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النشيد الوطني اللبناني
लेबनान का राष्ट्रगान
गान लेबनान बोल
रशीद नख़्ले संगीत
वदीह सब्रा, 1925 मान्यता
12 जुलाई 1927
लेबनान का राष्ट्रागान रशीद नख़्ले द्वारा लिखा गया था और इसका संगीत वदीस सब्रा ने बनाया था। इसे १२ जुलाई १९२७ में औपचारिक रूप से मान्यता दी गई थी।[ 1]
मूल
लिप्यान्तरण
अनुवाद
ur
कुल्लुना लिल-वतन, इलि-उला लिल-अलम
मिल-उ अइन इज़-ज़मन, सइफ़ुना वल-क़लम
सहलुना वल-जबल, मनबितुन लिर-रिजाल
क़उलुना वल-अमल फ़ी सबील अल-कमाल
कुल्लुना लिल-वतन, इलि-उला लिल-अलम
कुल्लुना लिल-वतन!
शयख़ुना वल-फ़ता, इन्द सउत-इल-वतन
उस्दु ग़ाबिन मता, साउरतन आल-फ़ितन
शरक़ुना क़ल्बुहु, आबदन लुबनान
शानहु रब्बुहु, लि-मदा-ल-अज़मान
कुल्लुना लिल-वतन, इलि-उला लिल-अलम
कुल्लुना लिल-वतन!
बह्रुहु बर्रुहु, दुर्रतुश-शर्क़ऐन
रिफ़दुहु बिर्रुहु, मालि-उल-क़ुतबऐन
ल्स्मुहु इज़्ज़ुहु, मुन्ज़ु कान-ल-जुदूद
मजदुहु अर्ज़ुहु, रम्ज़ुहु लिल-ख़ुलूद
कुल्लुना लिल-वतन, इलि-उला लिल-अलम
कुल्लुना लिल-वतन!
हम सभी! देश, ध्वज और महानता के लिये!
हमारी वीरता और हमारी लिखाईयाँ युगों की ईर्ष्या हैं
हमारे पहाड़ और हमारी वादी, बलवान आदमी पैदा करते हैं
हमारे शब्द और श्रम सच्ची सिद्धि पाने ले लिये समर्पित हैं
हम सभी! देश, ध्वज और महानता के लिये!
हम सभी! देश के लिये!
हमारे बुज़ुर्ग और हमारे बच्चे, देश की हुंकार की प्रतीक्षा करते हैं
और मुसीबत के समय, वे वन के सिंहों की तरह हैं
पूर्व का हृदय लेबनान ही है
परमात्मा इसकी रक्षा अंतकाल तक करे
हम सभी! देश, ध्वज और महानता के लिये!
हम सभी! देश के लिये!
पूर्व के जवाहर इसकी धरती और समुद्र हैं
ध्रुव-से-ध्रुव तक दुनिया-भर में इसके कर्मों की किर्ती है
समय की शुरुआत से ही इसका नाम महान है
देवदार इसकी शान हैं, इसके अमरत्व की निशानी हैं
हम सभी! देश, ध्वज और महानता के लिये!
हम सभी! देश के लिये!
↑ Lebanon in Pictures Archived 2014-09-20 at the वेबैक मशीन , Margaret J. Goldstein, Page 69, Twenty-First Century Books, 2005, ISBN 9780822511717 , ... Lebanon's national anthem was adopted in 1927. The words were written by Rachid Nakhle, with music by Wadih Sabra. The song is sung in Arabic ...