रति
Jump to navigation
Jump to search
रति देवी का उल्लेख प्राचीन काल से ही वेद, शतपथ ब्राह्मण, एवं उपनिषदों में होता चला आ रहा है। इन परंपराओं में इसे सौंदर्य की अधिष्ठात्री देवी एवं उषा के समकक्ष कहा गया है। पौराणिक परंपरा में दक्ष की पुत्री एवं शतपथ ब्राह्मण के अनुसार गंधर्व कन्या के रूप में इनका उल्लेख मिलता है। दक्ष एवं गंधर्व वस्तुतः विलासी जातियां रही है। इन्हें कामदेव की अर्धांगिनी भी कहा जाता है।