बाँध
दिखावट
बाँध एक अवरोध है जो जल को बहने से रोकता है और एक जलाशय बनाने में मदद करता है। इससे बाढ़ आने से तो रुकती ही है, जमा किये गया जल सिंचाई, जलविद्युत, पेय जल की आपूर्ति, नौवहन आदि में भी सहायक होती है।[1]
राजस्थान के प्रमुख बांध
[संपादित करें]- जैसलमेर जिले की खड़ीन अधिक प्रसिद्ध है।
- खडीन के अंतर्गत दीवार बनाकर वर्षा का जल रोका जाता है।
- राजस्थान में भूगर्भ में बहने वाले पानी के निश्चित मार्ग को सीर कहते हैं।
- बूंद बूंद सिंचाई पद्धति इज़राइल की है।
- राजस्थान का क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 10.41% है जबकि राज्य में सही जल उपलब्धता 1.16% है।
- राजस्थान में सर्वाधिक फ्लोराइड नागौर जिले के गांव में पाया जाता है इसलिए नागौर में कूबड़ पट्टी पाई जाती है क्योंकि नागौर जिले की गांव में लोग इसके कारण कुबडे हो जाते हैं।
- सुजलाम परियोजना का राजस्थान में शुभारंभ अब्दुल कलाम जी ने बाड़मेर के तुरबी गांव में किया था।
- राज्य सरकार ने 19 सितंबर 1999 को राज्य की जल नीति घोषणा की।
जवाई बांध
[संपादित करें]- जवाई बांध को मारवाड़ का अमृत सरोवर कहा जाता है।
- जवाई बांध की नींव 13 मई 1946 को जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा रखी गई है।
- जवाई बांध लूनी की सहायक नदी जवाई पर पाली जिले में स्थित है।
- जवाई बांध का निर्माण इंजीनियर ऐडगर की देखरेख में हुआ।
- जवाई बांध पाली एवं जोधपुर जिले में जलापूर्ति का मुख्य स्त्रोत है।
- राजस्थान के गठन के पश्चात 1956 में यह बांध मुख्य अभियंता मोती सिंह की देखरेख में पूरा हुआ।
- सेई बांध का जल प्रथम बार 9 अगस्त 1977 को जवाई बांध में डाला गया
- जवाई बांध की जल क्षमता बढ़ाने के लिए 1971 से सेइ बांध परियोजना बनाई गई
- उदयपुर की कोटड़ा तहसील में बने सई बांध से पानी जवाई बांध में लाने के लिए पहाड़ से 7 किलोमीटर लंबी सुरंग तैयार की गई है
- जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का जल भंडारण की क्षमता की दृष्टि से सबसे बड़ा बांध है।
- जवाई बांध की ऊंचाई 81 मीटर है ।
- जवाई बांध की लंबाई लगभग 770 मीटर है
बरेठा बांध
[संपादित करें]- यह बांध भरतपुर जिले की बयाना तहसील के बरेठां गांव में स्थित है।
- बांध का निर्माण कुकुंदी नदी पर 1897 में महाराजा रामसिंह ने करवाया था।
- इस बांध का निर्माण कार्य 1886 में महाराजा जसवंत सिंह के शासनकाल में कमांडर इंजीनियर बहादुर रॉयल द्वारा प्रारंभ किया गया।
- इस बांध को वन्य जीव अभ्यारण के रूप में भी घोषित किया गया है इस बांध की बनावट एक जहाज जैसी है अंत यह दूर से जहाज के समान दिखाई देता है
- यह भरतपुर का सबसे बड़ा बांध है इस बांध में मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछली पालन में मछली बीज संग्रहण का कार्य भी किया जाता है।
गांधी सागर बांध
[संपादित करें]- गांधी सागर बांध का निर्माण 1960 में चंबल नदी पर मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की भानपुर तहसील में किया गया।
- गांधी सागर बांध 510 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है।
- गांधी सागर बांध के ऊपर विद्युत गृह का निर्माण किया गया है (मध्य प्रदेश)
राणा प्रताप सागर बांध
[संपादित करें]- राणा प्रताप सागर बांध का निर्माण द्वितीय चरण में चित्तौड़गढ़ जिले में रावतभाटा नामक स्थान पर किया गया है।
- राणा प्रताप सागर बांध के निर्माण का कार्य 1970 में पूर्ण किया गया।
- राणा प्रताप सागर बांध ग्यारह सौ मीटर लंबा तथा 36 मीटर चौड़ा है।
- इस बांध पर कनाडा के संयोग से परमाणु बिजलीघर की स्थापना की गई है।
- राणा प्रताप सागर बांध विश्व का सबसे सस्ता बांध है जिसका निर्माण ₹31 करोड़ में किया गया था ।
जवाहर सागर बांध
[संपादित करें]- जवाहर सागर बांध 1962 से 1973 के मध्य कोटा के बोराबास गांव के पास जवाहर सागर बांध का निर्माण किया गया है।
- इस बांध से कोटा तथा बूंदी को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी इस बांध का निर्माण विद्युत उत्पादन के लिए किया गया।
