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मीटू आन्दोलन

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मीटू आंदोलन (या #MeToo मूवमेंट ), यौन उत्पीड़न और यौन हमले के विरुद्ध शुरु हुआ एक सामाजिक आंदोलन है जिसमें लोग यौन अपराध के आरोपों को प्रकाशित करते हैं। "मी टू" पद इस संदर्भ में सबसे पहले यौन उत्पीडित एवं कार्यकर्ता टराना बर्क द्वारा सामाजिक जनसंचार माध्यम माई स्पेस पर २००६ ई. में प्रयुक्त किया गया। हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने उनके मामले पर "लीडिंग विथ एमपथी: टराना बर्ग ऐंड द मेकिंग ऑफ द मी टू मूवमेंट" नाम से एक अध्ययन प्रकाशित किया।

बर्ग तथा परवर्ती आंदोलनकारियों के अनुसार इस आंदोलन का उद्देश्य यौन उत्पीड़ित लोगों को संवेदना और एकजुटता द्वारा सशक्त करना था। विशेषकर युवा एवं संकटग्रस्त महिलाओं को सशक्त महसूस कराना था संख्या बल द्वारा यह दिखाकर कि कितने ही लोगों ने कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न तथा यौन हमलों को झेला है।

अक्टूबर २०१८ में हार्वी वाइंस्टाइन के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद यह आंदोलन तेजी से फैल गया।[1] १५ अक्टूबर २०१७ को अमेरिकी अभिनेत्री अलिसा मिलानो ने ट्वीटर पर लिखा था कि- "यदि सभी महिलाएं जो यौन उत्पीड़न या यौन हमले का शिकार हुई हैं 'मी टू' को स्टेटस में लिखें तो हम लोगों को समस्या की विकरालता का आभास करा सकते हैं।" इसके प्रत्युत्तर में आए अनेक अमेरिकी लोकप्रिय हस्तियों, ग्वीनथ पालट्रोव, ऐशले जुड, जेनिफर लौरेंस, उमा थर्मन आदि की प्रतिक्रियाओं एवं संदेशों ने इसे और प्रसारित कर दिया।

इससे यौन उत्पीड़न पर शुरु हुई चर्चाओं और मीडिया खबरों ने विशेषकर हॉलिवुड में अनेक उच्च पदस्थ लोगों के त्यागपत्र और सेवामुक्त किए जाने को तथा अनेक बहसों को भी जन्म दिया।

अंग्रेजी में 'मी टू' के लाखों लोगों द्वारा प्रयोग किए जाने के साथ ही यह अन्य दर्जनों भाषाओं में भी प्रयुक्त होने लगा। इसके साथ ही इस आंदोलन की संभावनाएं भी विस्तृत हो गई। हाल में बर्क ने इसे 'हाशिए के लोगों के न्याय का अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन' कहा है।

ट्वीटर पर शुरू हुए इस हैशटैग #मीटू को टाइम (अंग्रेज़ी पत्रिका) ने 'पर्सन ऑफ द ईयर 2017' घोषित किया।[2]


एलिसा मिलानो ने 2017 में हार्वी वाइंस्टाइन के खिलाफ आरोपों के बाद हैशटैग के उपयोग को प्रोत्साहित किया

वर्कफोर्स यौन उत्पीड़न की कहानियों को साझा करने के बारे में कई हैशटैग #MeToo से पहले उपयोग में थे, जिनमें #MyHarveyWeinstein, #YouOkSis, #WhatWereYouWearing और #SurvivorPrivilege शामिल हैं।

अक्टूबर 2017 में शुरू हुआ #MeToo हैशटैग दो महीने से भी कम समय में टाइम (अंग्रेज़ी पत्रिका) के लिए पर्सन ऑफ द ईयर बन गया। एलिसा मिलानो नामक अभिनेत्री ने हॉलीवुड के फिल्म निर्माता हार्वी वाइंस्टाइन के खिलाफ सबसे पहले अपनी बात कही थी। वास्तव में #MeToo हैशटैग का जन्म करीब 11 साल पहले मायस्पेस नामक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हो चुका था। तब यह एक जनजागृति अभियान था। उस अभियान का उद्देश्य रंग और लिंग के आधार पर भेदभाव के विरुद्ध लड़ना था, लेकिन उस अभियान को उतनी कामयाबी नहीं मिल पाई, जितनी इस अभियान को।

इसकी शुरूआत अमेरिकी सिविल राइट्स एक्टिविस्ट तराना बर्क ने की थी।[3][4] 15 अक्टूबर 2017 को जब यौन हिंसा के खिलाफ #MeToo अभियान शुरू हुआ, तब उन्होंने जिन सूचनाओं, संवादों, फिल्मों आदि को शेयर किया, तो उसे कई लोगों ने दिल तोड़ने वाली बात कहा।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

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  1. MeToo हैशटैग कम से कम 85 देशों में चला गया है, जिसमें भारत, पाकिस्तान और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। संसद में और ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के कार्यालयों में दुर्व्यवहार के आरोपों को जन्म देने के बाद, यूरोपीय संसद ने मुझे मी टू अभियान के जवाब में सीधे एक सत्र बुलाया। व्यापार के यूरोपीय आयुक्त सेसिलिया मालमस्ट्रॉम ने विशेष रूप से बैठक के कारण होने के कारण हैशटैग का हवाला दिया।

भारत में इसकी शुरूआत तनुश्री दत्ता ने की थी।[5] उन्होंने नाना पाटेकर पर आरोप लगाए थे।[6][7]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "एंजेलीना जोली ने वाइनस्टीन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए". Archived from the original on 17 अक्तूबर 2018. Retrieved 17 अक्तूबर 2018. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  2. "TIME'S EDITOR-IN-CHIEF ON WHY THE SILENCE BREAKERS ARE THE PERSON OF THE YEAR". Archived from the original on 17 अक्तूबर 2018. Retrieved 17 अक्तूबर 2018. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  3. "आखिर है क्या ये मी टू कैंपेन जिसके तहत हर दिन हो रहे हैं नए खुलासे, नाना, कैलाश से लेकर अब तक फंसे इतने सेलेब्स". Archived from the original on 17 अक्तूबर 2018. Retrieved 17 अक्तूबर 2018. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  4. "https://www.jansatta.com/national/me-too-campaign-movement-in-india-in-hindi-what-is-me-too-campaign-movement-meaning-story-in-india-in-hindi/786802/". Archived from the original on 17 अक्तूबर 2018. Retrieved 17 अक्तूबर 2018. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help); External link in |title= (help)
  5. "After a Long Wait, India's #MeToo Movement Suddenly Takes Off". Archived from the original on 18 अक्तूबर 2018. Retrieved 17 अक्तूबर 2018. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  6. "India's #MeToo: Some of the sexual harassment charges that have surfaced this month". Archived from the original on 17 अक्तूबर 2018. Retrieved 17 अक्तूबर 2018. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  7. "#MeToo's Twitter Gatekeepers Power a People's Campaign in India". Archived from the original on 24 अक्तूबर 2018. Retrieved 24 अक्तूबर 2018. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)

बाहरी कड़ियाँ

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