रंग या वर्ण, चाक्षुक या आभासी कला के महत्वपूर्ण अंग हैं ।वर्ण या रंग आभास बोध का मानवी गुण धर्म है, जिसमें लाल, हरा, नीला, इत्यादि होते हैं । रंग, प्रकाश की किरणों के, मानवी आँखों की रेटिना के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं । रंग की श्रेणियाँ एवं भौतिक विनिर्देश, वस्तु, प्रकाश स्त्रोत, इत्यादि की भौतिक गुणधर्म जैसे प्रकाश अन्तर्लयन, विलयन, समावेशन, परावर्तन या वर्णक्रमउत्सर्ग पर निर्भर भी करते हैं । [पूरा पढ़ें]
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नीला रंग वह है, जिसे प्रकाश के प्रत्यक्ष वर्णक्रम की 440–490 nm की तरंगदैर्घ्य द्वारा दृश्य किया जाता है। यह एक संयोजीप्राथमिक रंग है। इसका सम्पूरक रंग पीला है, यदि HSL एवं HSV वर्ण चक्र पर देखें तो। परंपरागत वर्णचक्र पर इसका सम्पूरक रंग है नारंगी।
भारत का राष्ट्रीय क्रीडा़ रंग भी नीला ही है। यह धर्म-निर्पेक्षता दिखलाता है। इसे ठंडक का प्रतीक भी माना जाता है।
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