दक्षिण अफ्रीका में आर्य समाज
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स्वामी दयानन्द सरस्वती की शिक्षाएँ दक्षिण अफ्रीका में २०वीं शती के आरम्भ में पहुँचीं। वहाँ भी आर्य समाज ने भारतीयों को अपने संस्कृति एवं विरासत पर गर्व करने की शिक्षा दी और सामाजिक सुधार एवं शिक्षा के प्रसार का कार्य किया।