त्रिशूल (फ़िल्म)
त्रिशूल | |
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त्रिशूल का पोस्टर | |
निर्देशक | यश चोपड़ा |
लेखक | सलीम-जावेद |
निर्माता | गुलशन राय |
अभिनेता |
संजीव कुमार अमिताभ बच्चन शशि कपूर |
संगीतकार | खय्याम |
वितरक |
यश राज फ़िल्म्स त्रिमूर्ति फ़िल्म्स |
प्रदर्शन तिथि |
4 मई 1978 |
लम्बाई |
168 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
त्रिशूल 1978 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। इसका लेखन सलीम-जावेद ने, निर्देशन यश चोपड़ा ने और निर्माण गुलशन राय ने किया था। इसमें साहिर लुधियानवी के गीतों के साथ खय्याम का संगीत है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर "सुपरहिट" रही थी, और मुकद्दर का सिकन्दर और डॉन के साथ 1978 की शीर्ष कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी। फिल्म अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, और शशि कपूर की तीन अन्तर्निहित कहानियों पर केन्द्रित है।
संक्षेप
[संपादित करें]राज कुमार गुप्ता (संजीव कुमार) कई करोड़ की जायदाद की उत्तराधिकारी कामिनी (गीता सिद्धार्थ) से शादी करने के लिए अपने पहले प्यार शांति (वहीदा रहमान) को छोड़ देता है। कामिनी सेठ दीनदयाल की बेटी है। शांति उसके विवाह की सफलता की कामना के साथ इस समाचार के साथ आती है कि वह उसके बच्चे की माँ बनने वाली है और दूर जा रही है। वह एक लड़के को जन्म देती है और उसका नाम विजय रखती है। वह उसे वयस्कता तक पालती है। उसके मरने के बाद, विजय (अमिताभ बच्चन) अपने पिता के व्यवसाय और पारिवारिक संबंधों को नष्ट करके बदला लेने के लिए दिल्ली आता है।
शेखर (शशि कपूर) और कुसुम (पूनम ढिल्लों) विजय के सौतेले भाई-बहन हैं, जो विजय का बदला लेने के चक्कर में फँस जाते हैं। विजय, गीता (राखी), गुप्ता की समर्पित सचिव और एक अन्य कंपनी की महाप्रबंधक शीतल (हेमा मालिनी) से भी मिलता है, जो कंपनी के मालिक की बेटी भी है। जब गीता को निकाल दिया जाता है तो विजय उसे काम पर रखता है। वह शेखर और शीतल के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश करता है। विजय सभी अच्छे सौदे भी करता है जिसके परिणामस्वरूप राज को नुकसान होता है। यहाँ तक कि वह कुसुम को अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध रवि (सचिन) से शादी करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिससे शेखर नाराज हो जाता है। वह विजय के साथ लड़ाई कर देता है। लेकिन गीता आती है और सच बताती है। शेखर और कुसुम, राज को छोड़ देते हैं। राज गुस्से में बलवंत (प्रेम चोपड़ा) को विजय को मारने के लिए कहता है। बाद में विजय आता है और उसे बताता है कि वह राज का बेटा है और चला जाता है। राज बलवंत को रोकने की कोशिश करता है लेकिन उसने विजय को पाने के लिए पहले ही रवि का अपहरण कर लिया है। विजय, शेखर और राज की सहायता से, रवि को बचा लेता है। बलवंत की बंदूक का निशाना विजय होता है लेकिन राज बीच में आता है और इस तरह राज को बलवंत द्वारा गोली मार दी जाती है। मरने से पहले राज माफ़ी मांगता है। विजय उसे माफ कर देता है और परिवार के साथ एकजुट हो जाता है। इसके अलावा, विजय अपनी कंपनी का नाम शांति कंस्ट्रक्शंस से शांति-राज कंस्ट्रक्शंस में बदल देता है।
चरित्र
[संपादित करें]अभिनेता | भूमिका |
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अमिताभ बच्चन | विजय कुमार |
संजीव कुमार | राज कुमार गुप्ता |
शशि कपूर | शेखर गुप्ता |
राखी | गीता |
हेमा मालिनी | शीतल वर्मा |
पूनम ढिल्लों | बबली (कुसुम गुप्ता) |
सचिन | रवि |
वहीदा रहमान | शांति |
प्रेम चोपड़ा | बलवंत राय |
इफ़्तेख़ार | पी॰ एल॰ वर्मा |
गीता सिद्धार्थ | कामिनी गुप्ता |
मनमोहन कृष्णा | सेठ दीनदयाल |
युनुस परवेज़ | भंडारी |
मोहन शेरी | गंगू |
शेट्टी | माधव सिंह |
माणिक ईरानी | गुंडा |
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत साहिर लुधियानवी द्वारा लिखित; सारा संगीत खय्याम द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "गपूची गपूची गम गम" | लता मंगेशकर, नितिन मुकेश | 4:10 |
2. | "जा री बहना जा" | पामेला चोपड़ा, किशोर कुमार, के॰ जे॰ येशुदास | 3:09 |
3. | "जो हो यार अपना" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 3:32 |
4. | "मोहब्बत बड़े काम की" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर, के॰ जे॰ येशुदास | 4:39 |
5. | "जानेमन तुम कमाल" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 5:40 |
6. | "आपकी महकी हुई जुल्फ" | के॰ जे॰ येशुदास, लता मंगेशकर | 3:11 |
7. | "तू मेरे साथ रहेगा मुन्ने" | लता मंगेशकर | 6:31 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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गुलशन राय | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
यश चोपड़ा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
अमिताभ बच्चन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
संजीव कुमार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
सलीम-जावेद | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | नामित |