रुद्र हांजी

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रुद्र हांजी (7 मई 1911 - 7 फरवरी 1980) एक भारतीय कलाकार और मूर्तिकार थे। हांजी की कर्मभूमि प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश का ग्वालियर रहा जहाँ वे पद्मा विद्यालय में कला के आचार्य रहे।

जीवन[संपादित करें]

रुद्रहांजी का जन्म 7 मई 1911 को कर्नाटक के तारिकेरे नामक स्थान पर हुआ। मैसूर से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करके 1930 में शांतिनिकेतन के विश्वभारती से उन्होंने चित्रकला और मूर्तिकला की शिक्षा प्राप्त की। 1936 में बसंत कन्या महाविद्यालय बनारस में कला शिक्षक नियुक्त हुए और 1944 में ग्वालियर की महारानी विजयाराजे सिंधिया के बुलाने पर पद्मा विद्यालय के कला निदेशक के रूप में यहां आये।[1]

कार्य[संपादित करें]

उनके बनाए विविध मूर्तिशिल्प ग्वालियर में देखे जा सकते है जो पद्मा स्कूल, कला वीथिका में भी संरक्षित हैं और कई आम जगहों पर भी शहर में मौजूद हैं।[2]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "रुद्र हांजी की जीवंत कला का गवाह है ग्वालियर का शासकीय पद्मा कन्या विद्यालय". दैनिक भास्कर. 7 फरवरी 2018. मूल से 29 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मार्च 2020.
  2. "Sculpting out a Third Dimension from Madhya Pradesh". www.artnewsnviews.com. मूल से 17 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मार्च 2020.