दूल्हेराय

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दूल्हेराय
खोह के राजा
शासनावधि1010 - 1036
पूर्ववर्तीआलन सिंह चाँदा
उत्तरवर्तीकोकिल देव
राजवंशकछवाहा
धर्महिन्दू धर्म

दूल्हा राय कछवाहा राजवंश के एक राजा थे, जिन्होंने आज के राजस्थान में खोह में अपनी राजधानी के साथ ढूंढाड़ के क्षेत्र पर शासन किया था।[1][2][3]

दूल्हेराय नामक व्यक्ति ने सर्वप्रथम कछवाह वंश की स्थापना की, 1137 ई. बड़गूजरों को हराकर दूल्हेराय ने ढूंढाड़ राज्य को बसाया था। दूल्हेराय ने सर्वप्रथम दौसा को अपनी राजधानी बनाया, जो इस राज्य की सबसे प्राचीन राजधानी थी, दूल्हेराय ने इस राजधानी को मीणाओं से प्राप्त किया था।[4]

दूल्हेराय ने रामगढ नामक स्थान पर श्री जमुवाय माताजी के मंदिर का निर्माण कराया तथा ' जमुवा माताजी ' को कछवाह राजवंश की कुलदेवी के रूप में स्थापित किया था, ढूंढाड़ में प्राचीन रामगढ गुलाब की खेती के लिए प्रसिद्ध था, जिसके कारण रामगढ को ' ढूढांड़ का पुष्कर ' कहा गया |

दूल्हेराय ने रामगढ को जीतकर इसे राजधानी बनाया और जमुवारामगढ नाम रखा ।इस प्रकार दूल्हेराय के शासन काल की दो राजधानीयाँ अस्तित्व में आयीं, दूल्हेराय के पश्चात कोकिलदेव ने आमेर के मीणाओं को पराजित कर इस सम्पन्न भू-भाग को कछवाह वंश का एक अंग बनाया, बाद में कोकिलदेव ने आमेर दुर्ग को राजधानी के रूप में स्थापित किया |

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Rima Hooja (2006). A history of Rajasthan (अंग्रेज़ी में). Rupa & Co. पपृ॰ 393, 395. OCLC 80362053. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788129108906.
  2. Indian States A Biographical, Historical, and Administrative Survey. Asian Educational Services. 2006. पपृ॰ 173, 175. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-206-1965-4.
  3. Sarkar, Jadunath (1994) [1984]. A History of Jaipur: C. 1503–1938. Orient Longman Limited. पपृ॰ 22, 23, 24. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-250-0333-9.
  4. Kumar, Mayurakshi (2015). "Origin Of Kachcwaha In Dhundhar Region of Rajasthan". International Res Jour Managt Socio Human. 6 (1).