- यह एक पिक अप बांध है
कोटा बैराज
[संपादित करें]- इसका निर्माण 1953 में शुरू किया गया तथा 1960 में बनकर तैयार हुआ।
- इस बांध के दाएं व बाएं तरफ नहरों का निर्माण किया गया है।
- बाईं नहर राजस्थान में सिंचाई के काम आती है।
- इसकी कुल लंबाई 178 किमी है।
- चंबल कमांड क्षेत्र में राजस्थान कृषि ड्रेनेज अनुसंधान परियोजना कनाडा की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी के सहयोग से चलाई जा रही है
टोरड़ी सागर बांध
[संपादित करें]- इस बांध का निर्माण टोंक जिले की टोली गांव में किया गया है।
- इस बांध का निर्माण 1888 में करवाया गया।
- इस बांध की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें सभी मोरिया खोलने पर एक बूंद पानी भी बांध में नहीं रुकता है।
जाखम बांध
[संपादित करें]- जाखम बांध का निर्माण प्रतापगढ़ जिले की अनूपपूरा के पास करवाया गया।
- जाखम बांध जाखम नदी पर 81 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है।
- इस बांध का निर्माण जनजाति उपयोजना के अंतर्गत किया गया था।
- जाखम नदी के ऊपर एक विद्युत गृह का निर्माण भी किया गया है।
बीसलपुर परियोजना
[संपादित करें]- बीसलपुर बांध का निर्माण टोंक जिले में टोडारायसिंह से 13 किलोमीटर दूर बीसलपुर गांव में बनास तथा डाई नदी के संगम पर बांध बनाकर 1987 में करवाया गया।
- 13 जून 2005 को सोहेला पुलिस गोली कांड हुआ जिससे बीसलपुर बांध चर्चित हुआ।
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य टोंक अजमेर ब्यावर किशनगढ़ नसीराबाद केकड़ी सरवाड़ जयपुर को पेयजल की आपूर्ति करना है।
- एशियन विकास बैंक की सहायता से RVIDP द्वारा परियोजना के ट्रांसमिशन भाग का कार्य प्रारंभ किया गया। यह राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना है।
- बीसलपुर परियोजना के लिए नाबार्ड के ग्रामीण आधार ढांचा विकास कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
मेजा बांध
[संपादित करें]- मेजा बांध का निर्माण भीलवाड़ा जिले में मांडल कस्बे के पास कोठारी नदी पर किया गया है।
- मेजा बांध पर बनाए गए मिर्जापार को ग्रीनमाउंट के नाम से भी जाना जाता है।
पांचना बांध
[संपादित करें]- इस बांध का निर्माण करौली जिले की गुडला गांव के पास पांच नदियों (भद्रावती, अटा, माची, बरखेड़ा तथा भैंसावर) के संगम पर मिट्टी से किया गया है।
- राजस्थान में यह मिट्टी का बना सबसे बड़ा बांध है।
- इस बांध का निर्माण अमेरिका के आर्थिक सहयोग से किया गया है।
- पांचना बांध परियोजना अमेरिका के सहयोग से चलाई जा रही है।
औराई सिंचाई परियोजना
[संपादित करें]- औराई सिंचाई परियोजना चित्तौड़गढ़ जिले की है इस योजना का निर्माण औराई नदी पर करवाया गया है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य चित्तौड़गढ़ जिले में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है।
सोम कमला अंबा परियोजना
[संपादित करें]- सोम कमला अंबा परियोजना का निर्माण डूंगरपुर जिले की आसपुर तहसील में किया गया है।
- इस परियोजना का प्रारंभ 1977 में सोम नदी पर किया गया था।
बांकली बांध
[संपादित करें]बांकली बांध का निर्माण जालौर में सुकड़ी तथा कुलथाना नदियों के किनारे बांके गांव में करवाया गया था।
भीम सागर परियोजना
[संपादित करें]- भीम सागर परियोजना झालावाड़ जिले की है भीम सागर परियोजना के अंतर्गत उजाड़ नदी पर झालावाड़ में बांध बनाया गया है।
अडवाण बांध
[संपादित करें]- अडवाण बांध भीलवाड़ा जिले में स्थित है।
- इस बांध का निर्माण मानसी नदी पर किया गया है
नारायण सागर बांध
[संपादित करें]- नारायण सागर बांध का निर्माण अजमेर जिले में ब्यावर के बाद किया गया है।
- नारायण सागर बांध का निर्माण खारी नदी पर किया गया है।
- नारायण सागर बांध को अजमेर जिले का समुंदर कहते हैं।
- नारायण सागर बांध (जालियां 2) गांव मै स्थित है।
- भराव क्षमता 19-22 फीट है।
- नारायण सागर बांध का शिलान्यास देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने वर्ष 1956 में किया था। * यह बांध 8 किलोमीटर लम्बे क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
