निषादराज
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निषादराज कोल,भील,बिंद,केवट,मल्लाह,मझवार,कहार,कश्यप,रैकवार,बाथम, गोडिया ,मछुआरा ,आदिवासी,मूलनिवासी,के राजा का उपनाम है। वे ऋंगवेरपुर के राजा थे, उनका नाम गुह्यराज था। वे [ आदिवासी] समाज के थे और उन्होंने ही वनवासकाल में राम, सीता तथा लक्ष्मण को केवटराज जी से कहकर गंगा पार करवाये दें। वे [राम] के बाल सखा थे वे श्री निषाद राज व राम ने एक ही गुरुकुल में रहकर शिक्षा प्राप्त की। आदिवासी समाज आज भी इनकी पूजा करते है।
भगवान निषादराज ने प्रभु श्रीराम को केवटराज से कहकर गंगा पार कराये वह श्रंगपेगपुर (प्रयागराज,उप्र) के राजा थे। वनबास के बाद राम ने अपनी पहली रात अपने मित्र श्री निषादराज जी के यहां बिताई।
श्री निषाद राज की आदिवासी सेना ने ही लंका पर विजय प्राप्त की थी।
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