फिलीपींस का इतिहास

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यह ताम्रलिपि, फिलीपीन्स से प्राप्त पहला दस्तावेज है जो सिद्ध करता है कि १६वीं शताब्दी में यूरोपियों के यहाँ आने के पहले हिन्दू सभ्यता का इस पर सीधा प्रभाव था।

फिलीपींस में कोई ६७ हजार वर्ष पहले मानव ने पदार्पण किया। १४वीं शताब्दी में फिलीपींस का भारत, इण्डोनेशिया, चीन और जापान के साथ व्यापक स्तर पर व्यापार होने लगा था। इसी शताब्दी में इण्डोनेशिया से आये अरब व्यापारियों ने यहाँ इस्लाम धर्म फैलाया।

पश्चिमी देशों से किसी व्यक्ति के फिलीपींस आने का लिखित उल्लेख फर्डिनाण्ड मैगलेन के रूप में मिलता है जो समर द्वीप पर १६ मार्च १५२१ को पहुँचा था। १५४२ में स्पेनी सैनिक पार्टी इन द्वीपों पर स्पेन का 'अधिकार' घोषित करते हुए स्पेन के राजकुमार फिलिप के नाम पर इसका नाम 'फिलीपींस' रख दिया। इस प्रकार फिलीपींस, स्पेन साम्राज्य के अधीन हो गया।

१८८६ में होसे रिसाल नामक क्रांतिकारी लेखक ने 'Noli Me Tangere' (The Lost Eden) नामक स्पेन-विरोधी उपन्यास रचा और स्वतंत्रता की भावना को जगाया। १८९६ में रिसाल को मृत्युदण्ड दे दिया गया।

१८९९ में पेरिस समझौते के द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका और स्पेन के बीच युद्ध समाप्त हुआ और फिलीपींसा अमेरिका के अधिकार में आ गया। इसी वर्ष फिलिपिनो लोगों ने अपने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी और एमिलो अगुनाल्डो (Emilio Aguinaldo) के नेतृत्व में अमेरिका के विरुद्ध छापामार युद्ध आरम्भ किया।

१९४१ में जापान ने फिलीपींस पर आक्रमण किया।

४ जुलाई १९४६ को अमेरिका ने फिलीपींस के स्वतंत्रता की घोषणा की।

१९६५ में फर्डिनाण्ड मार्कोस राष्ट्रपति नियुक्त हुए। १९७२ में मार्कोस ने सैन्य शासन की घोषणा की।

१९८६ में मार्कोस को पदच्युत करके कोराजन एक्विनो (Corazon Aguino) राष्ट्रपति बनीं।

१९९२ में एक्विनो के रक्षा मंत्री फिडेल रामोस राष्त्रपरि का चुनाव जीते। अमेरिका ने सुबिक खाड़ी का नौसैनिक अड्डा बन्द किया।

१९९८ - पूर्व फिल्म स्टार जोसेफ एस्ट्राडा (Joseph Estrada) राष्ट्रपति निर्वाचित

२००१ जोसेफ एस्ट्राडा पदच्युत किये गये। जेल की सजा। माफी।

२०१० जून : बेनिग्नो नोयनोय एक्विनो (Benigno "Noynoy" Aquino) राष्ट्रपति बने।

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