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पञ्चमुखी महादेव मन्दिर

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श्री अनादि पञ्चमुखी महादेव मन्दिर श्री अयोध्या धाम की शास्त्रीय सीमा के अन्तर्गत सरयू नदी के तट पर गोप्रतार (गुप्तार) घाट पर अवस्थित है। गोप्रतार घाट श्री अयोध्या धाम के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थलों में से एक है।

माहात्म्य

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स्कन्दपुराण के अयोध्या माहात्म्य में इसका वर्णन करते हुये कहा गया है कि गोप्रतार के समान तीर्थ भूत और भविष्य में कहीं नहीं है- गोप्रतार समं तीर्थं न भूतो न भविष्यति।[1]  यह स्थान व्यावहारिक रूप से  फैजाबाद सैन्य क्षेत्र की सीमा में है। 

अयोध्या के प्रतिष्ठित शिवालय नागेश्वरनाथ[मृत कड़ियाँ] व क्षीरेश्वरनाथ की भाँति इस मन्दिर की स्थापना भी अति प्राचीन है।[2] पंचास्य उपासना के अनुसार यहाँ विराजमान शिवलिंग पाँच मुखों से युक्त है। लिंग का सामान्य अर्थ चिह्न होता है। शिव ब्रह्माण्ड के प्रतीक पुरुष हैं। इनका पंचमुखी स्वरूप पंचतत्त्वों का प्रतीक है। जिनका वर्णन करते हुये विष्णु धर्मोत्तर में कहा गया है: सद्योजातं वामदेवमघोरञ्च महाभुज। तथा तत्पुरुषं ज्ञेयमीशानं पंचमं मुखम्।। सद्योजात, वामदेव, अघोर, तत्पुरुष और ईशान ये पाँच मुख हैं जो क्रमश: पृथ्वी, जल, तेज (अग्नि), वायु और आकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे शिवलिंग जिनमें मुख प्रत्यक्ष हों, मुखलिंग कहलाते हैं। शिवोपासना में प्रतिमापूजन से भोग, लिंगपूजन से मोक्ष तथा मुखलिंग के पूजन से भोग और मोक्ष दोनों की सिद्धि कही गयी है।[3]

अवस्थिति

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श्री लक्ष्मण किला की देख-रेख में यह शिवालय अयोध्या-फैजाबाद समेत अन्यत्र के भक्तों के लिये भी आस्था का बड़ा केन्द्र है। सन् 2012 के अन्त में यहाँ के महान्त रमापति शरण जी के साकेतवास (निधन) के उपरान्त श्रीमैथिलीरमणशरण जी यहाँ के महान्त नियुक्त हुये जो कि पहले से ही आचार्यपीठ श्री लक्ष्मण किला के भी महन्त हैं।

महाशिवरात्रि और श्रावण मास के विशेष पूजा-उत्सवों के अतिरिक्त अधिकमास में भी महीने भर यहाँ आयोजन चलते हैं।[4] प्रत्येक सोमवार को भगवान् पँचमुखी का भव्य शृङ्गार होता है। मन्दिर के संचालक आचार्य मिथिलेशनन्दिनीशरण[5] अयोध्या की युवा पीढ़ी के प्रतिनिधि सन्त हैं।[6]

कैसे पहुँचें

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चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग पर अयोध्या से बारह किलोमीटर पहले गुप्तार घाट श्री अनादि पञ्चमुखी महादेव मन्दिर[7] अवस्थित है। फैजाबाद रोडवेज से आटो रिक्शा या निजी वाहन से पहुँचा जा सकता है। अयोध्या से करीब तीस मिनट की दूरी पर है।
  1. https://archive.org/details/SkandaMahaPuranaIINagPublishers/page/n571/mode/2up
  2. https://www.jagran.com/uttar-pradesh/faizabad-up-faizabad-news-11475789.html
  3. https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.311212/page/n437/mode/2up
  4. https://www.jagran.com/uttar-pradesh/faizabad-panchmukhi-shivratri-17523156.html
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 मई 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 सितंबर 2020.
  6. https://books.google.co.in/books?id=AJXQDQAAQBAJ&pg=PA638&lpg=PA638&dq=मिथिलेश+नन्दिनी+शरण&source=bl&ots=neo0weyobW&sig=ACfU3U1ovNMZiuke0NGqbc7jh3pvyaTQjA&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi1pcDl_tnrAhWexzgGHTQfCRo4ChDoATAGegQICBAB#v=onepage&q=मिथिलेश%20नन्दिनी%20शरण&f=false
  7. https://www.google.co.in/maps/place/shri+anadi+Panchmukhi+Mahadev+mandir/@26.7977738,82.1178692,17z/data=!3m1!4b1!4m5!3m4!1s0x399a05ddd5db751d:0xd8fd47744b9284f0!8m2!3d26.7977738!4d82.1200579