मुकुटों का एकीकरण
मुकुटों का एकीकरण यानि Union of the Crowns (गैलिक: Aonadh nan Crùintean; स्कॉट्स: Union o the Crouns) स्कॉटलैंड के राजा जेम्स ६ का २४ मार्च १६०३ ई. को अंग्रेजी सिंहासन व आयरलैंड के साम्राज्य पर अवरोहण व नतीजतन तीनों देशों के वैश्विक कूटनीतियों व संबंधों का एक सम्राट के अंतर्गत एकीकरण था। मुकुटों का एकीकरण ट्यूडर राजघराने से संबधित इंग्लैंड की अंतिम रानी एलिज़ाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद हुआ था [1] जो जेम्स की अविवाहित व वंशहीन बुआ थीं।
जेम्स के एकीकृत वृहद ब्रिटेन (ग्रेट ब्रिटेन) बनाने के अथक प्रयासों के बाद भी यह एकीकरण व्यक्तिगत या वंशानुगत एकीकरण ही रहा क्योंकि स्कॉटलैंड का सिंहासन ब्रिटेन से अलग ही रहा। हालांकि उसपर शासन जेम्स का ही था। इसके अनुसार स्कॉटलैंड और इंग्लैंड अलग देश बने रहे जबकि आयरलैंड के साथ उन तीनों देशों का शासक एक ही रहा। अंतिम स्कॉट रानी ऐने के समय में एकीकरण कानून, १७०७ के पारित होने के बाद स्कॉटलैंड इंग्लैंड व वेल्स के साथ मिलकर ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा हो गया। इसके बाद से इन तीनों क्षेत्रों को सम्मिलित रूप से ग्रेट ब्रिटेन कहा जाने लगा। [2]
एकीकरण की नींव
[संपादित करें]इस एकीकरण की नींव उसी वक्त पड गई थी जब स्कॉटों के राजा जेम्स ४ ने हेनरी ८ की बडी बहन मार्गरेट टुडोर से इंग्लैंड व स्कॉटलैंड के मध्य हुए चिरकालीन शांति की संधि (पीस ऑफ पर्पेचुअल ट्रीटी) के तहत शादी की। कवि विलियम डनबार ने इस संधि की महत्ता का अपनी कविता द थ्रिसिल्ल्स ऐंड द रोइस में वर्णन किया है। इस संधि को सदियों पुरानी एंग्लों-स्कॉटिश वैम्नस्यता को खत्म करने के प्रयासों के तहत किया गया था। इस विवाह ने स्टुअर्टों को इंग्लैंड के ट्यूडर राजघराने के उत्तराधिकारियों के साथ रिश्तों के बंधन में बांध दिया और ब्रिटिश सत्ता के लिए एक नया वंशबीज बो दिया। उस वक्त किसी स्कॉटिश राजकुमार का इंग्लैंड की सत्ता पर उत्तराधिकार पाना बेहद मुश्किल व अस्वभाविक था। तमाम अंग्रेज सामंत व दरबारी इस संधि से खुश नहीं थे व भविष्य में इसके नतीजों से फिक्रमंद थे। वे नहीं चाहते थे कि इंग्लैंड के सिंहासन पर कोई स्कॉट बैठे। हालांकि यह संधि चिरकालीन नहीं रह सकी और १५१३ में ही इंग्लैंड के हेनरी ८ ने आयरलैंड के राजा के साथ मिलकर फ्रांस पर आक्रमण कर दिया। इस वक्त फ्रांस ने स्कॉटलैंड के साथ अपनी पुरानी संधि ऑल्ड गठबंधन को खत्म करने की घोषणा कर दी जिसके परिणामस्वरूप जेम्स को पुराने साथी फ्रांस के साथ उत्तरी इंग्लैड के राज्यों पर आक्रमण करना पडा।
आने वाले वर्षों में स्कॉटलैंड व इंग्लैंड के संबंध खराब बने रहे। हेनरी अष्टम के शासनकाल में १५०३ तक गैर वाज़िब लगने वाला उत्तराधिकार का मुद्दा किसी वैध ट्यूडर वंशज के ना होने पर और विकराल हो गया। मार्गरेट टूडोर के वंशजों को इंग्लैंड की सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। यह संबंध और भी खराब हो गये जब किसी स्कॉटों ने इंग्लैंड के सिंहासन पर अपना दावा करना शुरुकर दिया। एलिज़ाबेथ प्रथम के शासनकाल में स्कॉटों व अंग्रेजों के बीच संबंध बेहद खराब रहे जब स्कॉटों की रानी मैरी १ ने एलिज़ाबेथ प्रथम के उत्तराधिकार को चुनौती दी। चूंकि एलिज़ाबेथ हेनरी ८ की प्रथम पत्नी की संतान नहीं थी इसलिए बहुत से लोग उन्हें इंग्लैंड का जायज शासक नहीं मानते थे। एलिज़ाबेथ ने अपने खिलाफ षडयंत्र रचने के आरोपों में मैरी को मृत्युदंड दे दिया था। हालांकि एलिज़ाबेथ के अविवाहित और निसंतान होने की वजह से मैरी के पुत्र व मार्गरेट टुडोर के वंशज जेम्स ६ के अलावा पूरे इंग्लैंड व स्कॉटलैंड में अंग्रेजी सिंहासन का कोई और वैध उत्तराधिकारी नहीं बचा था। परिणामस्वरूप स्कॉटलैंड का जेम्स ६ दोनों सिहांसनों पर काबिज हुआ और दोनों के एकीकरण का प्रस्ताव रखते हुए दोनों साम्राज्यों को एक ही राजवंश के अंतर्गत ले आया। इसके बाद से ही जेम्स को स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम के साथ-साथ इंग्लैंड का जेम्स प्रथम भी कहते हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ जॉन डैनियल मैक्वे. "The Union of The Crowns 1603 - 2003". Uotc.scran.ac.uk. मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-10-25.
- ↑ डेविड लारेंस स्मिथ (1998). A History of the Modern British Isles, 1603–1707: The Double Crown. नामालूम प्राचल
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सुझावित है) (मदद)