त्रिपुरी पोशाक

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त्रिपुरी पारम्परिक पोशाक

त्रिपुरी पोशाक भारत के त्रिपुरा राज्य में पहने जाने वाली एक पारम्परिक पोशाक है। यह पोशाक भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के पोशाक के समान ही है लेकिन इसके स्वरूप और बनावट में कुछ भिन्नता देखी जा सकती है।[1][2][3]

महिला त्रिपुरी पोशाक[संपादित करें]

महिलाओं के लिए निर्मित त्रिपुरी पोशाक को दो भागों में बांटा जा सकता है। महिलाओं के शरीर के निचले हिस्से की पोशाक को त्रिपुरी में रिग्नाई कहा जाता है। शरीर के ऊपरी हिस्से के कपड़े को पुनः दो भागों में बांटा जा सकता हैं, जिसे रिसा और रिकुटु कहा जाता है। इसमें से रिसा छाती के हिस्से को ढकता है और रिकुटु शरीर के पूरे ऊपरी हिस्से को ढकता है। पुराने समय में महिलाएँ इन कपड़ों को सूती धागे से बुनती थीं, लेकिन आजकल ये पोशाक बाजार से खरीदे जाते हैं। वर्तमान समय में महिलाएँ रिसा नहीं पहनती है, बल्कि सुविधा के कारण ज्यादातर त्रिपुरी महिलाएँ अब ब्लाउज पहनती हैं। इसके साथ ही युवतियाँ आजकल रिग्नाई को टॉप के साथ पहनती हैं।[4][5]

रिग्नाई[संपादित करें]

त्रिपुरा में रहने वाले प्रत्येक कुल की महिलाओं के रिग्नाई का अपना विशेष स्वरूप और बनावट होता है। यह स्वरूप और बनावट इतना विशिष्ट होता है कि त्रिपुरी महिला के कबीले को उसके द्वारा पहने जाने वाले रिग्नाई के पैटर्न से ही पहचाना जा सकता है हालांकि वर्तमान में कई कुल के रिगनाई के स्वरूप और बनावट का आपस में मेल-मिलाप हो गया है और अलग-अलग कुलों की महिलाओं के द्वारा दूसरे कुलों की रिगनाई को स्वतंत्र रूप से पहना जा रहा है। इसके अतिरिक्त बाजारवाद के प्रभाव के कारण रिग्नाई के पारम्परिक रूप में भी काफ़ी हद तक अंतर आते जा रहे हैं।[4][6]

रिग्नाई चमथविबर

रिग्नाई चमथविबर सबसे महत्वपूर्ण त्रिपुरी रिग्नाई माना जाता है। इसे सभी रिग्नाइयों की माँ के रूप में जाना जाता है क्योंकि वर्तमान में प्रचलित सभी रिग्नाइयाँ रिग्नाई चमथविबर से ही विकसित हुई थीं।[4][6]

रिग्नाई की बनावट

त्रिपुरी महिलाओं द्वारा रिग्नाई स्वयं बुने जाते हैं, इसके भिन्न-भिन्न रूप और बनावट के आधार पर इसे कई नाम दिए गए हैं, इनमें से कुछ प्रमुख रिग्नाई इस प्रकार है-अंजी, बनारसल, चमथविबार, जिराबी, खामजंग, खुम्बार, कुएफांग, कुआइचु, कुआइचू बोकोबोम, कुआइचु अल्टा, मालीबार, मियोंग, मुइखुनचोक, मोनैसोरा, मुइसिली, नतुपालिया, फ़ैनटोकबार, साडा, सालु, सिमिलिक यापै, ताखुमतेई, तेमानलिया, थैमाईक्रांग, थाइफ़्लोकबार, टोकबाकबर, तोखा, टोकसा, टोइलिंग, टोपरेंग्साखिटुंग, रिगनाइचमव्थ्वी, रिग्नाई मेरिंग्यू, मीटरेंग ट्रांग, रिग्नाई खामच्वी, कोसाकोप्रा, रिग्नाइब्रू, रिग्नाइकोसॉन्ग, क्वासप्रा, सोंगकाई, सोरबंगी इत्यादि।[4][6]

