लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद

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लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद
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CAPRAT का चिन्ह.
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लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद (Council for Advancement of People's Action and Rural Technology (CAPART / कपार्ट)) भारत की एक स्वायत्त संस्था है जो सोसायटीज रजिस्ट्रेशन अधिनियम १८६० के अन्तर्गत पंजीकृत है। यह भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अन्तर्गत काम काम करता है। सम्प्रति यह ग्रामीण भारत में लगभग १२००० स्वयंसेवी संस्थाओं को सहायता करते हुए ग्रामीण विकास का सबसे बड़ा प्रोमोटर है।

इसकी स्थापना सन १९८६ में 'काउंसिल फॉर ऐडवांसमेंट ऑफ रूरल टेक्नॉलोजी' और ' 'पीपल्स ऐक्शन फॉर डेवेलपमेंट (इंडिया)' को मिलाकर की गयी।

यह आर्थिक तथा प्राकृतिक सहयोग द्वारा विकास योजनाओं को पूर्ण रूप से फैलाने तथा बड़े पैमाने पर सुचारू रूप से चलाने वाले स्‍वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों को सहयोग प्रदान करता है। कपार्ट भारत सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर धनराशि प्राप्‍त करता है। इसे ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए स्‍वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों को चलाने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय दाताओं का सहयोग भी मिलता है।

उद्देश्‍य[संपादित करें]

कपार्ट ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यप्रणाली के सुधार का उद्देश्‍य लेकर कार्यरत है, विशेषतया समाज के दलित तथा सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए कार्यरत है। अत: गरीबी रेखा के स्‍तर से नीचे वाले लोगों, अनुसूचित जाति तथा जन‍जाति के लोगों, बंधुआ मज़दूरों, अपंगों, बच्‍चों तथा स्त्रियों को प्रमुखता देना कपार्ट का प्रमुख उद्देश्‍य है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍थायी विकास योजनाओं के कार्यान्‍वयन में स्‍वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों को सहयोग देना।
  • उचित ग्रामीण तकनीकी के विकास की योजना को राष्‍ट्रीय नोडल बिंदु के रूप में कार्य करना।
  • स्‍वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों की क्षमता निर्माण तथा ग्रामीण समुदायों द्वारा ग्रामीण विकास में भाग लेने वाले स्‍वयंसेवी संगठनों को सहयोग और पुरस्‍कार देना।
  • स्‍वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों की प्रौद्योगिकी तथा ग्रामीण विकास के लिए डेटा बैंक के रूप में कार्य करना तथा निपटारा कराने की प्रक्रिया।
  • विकास के लिए सामुदायिक कार्यविधियां उपलब्‍ध कराना।
  • महत्‍वपूर्ण विकास विषयों पर ज्ञान का निर्माण कराना ग्रामीण-स्‍तरीय जनसमूह तथा संगठनों का निर्माण तथा सशक्तिकरण।
  • समुचित प्रौद्योगिकी ग्रामीण तकनीक का प्रचार तथा प्रसार।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में उचित अवसर प्रदान करना तथा आर्थिक निर्भरता देना।
  • आधारभूत आवश्‍यकताओं की पूर्ति के साधनों को सामुदायिक रूप से उपलब्‍ध कराना।
  • प्राकृतिक संसाधनों और वातावरण को सुरक्षित रखना तथा पुनर्निर्मिति करना।
  • नि:शक्‍तों तथा लाभ से वंचित महिलाओं तथा अन्‍य जनसमूह को विकास कार्यक्रम में भाग लेने योग्‍य बनाना।

प्रभाग[संपादित करें]

  • ग्रामीण प्रौद्योगिकी प्रभाग
  • जनसहयोग प्रभाग
  • अंतरराष्‍ट्रीय निधिकरण प्रभाग
  • जलागम विकास प्रभाग
  • लाभार्थी संगठन (ओबी)
  • विपणन विकास प्रभाग
  • सूचना और प्रौद्योगिकी
  • मूल्‍यांकन और निगरानी प्रभाग
  • सतर्कता प्रभाग

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]