बेन्ड इट लाइक बेकहम
Bend It Like Beckham | |
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निर्देशक | Gurinder Chadha |
लेखक |
Gurinder Chadha Guljit Bindra Paul Mayeda Berges |
निर्माता |
Gurinder Chadha Deepak Nayar |
अभिनेता |
Anupam Kher Parminder Nagra Keira Knightley Jonathan Rhys Meyers |
कथावाचक | Charlotte Hill |
छायाकार | Jong Lin |
संपादक | Justin Krish |
संगीतकार | Craig Pruess |
निर्माण कंपनी |
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वितरक | Fox Searchlight Pictures |
प्रदर्शन तिथि |
11 अप्रैल 2002 (U.K.) 1 अगस्त 2003 (U.S.) |
लम्बाई |
112 minutes |
देश | यूनाइटेड किंगडम |
भाषायें | English, Punjabi, German, Hindi |
लागत | £6 million |
कुल कारोबार | £50 million |
बेन्ड इट लाइक बेकहम परमिंदर नागरा, केइरा नाइटली और आर्ची पंजाबी अभिनीत 2002 की एक हास्य-नाटकीय फिल्म है, जो सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम में रिलीज हुई. यह फिल्म गुरिंदर चड्ढा द्वारा निर्देशित है। इसका शीर्षक फुटबॉल के खिलाड़ी डेविड बेकहम और डिफेंडरों (रक्षकों) की दीवार को भेदते हुए "झुककर" (तिरछा होकर) बॉल को फ्री किक मारकर गोल बनाने के उनके कौशल से प्रेरित होकर दिया गया है।
कथानक
[संपादित करें]लंदन में रहनेवाले पंजाबी सिख परिवार की 18 साल की बेटी है जसमिंदर "जेस" भामरा (परमिंदर नागरा), जो हिथ्रो हवाई अड्डे पर काम करती है। जुलिएट "जूल्स" पैक्स्टोन (केइरा नाइटली) एक अंग्रेज दंपति की बेटी है। जेस फुटबॉल के प्रेम में अंधी है, लेकिन चूंकि वह एक महिला है, इसीलिए उसके माता-पिता उसे खेलने की अनुमति नहीं देते हैं। हालांकि कुछ समय तक वह बहुत सारे लड़कों और गुप्त रूप से समलैंगिक अपने अच्छे मित्र टोनी के साथ पार्क में खेलती है। जब जूल्स को जेस के हुनर का पता चलता है, वह जेस को आजमाने के लिए अपने स्थानीय दल हाउंस्लो हैरियर में आमंत्रित करती है, जो (जोनाथन रेह्स मेयेर्स) जिसका कोच है। वह दल से जुड़नेवाले नए खिलाड़ी के प्रति सशंकित रहता है, लेकिन जब उसे जेस के हुनर का पता चलता है और यह कि वह जूल्स के साथ तुरंत घुल-मिल जाती है तो वह उसे दल में शामिल कर लेता है। इस विचार से अपने माता-पिता के सहमत होने के बारे में जो से जेस झूठ बोलती है।
जो के प्रति जेस आकर्षित होती है और जब दल हैम्बर्ग की यात्रा करता है तब जो और जेस के बीच संबंध विकसित होता है; रात के अंत में जब दोनों एक-दूसरे को चूमने वाले होते हैं तभी जूल्स, जो कि जो के प्रति प्रेमासक्त है, बाधा डालती है, इससे जेस और जूल्स की दोस्ती में खटास आ जाती है। जब जेस जूल्स के घर अपनी दोस्ती को दुरुस्त करने के लिए आती है, श्रीमती पैक्स्टोन को गलतफहमी हो जाती है कि ये दोनों समलैंगिक रिश्ते में जुडी हुई हैं।
जेस के माता-पिता को पता चलता है कि जेस खेलती रहती है तो वे और अधिक सख्ती बरतते हैं ताकि वह मैच न खेल पाए. इस बीच भामरा परिवार के बुजुर्ग अपनी बड़ी बेटी पिंकी की जल्दी ही होनेवाली शादी के लिए व्यापक तैयारी में मशगूल हो जाते हैं।
जेस और जूल्स के कौशल के कमाल से हैरियर लीग टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंच जाता है। दुर्भाग्य से, पिंकी की शादी के दिन ही फाइनल होनेवाला होता है। जो श्री भामरा से विनती करता है कि वे जेस को खेलने की अनुमति दें, लेकिन वे मना कर देते हैं। वे यह नहीं चाहते हैं कि जिस तरह उन्हें उनकी नस्ल के कारण क्रिकेट क्लब से बाहर कर दिया गया था, वैसा ही जेस के साथ भी हो.
