मस्जिद ए नबवी

मस्जिद-ए-नबवी (अरबी: المسجد النبوي, अल-मस्जिद अल-नबवी), सऊदी अरब के शहर मदीना में वाक़ी इस्लाम का दूसरा मुक़द्दस तरीन मक़ाम है।
मक्का में मस्जिद-ए-हरम मुसलमानों के लिए मुक़द्दस तरीन मक़ाम है। जबकि बैतुल मुक़द्दस में मस्जिद-ए-अक़्सा इस्लाम का तीसरा मुक़द्दस तरीन मक़ाम।
तारीख़
[संपादित करें]मस्जिद-ए-नबवी को हुज़ूर रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने 622 या 623 में तामीर किया था। असल मस्जिद मुस्ततील शकल की था। मशरिक़ से मग़रिब यक इसकी चौड़ाई 63 क्यूबिट (30.05 मीटर) थी और शमाल से जनूब इसकी लम्बाई 70 क्यूबिट (35.62 मीटर) थी। ये कच्ची ईंटों से बनाया गया था और इसकी छत ताड़ के पत्तों और मिट्टी की थी और इसमें ताड़ के तनों से खम्बों बनाए गए थे। छत 7 क्यूबिट (3.60 मीटर) ऊँची थी। बराम्दा खुला छोड़ा गया था। सन् 628 में ख़ैबर की जंग में फ़तेह के बाद इसमें शमाल, मशरिक़ और मग़रिब की तरफ़ विस्तार किया गया और यह तक़रीबन 93 क्यूबिट का वर्ग बन गया।[1]
ख़लीफ़ा-ए-अव्वल अबु बकर के दौर में मस्जिद में कोई ख़ास तब्दीली नहीं किये गए। 639 में दुसरे ख़लीफ़ा उमर इब्न अल-ख़त्ताब ने मस्जिद को दोबारा वसीय किया और मस्जिद मशरिक़ से मग़रिब 113 क्यूबिट चौड़ी और शमाल से जनूब तक 130 क्यूबिट लम्बी कर दी गयी। छत को 11 क्यूबिट (5.6 मीटर) ऊँचा कर दिया गया।[2]
तीसरे ख़लीफ़ा उसमान बिन अफ़्फ़ान ने 649 में पुरानी इमारत को तुड़वा कर मस्जिद को दोबारा तामीर किया। तामीर में दस महीने लगे। शमाल से जनूब मस्जिद 160 क्यूबिट (81.40 मीटर) थी और मशरिक़ से मग़रिब 123 क्यूबिट (62.58 मीटर)। इस तामीर में दीवार पत्थर और चिनाई के मसाले की बनाई गयी थी और पुराने सुतूनों की जगह लोहे के सुतूनों इस्तेमाल या गया था। छत का सागवान की लकड़ी से किया गया।[3]
निज़ाम हैदराबाद का अतिया
[संपादित करें]निज़ाम हैदराबाद "मीर उस्मान अली खान" ने हज और उमराह के इन मुक़द्दस तरीन मक़ामों पर जाने वाले ज़ाइरीन के लिए मदीना मुनवारा में मस्जिद अल-हरम और मस्जिद अन-नबावी के आसपास तीस से ज़्यादा अज़ीम अश्शान इमारतें बिनाई।[4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]टीका
[संपादित करें]- ↑ Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin 2005, p. 49-51.
- ↑ Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin 2005, p. 54.
- ↑ Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin 2005, p. 55-56.
- ↑ "Nizam Donated To Saudi Arabia For Maintenance Of Harmain Sharifain From 1911 To 1954". Deccan Digest. 26 अप्रैल 2020. अभिगमन तिथि: 14 फरवरी 2021.
ग्रन्थसूची
[संपादित करें]- Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin (2005). Architectural Conservation in Islam : Case Study of the Prophet's Mosque. Penerbit UTM. ISBN 9789835203732.
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