ₹ 1.87 लाख करोड़[28] पिछले महीने की तुलना में 16.78% अधिक
मई 2023 ₹ 1,57,090 करोड़[29] पिछले महीने की तुलना में 16.78% की कमी आई
जून 2023 ₹ 1,61,497 करोड़[30] पिछले महीने की तुलना में 2.8% अधिक
जुलाई 2023 ₹ 1,65,105 करोड़[31]
अगस्त 2023 ₹ 1,59,069 करोड़[32]
सितम्बर 2023 ₹ 1,62,712 करोड़[33]
अक्टूबर 2023 ₹ 1.72 लाख करोड़[34]
नवंबर 2023 ₹ 1,67,929 करोड़[35]
दिसम्बर 2023 ₹ 1,64,882 करोड़[36]
जनवरी 2024 ₹ 1,72,129 करोड़[37]
फ़रवरी 2024 ₹ 1,68,337 करोड़[38]
मार्च 2024 ₹ 1.78 लाख करोड़[39]
अप्रैल 2024 ₹ 2,10,000 करोड़[40]
मई 2024 ₹ 1.73 लाख करोड़[41]

लगभग ३८ लाख नए करदाता जीएसटी में पञ्जीकृत हुए हैं। इस प्रकार कुल करदाताओं की संख्या १ करोड़ पार कर गयी है (६४ लाख करदाता पहले से पंजीकृत थे)[42]

मास वापसी की संख्या परिवर्तन
December 63 lakh[42] कमी
November 64 lakh[42] कमी
October 65 lakh[42] कमी
September 69 lakh[42] वृद्धि
August 67 lakh[42] वृद्धि
July 63 lakh[42]

वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (जीएसटी खुफिया महानिदेशालय)[43]

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वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (जीएसटी खुफिया महानिदेशालय) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत कार्यरत एक प्रमुख एजेंसी है। इसका मुख्य कार्य वस्तु एवं सेवा कर से जुड़ी कर चोरी और धोखाधड़ी की जांच करना है। पहले इसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क खुफिया महानिदेशालय के रूप में जाना जाता था।यह एजेंसी फर्जी इनपुट कर क्रेडिट, नकली बिलिंग और कर चोरी के मामलों की निगरानी कर आवश्यक कार्रवाई करती है। इसके क्षेत्रीय कार्यालय देशभर में कार्यरत हैं। नियमों के उल्लंघन पर यह कानूनी कार्यवाही कर सकती है और सरकार को कर नीति सुधार के सुझाव भी देती है। इस प्रकार, यह कर प्रशासन को पारदर्शी और प्रभावी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।[44]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 30 जुलाई 2017. Retrieved 30 जून 2017.
  2. http://hindi.moneycontrol.com/news/market-news/gst-beginning-of-new-tax-regime_162197.html Archived 2017-07-04 at the वेबैक मशीन मनीकंट्रोल.कॉम
  3. "GST से क्या होगा सस्ता और क्या महंगा". Archived from the original on 27 अक्तूबर 2017. Retrieved 31 अक्तूबर 2017. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  4. "जीएसटी बिल की 7 अहम बातें". Archived from the original on 9 नवंबर 2017. Retrieved 31 अक्तूबर 2017. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  5. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 18 जून 2017. Retrieved 19 मई 2017.
  6. नवभारत टाइम्स. "जीएसटी लागू होने के बाद भी ई-कॉमर्स साइट्स पर मिल रहा 80% तक डिस्काउंट". Archived from the original on 10 जुलाई 2017. Retrieved 7 जुलाई 2017.
  7. एनडीटीवी. "जीएसटी लागू : बचे माल पर नई कीमत नहीं छापी तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है : रिपोर्ट". Archived from the original on 7 जुलाई 2017. Retrieved 7 जुलाई 2017.
  8. "जीएसटी : टाटा मोटर्स ने 2,17,000 रुपये तक घटाए वाहनों के दाम". Archived from the original on 6 जुलाई 2017. Retrieved 7 जुलाई 2017.
  9. Goyal, CA Bhuvnesh (2024-06-20). "GST Registration: Requirements, Process, & Expert Assistance" (in अमेरिकी अंग्रेज़ी). Retrieved 2025-02-11.
  10. "How to Register for GST Online". bajajfinserv.in. Archived from the original on 25 जुलाई 2019. Retrieved 19 जून 2020.
  11. "संग्रहीत प्रति" (PDF). Archived from the original (PDF) on 22 जून 2017. Retrieved 30 जून 2017.
  12. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 6 जनवरी 2019. Retrieved 6 जनवरी 2019.
  13. "Recommendations of the 55th Meeting of the GST Council". pib.gov.in. Retrieved 2025-02-11.
  14. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 30 जून 2017. Retrieved 30 जून 2017.
  15. "In a first, GST collection for April tops Rs 1 lakh crore", Financial Express, 1 May 2018, archived from the original on 26 जून 2018, retrieved 1 जुलाई 2018
  16. "Upswing in GST revenue trends: Rs 892.64 bn collected in March, says Adhia", Business Standard, 2 April 2018[मृत कड़ियाँ]
  17. "GST collection falls to Rs 85,174 crore in February; only 69% file returns", द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, 27 March 2018, archived from the original on 22 जुलाई 2018, retrieved 1 जुलाई 2018
  18. "GST collection for January comes in at Rs 86,318 crore", द इकॉनोमिक टाइम्स, 27 February 2018, archived from the original on 17 जून 2018, retrieved 1 जुलाई 2018
  19. "GST revenue for December rises to Rs 86,703 crore; halts 2-month reverse trend", Business Today, 11 February 2018, archived from the original on 17 जून 2018, retrieved 1 जुलाई 2018
  20. "GST collections dip for second month in Nov to Rs 80,808 crore", द इकॉनोमिक टाइम्स, 27 December 2017, archived from the original on 17 जून 2018, retrieved 1 जुलाई 2018
  21. "₹1,40,885 crore gross GST Revenue collection for May 2022; increase of 44% year-on-year". www.pib.gov.in. Retrieved 2025-02-11.
  22. "₹1,60,122 crore gross GST revenue collected for March 2023". pib.gov.in. Retrieved 2025-02-11.
  23. "₹1,48,995 crore gross GST revenue collected in the month of July 2022". www.pib.gov.in. Retrieved 2025-02-11.
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  26. "₹1,51,718 crore gross GST revenue collected for October 2022". pib.gov.in. Retrieved 2025-02-11.
  27. "₹1,44,616 crore gross GST Revenue collection for June 2022; increase of 56% year-on-year". pib.
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  40. "GST revenue collection for April 2024 highest ever at Rs 2.10 lakh crore". pib.
  41. "Gross GST revenue collection in May 2024 stands at ₹1.73 lakh crore; Records 10% y-o-y growth". pib.gov.in. Retrieved 2025-02-11.
  42. "Why many registered taxpayers are not filing GST returns", Business Today, 27 February 2018, archived from the original on 1 जुलाई 2018, retrieved 1 जुलाई 2018
  43. "DGGI targets fake invoices in crackdown on infra & steel firms". The Times of India. 2025-01-31. ISSN 0971-8257. Retrieved 2025-02-11.
  44. "Explained: Here's what you should know about GST evasion and DGGI - CNBC TV18". CNBCTV18 (in अंग्रेज़ी). 2024-04-10. Retrieved 2025-02-11.

बाहरी कड़ियाँ

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