प्रतिध्वनि (कहानी संग्रह)
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प्रतिध्वनि जयशंकर प्रसाद का दूसरा कहानी संग्रह है, जिसका प्रकाशन सन् १९२६ ई॰ में भारती भंडार, इलाहाबाद से हुआ था।[1] इसमें संकलित कहानियों की कुल संख्या पन्द्रह है।[2]
संकलित कहानियाँ
[संपादित करें]- प्रसाद
- गूदड़ साईं
- गुदड़ी में लाल
- अघोरी का मोह
- पाप की पराजय
- सहयोग
- पत्थर की पुकार
- उस पार का योगी
- करुणा की विजय
- खंडहर की लिपि
- कलावती की शिक्षा
- चक्रवर्ती का स्तम्भ
- दुखिया
- प्रतिमा
- प्रलय