जो स्वीकार कर लेता है कि जेस नहीं खेलेगी और फाइनल उसके बिना ही शुरू होता है। पिंकी की शादी समारोह के बीच में, टोनी जेस को खेलने देने के लिए श्री भामरा को मना लेता है। टोनी जेस को फाइनल में पहुंचाने के लिए कार से लेकर जाता है, जहां हैरियर 1-0 से पीछे होता है, जबकि आधे घंटे का खेल बाकी था।
जेस और जूल्स स्कोर को बराबरी पर ले आती हैं और जब जेस को एक फ्री किक मिलती है, तब उसे खेल जीतने के लिए खिलाडि़यों की दीवार के आस-पास से गेंद को घुमाना जरूरी होता है। वह इसमें सफल हो जाती है और हाउंस्लो टूर्नामेंट जीत जाती है। जेस और जूल्स को कैलिफोर्निया के सांता क्लारा यूनिवर्सिटी में फुटबॉल के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की जाती है। जूल्स अपने माता-पिता को तुरंत बताती है, लेकिन जेस अपने माता-पिता से यह कहने पर से हिचकती है।
जूल्स और श्रीमती पैक्स्टोन शादी समारोह में पहुंचती हैं, जेस के साथ जूल्स के जश्न मनाने के लिए और श्रीमती पैक्स्टोन जेस पर पाखंडी होने का आरोप लगाते हुए उसे समलैंगिक कहती हैं। जूल्स अपनी मां को खींचती है और शर्म से वहां से चली जाती है।
जेस ने अपने माता-पिता से छात्रवृत्ति के बारे में अब तक कुछ नहीं बताया है, इसीलिए टोनी एक शर्त पर जेस से अपनी सगाई की योजना के बारे में परिवार से झूठ कहता है; वह जिस किसी कॉलेज में जाना चाहती है जाए. जेस उसके झूठ को उजागर कर देती है, लेकिन श्रीमती भामरा अपने पति को उसे खेलने जाने की अनुमति देने और फिर मना करने का आरोप लगाती हैं। श्री भामरा उसे जाने के लिए अनुमति देने के सिलसिले में श्रीमती भामरा से बात करते हैं।
जेस दौड़ती हुई फुटबॉल मैदान जाती है और जो को अपने माता-पिता के निर्णय के बारे में बताती है। दोनों लगभग चुंबन लेनेवाले होते हैं कि उसके माता-पिता को आपत्ति होने की बात कह कर जेस खुद को पीछे हटा लेती है और हालांकि वे उसे इतनी दूर अमेरिका में खेलने के लिए भेजने को तैयार हो गए हैं, लेकिन उसे ऐसा नहीं लगता है कि अब वे उसकी ओर से अन्य सांस्कृतिक प्रतिघात को झेलने में सक्षम होंगे.
