बाड़ौली मंदिर
बाड़ौली मन्दिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा कस्बे के पास स्थित बाड़ौली गाँव में स्थित एक प्रसिद्ध मन्दिर है। बाडोली के शिव मंदिरों का समूह चित्तौड़ जिले में रावतभाटा से 2 किलोमीटर दूर ब्राह्मणी और चंबल नदी के संगम पर स्थित है। बाडोली मंदिर को बरोली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 10वीं शताब्दी में निर्मित बाडोली मंदिर गुर्जर प्रतिहार वास्तुकला शैली में निर्मित मंदिर सूचनाओं हैं जिसमें उत्कृष्ट रूप से नक्काशीदार का काम किया गया है मंदिर का शिव/घाटेश्वर मंदिर (निर्माण हुन शासक मिहिरकुल) नागर एवं पंचायतन शैली में मिश्रित रूप है। इसको सर्वप्रथम कर्नल जेम्स टॉड ने 1821 ईस्वी में खोजा था। इस मंदिर को देखकर जेम्स टॉड ने कहा था "जिसकी विचित्र और भव्य बनावट का यथावत वर्णन करना लेखनी की शक्ति से बाहर है मानो हुनर का खजाना खाली कर दिया गया।। लेखक Ganesh Choudhary 9829047819
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]बाडोली के शिव मंदिरों का समूह चित्तौड़ जिले में रावतभाटा से 2 किलोमीटर दूर ब्राह्मणी और चंबल नदी के संगम पर स्थित है। बाडोली मंदिर को बरोली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 10वीं शताब्दी में निर्मित बाडोली मंदिर गुर्जर प्रतिहार वास्तुकला शैली में निर्मित मंदिर सूचनाओं हैं जिसमें उत्कृष्ट रूप से नक्काशीदार का काम किया गया है मंदिर का शिव/घाटेश्वर मंदिर (निर्माण हुन शासक मिहिरकुल) नागर एवं पंचायतन शैली में मिश्रित रूप है। इसको सर्वप्रथम कर्नल जेम्स टॉड ने 1821 ईस्वी में खोजा था। इस मंदिर को देखकर जेम्स टॉड ने कहा था "जिसकी विचित्र और भव्य बनावट का यथावत वर्णन करना लेखनी की शक्ति से बाहर है मानो हुनर का खजाना खाली कर दिया गया।।
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