सामग्री पर जाएँ

भगवानदास पटेल

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
अहमदाबाद राष्ट्रीय पुस्तक मेले में भगवानदास पटेल, नवंबर 2018

भगवानदास पटेल (जन्म 19 नवंबर 1943) एक गुजराती लोककथाकार हैं।उन्होंने गुजरात के आदिवासी साहित्य में शोध का बीड़ा उठाया है [1] और राज्य के मौखिक साहित्य को मुख्य साहित्यिक समुदाय के ध्यान में लाया है। [2] 1995 में, उन्होंने रामायण का पहला आदिवासी संस्करण संकलित करकेप्रकाशित कराया जिसका नाम "भीली लोकाख्यान : रोम सीतमानी वारता" (अर्थ : भील लोगों की रामकथा) है।[3]

उनके द्वारा रचित अन्य ग्रन्थ ये हैं- लीला मोतिया, फुलरोनी वाडी, अरवल्ली पहाडनी आस्था, डुंगरी भीलोना अरेला, अरवल्लीनी वही वातो, भीलोनु भारथ आदि।

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. Yājñika, Hasu (2004). A study in tribal literature of Gujarat. Nayan Suryanand Loka-Pratishthan. ओसीएलसी 61253720.
  2. Devy, G. N. (2006). A nomad called thief: reflections on Adivasi silence. Orient Longman. p. 81. ISBN 978-81-250-3021-8.
  3. Joshi, Aruna Ravikant (2009). "Fieldwork Report: The Dangi Ramakatha:An Epic acculturated?". Indian Folklore Research Journal. 3 (6): 13–37. मूल से से 3 अगस्त 2019 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 16 जुलाई 2023.