जेस और जूल्स जिस दिन उड़ान भरनेवाले होते हैं श्रीमती पैक्स्टोन अपनी बेटी को एक फुटबॉल जर्सी देती हैं और उसकी खुशकिस्मती की कामना करती हैं। वे दोनों हवाई जहाज में सवार होनेवाली होती हैं कि तभी जो पहुंचता है और जेस के लिए अपने प्रेम का इकरार करता है। दोनों चुंबन लेते हैं और क्रिसमस के लिए लौटने पर जेस इस संबंध को (और अपने माता-पिता को) सुलझाने पर सहमत हो जाती है।
जेस और जूल्स दल की एक तस्वीर अपने माता-पिता को भेजती हैं और यह पता चलता है कि पिंकी गर्भवती है। श्री भामरा जो की मदद से क्रिकेट का अभ्यास करते हैं।
पात्र
[संपादित करें]- जेस्मिंदर कौर "जेस" भमरा के रूप में परमिंदर नागरा
- जूलियट "जूल्स" पैक्सटन के रूप में केइरा नाइटली
- जेस के पिताजी के रूप में अनुपम खेर
- जेस की मां के रूप में शाहीन खान
- जो के रूप में जोनाथन रहिस मेयेर्स
- "पिंकी" भमरा के रूप में आर्ची पंजाबी
- पाउला पैक्सटन के रूप में जूलियट स्टीवेंसन
- टोनी के रूप में अमीत चना
- मीना के रूप में पूजा शाह
- मोनिका के रूप में प्रिया कालिदास
- टैज़ के रूप में ट्रे फ़ार्ले
- सोनी के रूप में सरज चौधरी
- बबली के रूप में पवेन विर्क
- वेटर के रूप में नितिन सत्या (गैर-आकलित भूमिका)
अभिग्रहण
[संपादित करें]आलोचनात्मक अभिग्रहण
[संपादित करें]फिल्म ने आलोचकों को चौंका दिया और इसकी ज्यादातर समीक्षाएं सकारात्मक रहीं. लॉस एंजिल्स टाइम्स के केनेथ तुरान का कहना है कि "फिल्म सचमुच सहज हास्य से भरपूर है, परिवेश का एक त्रुटिहीन ज्ञान जो कि संस्कृति की पर्याप्त घनिष्ठ जानकारी का परिणाम है, ताकि इसकी अंतर्निहित अखंडता की समझदारी को बनाये रखते हुए हंसी-ठठ्ठा किया जा सके."[1] द टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि बेन्ड इट "वाकई सामाजिक मानदंड और रहन-सहन के नियमों को तोड़ने-मरोड़ने के बारे में है - सबसे अंत में गेंद को मोड़ दिया जाता है, महत्वाकांक्षा के गोलपोस्ट के जरिए इसे बेकहम की तरह घुमा दिया जाता है [...] आसानी से ज्ञात न होने वाले विभाजन से दिखाया जाता है कि ब्रिटेन बदल रहा है, लेकिन अब तक पूर्णतया नहीं बदला है। साउथॉल के किसी शराबखाने में चड्ढा के पिता को एक पिंट (डेढ़ पाव) शराब देने से मना करने के बाद से सख्त हुए जबड़े ने मीलों का सफर समय के साथ तय कर लिया, लेकिन खराब ढंग से बनाई गयी करी में जमे मसाले वाले भोजन की तरह, बहु-नस्लीय ब्रिटेन में तब भी और अब भी, स्वाद बिगाड़ने के लिए भेदभाव पनप जाता है।[2] प्लेनेट बॉलीवुड ने फिल्म को 10 में से 9 अंक दिया और कहा कि एक व्यक्ति के रूप में जेस के चरित्र को पटकथा ने न केवल विकसित किया है; बल्कि एनआरआई (NRI अर्थात् प्रवासी) किशोरों के मूल्यों और संस्कृति को भी बदला है: जेस भारतीय परिवार के सामाजिक आदर्श, अपनी बहन (आर्ची पंजाबी) के सक्रिय-यौन संबंधों और भारतीय समलैंगिकता [टोनी का किरदार अमित चाना ने निभाया है] को तोड़ने के लिए उत्तेजित करती है।"[3] द हिंदू लिखता है, "अगर कोई फिल्म सकारात्मक, यर्थाथवादी और यहां तक कि मजेदार है तो वह है ड्रीम प्रोडक्शन का नवीनतम उद्यम जिसे गुरिंदर चड्ढा ने निर्देशित किया है [...] खेल के मूल्यों, नजरिए और प्यार जैसी चीजों पर अधिक दूर तक गए बगैर फिल्म हल्के-फुल्के ढंग से बनाई गयी फिल्म केवल यह प्रमाणित करती है कि विश्वसनीय और ईमानदार बनने के बहुत सारे रास्ते हैं।"[4] बीबीसी (BBC) ने इसे पांच में चार सितारे दिए और कहा कि मि. बेकहम को गर्व होना चाहिए कि ऐसी महान फिल्म का नाम उनके नाम पर है।"[5] समीक्षाओं का संग्रह करनेवाले रॉटेन टोमैटोज ने 145 समीक्षाओं (125 अच्छा और 22 बेकार) के आधार पर बेन्ड इट लाइक बेकहम को 85% रेटिंग दी है।[6]
