नमकीन (1982 फ़िल्म)
नमकीन | |
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चित्र:नमकीन.jpg नमकीन का पोस्टर |
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अभिनेता | संजीव कुमार, शर्मिला टैगोर, शबाना आज़मी |
प्रदर्शन तिथि(याँ) | 1982 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
नमकीन 1982 में प्रदर्शित होने वाली हिन्दी फ़िल्म है जिसे गुलज़ार ने निर्देशित किया था। नमकीन, बांग्ला साहित्यकार समरेश बसु की कहानी पर आधारित है।
हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से पर्वतीय गाँव में एक ट्रक ड्राइवर गेरुलाल (संजीव कुमार) आता है। स्थानीय ढाबे वाला धनीराम (टी.पी.जैन) गेरुलाल को एक वृद्धा ज्योति (वहीदा रहमान) के घर पर एक कमरा किराज़े पर दिलवा देता है। ज्योति की तीन बेटियां हैं- सबसे बड़ी... निमकी (शर्मीला टैगोर), मंझली... मिट्ठु (शबाना आज़मी) और सबसे छोटी चिनकी (किरण वैराले)।
धीरे धीरे गेरुलाल, चारों महिलाओं के नजदीक आ जाता है और घर के सदस्य जैसा हो जाता है। वह निमकी से प्रेम करने लगता है परंतु वह शादी करने से इंकार कर देती है और गेरुलाल से कहती है कि उसे मिट्ठु से शादी कर लेनी चाहिये। गेरुलाल को वहाँ से जाना पड़ता है।
कुछ बरस बीत जाते हैं और एक बार गेरुलाल की मुलाकात नौटंकी में नाचने वाली स्त्री से होती है। यह चिनकी है जो अब अपने पिता किशनलाल (राम मोहन) के साथ रहती है। चिनकी से गेरुलाल को पता चलता है कि पिछले तीन बरसों में निमकी और बहनों की कोई खोज खबर न लेकर उसने गलती की है।
वह गाँव में जाता है तो निमकी को अकेले रहते पाता है। ज्योति और मिट्ठु, दोनों ही मर चुकी हैं। गेरुलाल निमकी को अपने साथ ले आता है।
फ़िल्म को आर॰ डी॰ बर्मन के अच्छे संगीत के लिये भी जाना जाता है।
अनुक्रम
चरित्र[संपादित करें]
मुख्य कलाकार[संपादित करें]
- संजीव कुमार - गेरुलाल
- शर्मिला टैगोर - निमकी
- शबाना आज़मी - मिट्ठू
- किरण वैराले - चिनकी
- वहीदा रहमान- ज्योति/जुगनी
- टी पी जैन - धनीराम
- राम मोहन - किशनलाल
दल[संपादित करें]
संगीत[संपादित करें]
राहुल देव बर्मन (आर॰ डी॰ बर्मन)
रोचक तथ्य[संपादित करें]
परिणाम[संपादित करें]
बौक्स ऑफिस[संपादित करें]
समीक्षाएँ[संपादित करें]
नामांकरण और पुरस्कार[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
नमकीन (1982) : ज़िंदगी की बिसात पर खेलते जल गये धूप में तो साया हो गये