तवांग मठ
तवांग मठ | |
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मठ सूचना | |
स्थान | तवांग जिला, अरुणाचल प्रदेश , India |
संस्थापक | Mera Lama Lodre Gyasto |
मरम्म्त तिथि | 2002 by the 14th Dalai Lama |
प्रकार | तिब्बती बौद्ध |
सम्प्रदाय | Gelug |
पाठशालाएँ | 17 gompas |
उपासकों की संख्या | 450 |
वास्तुकला | 65 residential buildings |
तवांग मठ भारत के अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है और ल्हासा के पोताला महल के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मठ है। यह तवांग नदी की घाटी में तवांग कस्बे के निकट स्थित है।
300 साल पहले बने इस मठ को बौद्ध भिक्षु अंतरराष्ट्रीय धरोहर मानते हैं। इसे 1680 में मेराक लामा लोद्रे ग्यास्तो ने बनवाया। इसमें 570 से ज्यादा बौद्ध भिक्षु रहते हैं। समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊँचाई पर तवांग चू घाटी में बने इस मठ में दुनिया भर के बौद्ध भिक्षु और पर्यटक आते हैं। पहाड़ी पर बने होने के कारण तवांग मठ से पूरी त्वांग घाटी के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं।
यह मठ दूर से दुर्ग जैसा दिखाई देता है। इसके प्रवेश द्वार का नाम 'काकालिंग' है जो देखने में झोपडी जैसा लगता है और इसकी दो दीवारों के निर्माण में पत्थरों का प्रयोग किया गया है। इन दीवारों पर खूबसूरत चित्रकारी की गई है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती है।