ऐसा कहा जाता है कि त्रिपुरा के सबसे प्रसिद्ध और महान राजा सुब्रई ने अपने शासनकाल के दौरान अपनी 250 पत्नियों के माध्यम से रिग्नाई के दो सौ पचास रूपों का निर्माण किया था लेकिन समय के साथ ये सभी रूप लुप्त हो गए और केवल कुछ ही आज बचे हुए हैं। शोधकर्ता खोए हुए रूपों को फिर से खोजने का प्रयास कर रहे हैं।

रिसा[संपादित करें]

रिसा की लम्बाई लगभग 1.5 मीटर और चौड़ाई 0.3 से 0.5 मीटर तक होती है। यह महिलाओं की छाती ढकने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। आमतौर पर इसे छाती पर दो बार लपेटना होता है। रिसा विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे क्वचाक पाली, कोसोमपाली, ताखुमटवी, खमजंग इत्यादि। त्रिपुरी लोगों के बीच रिसा सोरमानी नामक एक कार्यक्रम होता है, जिसमें एक युवा महिला की सरहाना की जाती है।[4][6]

रिकुटु[संपादित करें]

रिकुटु का प्रमुख कार्य शरीर के पूरे ऊपरी हिस्से को ढंकना होता है। त्रिपुरी महिलाओं के बीच रिकुटु पहनने की विभिन्न प्रणालियाँ हैं। एक तो यह कि इसे पूरे शरीर पर मोड़कर पहना जाए, जिसका उपयोग आमतौर पर सर्दियों के मौसम में किया जाता है। दूसरा तरीका यह है कि रिकुटु में लगे चुनरी को छाती के ऊपर से खींचते हुए और छाती को ढँकते हुए, कंधे से पीठ की ओर लटकाते हुए इसे पहना जाए। यह भारतीय साड़ी के पल्लू से मिलता जुलता है क्योंकि माना जाता है कि साड़ी भी त्रिपुरी रिग्नाई और रिकुटु का एक परिवर्तित रूप ही है। रिकुटु को महिलाओं द्वारा सिर को ढंकने के लिए भी पहना जाता है, खासकर उन महिलाओं द्वारा जिनकी हाल ही में शादी हुई हो।[4][6]

पुरुष त्रिपुरी पोशाक[संपादित करें]

पुरुष त्रिपुरी पोशाक को पहनावे के आधार पर दो भागों में बांटा जा सकता है। पुरुष कमर के लिए दुति बोरोक नामक पहनावा और शरीर के ऊपरी हिस्से के लिए कामचव्लवी बोरोक नामक पहनावा पहनते हैं लेकिन वर्तमान समय में त्रिपुरा के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले और कामकाजी पुरुषों को छोड़कर बहुत कम पुरुष ये पोशाक पहनते हैं, जिसका कारण यह है कि त्रिपुरा के अधिकांश युवक आज पाश्चात्य शैली में निर्मित कपड़ों को पहनना ज्यादा पसंद करते हैं।[4][7]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Costumes of Tripura". IndiaNetzone.com. अभिगमन तिथि 28 जून 2023.
  2. Pedia, Team Utsav (24 फरवरी 2017). "Everything About Traditional Attires in Tripura". Utsavpedia. अभिगमन तिथि 28 जून 2023.
  3. srinivas, pendem (17 जुलाई 2016). "Tripura Traditional Costumes, Tradition and Culture of India". India the Destiny. अभिगमन तिथि 28 जून 2023.
  4. Debbarma, Jupiter (12 नवम्बर 2020). "Know All About Tripura's Indigenous Ethnic Dress And Ornaments!". Youth Ki Awaaz. अभिगमन तिथि 28 जून 2023.
  5. "Traditional Dress of Tripura For Men & Women". Lifestyle Fun. 24 जून 2021. अभिगमन तिथि 28 जून 2023.
  6. "Tripura, the land of fourteen gods and million statues". www.tripura.org.in. अभिगमन तिथि 28 जून 2023.
  7. "Traditional Dress of Tripura with Pictures [For Men & Women]". India's Stuffs (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 28 जून 2023.