चाकन सिंचाई परियोजना
[संपादित करें]- चाकन सिंचाई परियोजना बूंदी जिले की है।
- इस परियोजना का निर्माण बूंदी जिले की किशोरा राय पाटन तहसील के गुड़ा गांव के पास चौकना नदी पर बांध बनाकर किया गया।
हरसोर बांध
[संपादित करें]- हरसोर बांध का निर्माण नागौर जिले में किया गया है हरसोर बांध का निर्माण नागौर की डेगाना तहसील में 1959 में किया गया था इस बांध से हरसोर तथा लूणासर नहर विकसित की गई
अजान बांध
[संपादित करें]- अजान बांध इस योजना के तहत भरतपुर जिले में गंभीर नदी पर राजा सूरजमल जाट द्वारा बांध बनाया गया।
- अजान बांध परियोजना से भरतपुर जिले को पेयजल व सिंचाई सुविधा प्राप्त होती है।
- इस बांध से केवलादेव घना पक्षी विहार, भरतपुर को भी पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
मोतीझील बांध
[संपादित करें]- मोतीझील बांध को भरतपुर की "लाइफ-लाइन" भी कहा जाता है।
- मोतीझील बांध का निर्माण महाराजा सूरजमल जाट के द्वारा करवाया गया है।
- इस बांध का निर्माण रूपारेल नदी पर करवाया गया है।
- इस बांध के द्वारा बाणगंगा तथा रूपारेल नदी का पानी उत्तर प्रदेश की ओर निकाला जाता है।
नंदसमंद बांध
[संपादित करें]- नंद समंद बांध को राजसमंद की जीवन रेखा के नाम से भी जाना जाता है।
- इस बांध का निर्माण नाथद्वारा राजसमंद में बनास नदी के तट पर 1955 में करवाया गया था
सीकरी बांध
[संपादित करें]- सीकरी बांध का निर्माण भरतपुर जिले में किया गया सीकरी बांध के द्वारा नगर कामा तथा डीग तहसील के अनेक बांधों को भरा जाता है
- लालपुर बांध को बाणगंगा नदी के द्वारा भरा जाता है
- अजीत सागर बांध खेतड़ी झुंझुनू में स्थित है।
- पन्नालाल शाह बांध खेतड़ी झुंझुनू में स्थित है।
गंगनहर परियोजना | श्री गंगानगर |
नाकोड़ा बांध | बाड़मेर |
बीठन बांध, बांडी सेंदडा परियोजना, चितलवाणा बांध व चावरचा बांध | जालौर |
सुकली सेरलवाड़ा परियोजना, पश्चिम बनास परियोजना, स्वरूपगंज परियोजना व ओरा सिंचाई परियोजना | सिरोही |
उदयसागर बांध, सोमकागदरा बांध, सुखेर का नका बांध, बड़ी बांध, गोराना बांध, आकोड़िया बांध, मादड़ी बांध, देवास अबंध व मानसी वकाल बांध | उदयपुर |
माहिबजाज सागर | बांसवाड़ा |
भोपाल सागर बांध व वागन परियोजना | चितोड़गढ़ |
जैतपुरा व खरी बांध | भीलवाड़ा |
गोपकपुरा व आलनिया बांध | कोटा |
काली सिंध बांध व काली खाड़ बांध | झालावाड़ |
अँधेरी परियोजना व बिलास परियोजना | बारां |
मोरसागर बांध व इंद्रा लिफ्ट सिंचाई परियोजना | सवाई माधोपुर |
चुली देह परियोजना | करौली |
पार्वती बांध | धौलपुर |
शाही बांध तथा सेंवर बांध | भरतपुर |
मंगलसर बांध तथा विजयसागर बांध | अलवर |
जमुआ रामगढ बांध | जयपुर |
उम्मेद सागर बांध, गुलाबसागर बांध व जसवंत सागर बांध | जोधपुर |
हेमावास बांध | पाली |
फूल सागर बांध, शिव सागर बांध, लसाडिया बांध व मुण्डोती बांध | अजमेर |
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- पांचना सिंचाई परियोजना किस जिले में स्थित है - करौली
- विलास परियोजना कहां स्थित है - बारां
- कालीसिंध परियोजना राजस्थान के किस जिले में स्थित है - झालावाड़
- प्रसिद्ध डिग्गी तालाब स्थित है - टोंक
- सोम कमला अंबा सिंचाई परियोजना किस जिले में स्थित है - डूंगरपुर
- राणा प्रताप सागर बांध कहां स्थित है - रावतभाटा
- मेजा बांध का निर्माण किस नदी पर हुआ - कोठारी नदी
- गांधी सागर बांध किस नदी पर बनाया गया - चंबल
- जवाहर सागर बांध किस जिले में है - कोटा
- ज्वाई परियोजना किस जिले से प्रारंभ होती है - पाली
- भीमसागर सिंचाई परियोजना किस जिले में स्थित है - झालावाड़
- बीसलपुर परियोजना किस जिले में स्थित है - टोंक
- आलनिया बांध परियोजना के किस जिले में है - कोटा
- माधव सागर बांध किस जिले में स्थित है - दोसा
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Kollgaardand, E.B.; Chadwick, W.L. (1988). Development of Dam Engineering in the United States. US Committee of the International Commission on Large Dams.