पुरस्कार और नामांकन
[संपादित करें]नामांकन
[संपादित करें]- 2006 बिली अवॉर्ड - इंटरटेनमेंट (सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म)
- 2004 राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका अवॉर्ड - सर्वश्रेष्ठ पटकथा
- 2003 ब्रिटिश अकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन आर्ट्स- सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म
- 2003 सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए गोल्डन ग्लोब - संगीत या हास्य
जीत
[संपादित करें]- 2004 प्योंगयांग फिल्म समारोह
- संगीत पुरस्कार
- 2002 ब्रिटिश हास्य पुरस्कार
- सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी फिल्म
- 2003 ईएसपीवाई (ESPY) पुरस्कार
- सर्वश्रेष्ठ स्पोर्ट्स मूवी ईएसपीवाई (ESPY) अवॉर्ड
- 2004 जीएलएएडी (GLAAD) मिडिया अवॉर्ड्स
- उत्कृष्ट फिल्म - विस्तृत रिलीज
- 2002 लोकार्नो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
- ऑडियंस अवॉर्ड - गुरिंदर चड्ढा
- 2002 लंदन फिल्म क्रिटिक्स सर्किल अवॉर्ड्स
- ब्रिटिश सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक - केइरा नाइटली
- 2002 माराकेच के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
- विशेष जूरी अवॉर्ड - गुरिंदर चड्ढा
- 2003 मोशन पिक्चर्स की समीक्षा के राष्ट्रीय बोर्ड
- विशेष पहचान
- 2002 सिडनी फिल्म महोत्सव
- प्रिक्स यूआईपी (PRIX UIP)- गुरिंदर चड्ढा
- 2003 हास्य महोत्सव
- फिल्म डिस्कवरी जूरी अवॉर्ड - गुरिंदर चड्ढा
साउंडट्रैक
[संपादित करें]Music From the Motion Picture Bend It Like Beckham | |
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Soundtrack album Various artists द्वारा | |
जारी | 2002 |
संगीत शैली |
Bhangra Pop |
लेबल |
Milan Entertainment (US) Cube Records (UK) |
पेशेवर समीक्षायें | |
स्पाइस गर्ल की विक्टोरिया बेकहम (जिसका गाना "आईओयू" (IOU) जूल्स की मां से जुड़े एक दृश्य में सुना जा सकता है, लेकिन इसे मूल साउंडट्रैक में शामिल नहीं किया गया है) द्वारा भांगड़ा संगीत पर गाया गया गाना, मैलेनी सी (मेलैनी सी का गाना "आई टर्न टू यू" (I Turn To You) का उपयोग सिनेमा में किया गया है, लेकिन साउंडेट्रैक में शामिल नहीं किया गया है) और टैक्सास बैंड वाले साउंडट्रैक को यूके (UK) ने रिलीज किया। इसमें बैकयार्ड डॉग द्वारा बैडेस्ट रफेस्ट, पुसीनी के टुरैनडॉट से नेसन डोरमा के उद्धृत अंश और बेसमेंट जैक्स डांस बैंड के विशेषज्ञ भी हैं। यूएस (US) ने गानों को फिर से व्यवस्थित कर और कुछ चीजों को निकाल कर इसे रिलीज किया।
- ब्रिटेन ट्रैक लिस्टिंग
- क्रेग प्रुएस एवं बल्ली सागू फीट. गुंजन - "टाइटल"
- बलौंडी - "परमाणु"
- बैकयार्ड डॉग - "बैडेस्ट रफेस्ट"
- बी21 (B21) - "दर्शन"
- (मूवी डायलग) - "इट्स बेकहम कॉर्नर"
- विक्टोरिया बेकहम - "आई विश"
- (मूवी डायलग) - "लर्न टू कूक दही"
- मलकीत सिंह - "जींद माही"
- नुसरत फतेह अली खान - "तेरे बिन नहीं लगदा"
- बल्ली सागू फिट गुंजन - "नूरी"
- (मूवी डायलग) - "जूसी जूसी मैन्गोज़"
- बेसमेंट जैक्स- "डू योर थिंग"
- (मूवी डायलग) - "आइस डाउन"
- टेक्सास - "इनर स्माइल"
- मेलानी सी - "इंडिपेंडेंस डे"
- (मूवी डायलग) - "कांट मेक राउंड चपातिज़"
- हंस राज हंस - "पंजाबियां दी शान"
- गुंजन - "किन्ना सोहना"
- टिटो बेल्ट्रन - "नेसून डोरमा"
- (मूवी डायलग) - "द ऑफ़साइड रुल इज़"
- बीना मिस्त्री - "हॉट हॉट हॉट"
- क्रेग प्रुएस एवं बल्ली सागू फिट. गुंजन - "हैं राबा
!"
