त्यागराज मंगलम

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त्यागराज मंगलम संगीतकार महेश महादेव द्वारा आविष्कृत कर्नाटक संगीत [1] (दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत का संगीतमय पैमाना) का एक राग है। [2] यह कर्नाटक संगीत की 72 मेलाकर्ता राग प्रणाली में 23वें मेलकर्ता राग गौरी मनोहारी का जन्य राग है।

पश्चिमी संगीत अनुसार जैज़ माइनर स्केल है लेकिन दूसरे और छठे स्वर्र को आरोही में छोड़ दिया जाता है। [2]

हिंदुस्तानी संगीत में इस राग के कोई समकक्ष राग नहीं है।

संरचना और लक्षन[संपादित करें]

अवरोही सी पर शादजम के साथ गौरीमनोहारी पैमाने के समान है

त्यागराज मंगलम एक असंपुर्ण राग है जिसमें आरोही में ऋषभ या धैवत शामिल नहीं है। यह एक ऑडव-सम्पूर्ण राग है। इस राग का आरोह और अवरोह इस प्रकार है।

  • आरोह: स ग₂ म₁ प नि₃ स
  • अवरोह  : स नि₃ द₂ प म₁ ग₂ रि₂ स [2]

इस पैमाने में उपयोग किए जाने वाले नोट हैं शाद्ज, साधना गंधारा, शुद्ध मध्यम, पंचम और काकली निशाध। और चतुश्रुति ऋषभम, चतुश्रुति दैवतम अवरोही में जोड़े जत हैं । यह औडव-सम्पूर्ण राग है

रचनाएं[संपादित करें]

इस राग में रचना

ध्यान मूलम - विरुत्तम [3]

टिप्पणियाँ[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "Bengaluru composer creating new ragas". Deccan Herald (अंग्रेज़ी में). 2021-08-10. अभिगमन तिथि 2023-01-13.
  2. Mary, S. B. Vijaya (2021-08-05). "Mahesh Mahadev's experiments with ragas". The Hindu (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2023-01-13. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; ":0" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  3. Guru Poornima D21- Priyadarshini | Hamsanadam Adi tala varnam & Gurulekha (Gowrimanohari) (अंग्रेज़ी में), अभिगमन तिथि 2023-01-13