राजाजी (फ़िल्म)
राजाजी | |
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राजाजी का पोस्टर | |
निर्देशक | विमल कुमार |
लेखक | कादर ख़ान (संवाद) |
पटकथा | सतीश जैन |
निर्माता | विमल कुमार |
अभिनेता |
गोविन्दा, रवीना टंडन, सतीश कौशिक, शक्ति कपूर, अरुणा ईरानी, कादर ख़ान |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ |
21 मई, 1999 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
राजाजी 1999 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह विमल कुमार द्वारा निर्मित और निर्देशित है और इसमें गोविन्दा और रवीना टंडन ने अभिनय किया है।[1]
संक्षेप
[संपादित करें]शिवनाथ (कादर ख़ान), उनकी पत्नी पार्वती (अरुणा ईरानी) और बेटा राजाजी (गोविन्दा) एक गांव में रहते हैं। अपने पति की इच्छा के विरुद्ध, पार्वती ने अपने पुत्र का बहुत समर्थन किया है। राजा आलसी है और आसान जीवन जीना चाहता है। वह सोचता है कि अगर वह किसी अमीर लड़की से शादी कर लेगा तो उसे काम नहीं करना पड़ेगा। इसलिए राजाजी अपने मामा शादीलाल (सतीश कौशिक) के साथ एक अमीर लड़की की तलाश में मुंबई जाता है।
मुंबई में, राजाजी पायल (रवीना टंडन) को एक बड़ी कार में देखता है जो एक आलीशान घर में जाती है। वह मान लेता है कि पायल बहुत अमीर होगी और उसके साथ रिश्ते में आ जाएगी। शादी के बाद, राजाजी को एहसास हुआ कि पायल अमीर नहीं थी। वह उस घर के वफादार माली प्रताप सिंह (मोहन जोशी) की बेटी है। राजाजी गुस्से में अपनी पत्नी और ससुर को त्याग देता है और मुंबई से भागकर अपने घर वापस आ जाता है। जहां उसकी मां सहित उसके पिता उसे अस्वीकार कर देते हैं। फिर वह अपनी पत्नी के पास लौटता है और माफी मांगने की कोशिश करता है। लेकिन उसके ससुर उसका उपहास बनाते हैं क्योंकि उन्होंने लॉटरी जीती है और अब वह अमीर हैं। निराश होकर, राजाजी प्रताप सिंह के पिछले नियोक्ता धनपत राय (शक्ति कपूर) के कारखाने में काम करना शुरू कर देता है। वह कड़ी मेहनत का मूल्य सीखता है और एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति बन जाता है। अंततः वह अपनी पत्नी और ससुर दोनों को वापस जीत लेता है और एक बेहतर इंसान बनकर एक बार फिर अपने माता-पिता का सम्मान अर्जित करता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- गोविन्दा — राजाजी
- रवीना टंडन — पायल
- सतीश कौशिक — शादीलाल
- शक्ति कपूर — धनपत राय
- मोहन जोशी — प्रताप सिंह
- रंजीत — माखनलाल
- अरुणा ईरानी — श्रीमती शिवनाथ
- कादर ख़ान — शिवनाथ
- दिव्या दत्ता — सोनिया
- दिनेश हिंगू — करोड़ीमल
- मुशताक ख़ान — कालीचरण 'कलुआ'
- गुड्डी मारुति — कालीचरण की पत्नी
- शगुफ़्ता अली — माखनलाल की पत्नी
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "तेरे प्यार ने - पुरुष संस्करण" | उदित नारायण | 5:13 |
2. | "राजा चलो अकेले में" | कुमार शानू, अलका यागनिक | 4:55 |
3. | "सन्डे की रात" | कुमार शानू, सपना मुखर्जी | 5:03 |
4. | "तेरे प्यार ने - महिला संस्करण" | अलका यागनिक | 5:10 |
5. | "राजाजी राजाजी" | विनोद राठौड़ | 5:35 |
6. | "रेशम वाले" | उदित नारायण | 4:29 |
7. | "रुत नई नई" | अनुराधा पौडवाल, उदित नारायण | 5:46 |
8. | "सासुजी" | पूर्णिमा | 4:56 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "'सेट पर गोविंदा 5 घंटे लेट आते थे', रवीना टंडन ने कहा- मैंने कभी शिकायत नहीं की". www.abplive.com. 20 मई 2023. अभिगमन तिथि 19 दिसम्बर 2023.