- अमेरिका ट्रैक लिस्टिंग
- क्रेग प्रुएस एवं बल्ली सागू फिट. गुंजन - "टाइटल"
- (मूवी डायलग) - "इट्स बेकहम कॉर्नर"
- टेक्सास - "इनर स्माइल"
- मलकीत सिंह - "जींद माही"
- बल्ली सागू फिट गुंजन - "नूरी"
- (मूवी डायलग) - "लर्न टू कूक दही"
- विक्टोरिया बेकहम - "आई विश"
- (मूवी डायलग) - "जूसी जूसी मैन्गोज़"
- गुंजन - "किन्ना सोहना"
- कविता में भागीदार (नुसरत फतेह अली खान की विशेषता) - "तेरे बिन नहीं लगदा"
- (मूवी डायलग) - "कांट मेक राउंड चपातिज़"
- मेलानी सी - "इंडिपेंडेंस डे"
- बी21 (B21) - "दर्शन"
- (मूवी डायलग) - "आइस डाउन"
- बीना मिस्त्री - "हॉट हॉट हॉट"
- बलौंडी - "परमाणु"
- क्रेग प्रुएस एवं बल्ली सागू फिट. गुंजन - "हैं राबा
!"
- टिटो बेल्ट्रन - "नेसून डोरमा"
सन्दर्भ
[संपादित करें]- मैक गिवरिंग, जिल. "फुटबॉल फिल्म भारतीय लड़कियों को प्रेरित करता है।" बीबीसी (BBC) 17 जनवरी 2003.
नोट्स
[संपादित करें]- ↑ "एलए (LA) टाइम्स की समीक्षा". मूल से 24 नवंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 नवंबर 2010.
- ↑ "टाइम्स ऑफ इंडिया की समीक्षा". मूल से 25 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 दिसंबर 2008.
- ↑ "प्लैनेट बॉलीवुड समीक्षा". मूल से 2 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 नवंबर 2010.
- ↑ "हिन्दू समीक्षा". मूल से 25 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 नवंबर 2010.
- ↑ "बीबीसी (BBC) समीक्षा". मूल से 22 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 नवंबर 2010.
- ↑ "Bend It Like Beckham". Rotten Tomatoes. मूल से 22 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-10-05.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]विकिसूक्ति पर बेन्ड इट लाइक बेकहम से सम्बन्धित उद्धरण हैं। |
- ब्रिटिश फ़िल्में
- ब्रिटिश कॉमेडी फ़िल्में
- 2002 की फ़िल्में
- 2000 दशक की कॉमेडी फिल्में
- समकालीन फिल्में
- अंग्रेज़ी फ़िल्में
- लंदन में बनी फिल्में
- एसोसिएशन फुटबॉल फिल्में
- फॉक्स सर्चलाइट फिल्में
- स्वतंत्र फ़िल्में
- भारतीय फिल्में
- अंग्रेजी भाषा के दक्षिण एशियाई फ़िल्में
- खेल कॉमेडी फ़िल्में
- टीन फिल्में
- महिला खेल फ़िल्में
- सांता क्लारा ब्रोंकोस फुटबॉल
- महिला फुटबॉल संघ
- गुरिंदर चड्ढा द्वारा निर्देशित फ़िल्में