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तपन कुमार प्रधान

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तपन कुमार प्रधान
स्थानीय नामତପନ କୁମାର ପ୍ରଧାନ
जन्म22 अक्टूबर 1972 (1972-10-22) (आयु 52)
भुवनेश्वर
पेशालेखक; अध्यापक; प्रशासक
भाषाओडिया, अंग्रेज़ी, हिन्दी
काल२१वीं सदी
विधाकविता; निबंध; अनुवाद
विषयमानवाधिकार
उल्लेखनीय कामकालाहांडी
उपाधिसाहित्य अकादमी
जीवनसाथीशुभश्री
बच्चे

तपन कुमार प्रधान (जन्म १९७२) ओड़िसा के एक कवि, लेखक तथा अनुवादक हैं । [1] उनकी कविता संकलन कालाहांडी के लिए उन्हें साहित्य अकादमी स्वर्ण जयंती पुरस्कार से सम्मानित किया गया । [2] उनकी अन्य रचनाओं में “हिसाब” (Equation), “मैं, वह और सागर” (I, She and the Sea), “वुद्ध की हँसी” (Buddha Smiled) ओर “शिव नृत्य” (Dance of Shiva) आदि शामिल हैं । [3] गोपी कोट्टूर के साथ उन्होंने “पोएट्री चेन” पत्रिका स्थापना की थी।[4]

बाल्यकाल व शिक्षा

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डॉ. प्रधान का जन्म २२-१०-१९७२ को ओड़िसा की राजधानी भुवनेश्वर में हुआ । उनकी बचपन कालाहांडी, केन्दुझरलक्ष्मीसागर में बीती । उन्होंने लक्ष्मीसागर विद्यालय, बक्सि जगबन्धु महाविद्यालय तथा उत्कल विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की । उनके पिता अरक्षित प्रधान ओड़िसा सरकार के एक यन्त्री थे । किन्तु सरकारी प्रकल्पों में व्यापक भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ कर उन्होंने नौकरी छोड़ दी, और योगी बनकर हिमालय चले गए । उसके पश्चात उनकी माता कुमुदिनी प्रधान ने परिवार का पोषण किया ।

व्यावसायिक जीवन

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वर्ष १९९६ से १९९८ तक उत्कल विश्वविद्यालय में यूजीसी फ़ेलोशिप के तहत साम्प्रदायिक सद्भाव पर गवेषणा की। वर्ष १९९९ में वह फ़क़ीर मोहन विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के अध्यापक नियुक्त हुए । तत्पश्चात् वह भारतीय रिज़र्व बैंक में वरिष्ठ अधिकारी के रूप तैनात हुए । वर्ष २०१४ में वह ओड़िसा सरकार के अतिरिक्त अर्थ सचिव तथा वित्तीय निर्देशक पद पर नियुक्त हुए । वह ओड़िसा ग्राम्य बैंक, उत्कल ग्रामीण बैंक व मालाबार बैंक आदि में भी निर्देशक रहे । अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सरकारी कारोबार व बैंक परिचालन में स्वच्छता हेतु अनेक पारदर्शी मानदंड निर्धारित किए । असाधु चिटफ़ंड कंपनियों से ग्राहकों को सुरक्षा देने के लिए उन्होंने मार्गदर्शिका प्रस्तुत की ।

मानवाधिकार के लिए लड़ाई

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अपने पिता की तरह उन्होंने भी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ संग्राम जारी रखा । वह आम जनता को न्याय दिलाने के लिए सूचना अधिकार का प्रयोग व न्यायिक लड़ाई के लिए जाने जाते हैं । डॉ प्रधान भारत के पहले ऐसे सरकारी कर्मचारी थे जिन्होंने अपनी गुप्त रिपोर्ट RTI के तहत हासिल की । उन्होंने सूचना आयुक्त से अपील की कि कर्मचारियों की कार्य निष्पादन रिपोर्ट उनको सार्वजनिक क्षेत्र में सार्वजनिक कार्य के लिए सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा दी जाती हैं; अत: उसे “गुप्त” रिपोर्ट कह कर दबाया नहीं जा सकता । उनकी प्रयासों से भ्रष्ट नेता और बैंक अधिकारियों में हड़कंप मचा । अपनी अध्यापन व शोध कार्य के दौरान उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम व हरिजन-जनजाति संबंधों पर भी गवेषणा की । साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए वर्ष २००७ में उन्हें श्याम बेनेगल से इंडियन एक्सप्रेस “सिटीज़न फ़ॉर पीस” पुरस्कार मिला ।

साहित्य क्षेत्र में योगदान

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डॉ प्रधान ने अपनी साहित्य कृतियों में ज़्यादातर मानव धर्म, मानवाधिकार व साम्प्रदायिक सद्भावना पर ज़ोर दिया है । उनकी कालाहांडी पुस्तक में उन्होंने पिछड़े इलाक़ों की गरीब जनता का आर्थिक व यौन शोषण के बारे में लोमहर्षक वर्णन किया । कालाहांडी कविता संकलन का अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए उन्हें साहित्य अकादमी स्वर्ण जयंती पुरस्कार मिला । अंग्रेज़ी कविता “द बुद्ध स्माइल्ड” ओर “डैन्स ऑफ शिव” के लिए उन्हें पोएट्री सोसायटी इंडिया से भी पुरस्कार मिला । वित्तीय समावेश पर निबंधों के लिए उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक से अनेक बार प्रथम पुरस्कार मिले। अपनी कविताओं में उन्होंने भ्रष्टाचार निर्मूलन के अलावा सर्वधर्म समन्वय की ओर भी संकेत दिए । उन्होंने जर्मनी के क्रिश्चियन कवि एंटनी थियोडॉर व काश्मीरी कवि ललिता अय्यर की कविताओं का टीका समेत संपादन की, जिसमें यह दर्शाया गया कि सभी धर्मों का मूल सिद्धांत एक ही है।

निजी जीवन

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वर्ष २००१ में उनकी शादी ओडिशी नृत्यांगना शुभश्री से हुई । उनकी दो सन्तान हैं ।

हेमांगी शर्मा धोखाधड़ी मामला

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कश्मीरी कवयित्री हेमांगी शर्मा ने शिकायत दर्ज़ कराई कि हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ड़ा प्रधान ने उनका यौन शोषण किया था ।[5] परंतु ड़ा प्रधान ने साईबराबाद पुलिस में हेमांगी शर्मा के खिलाफ़ धोकाधड़ी व साईबर अपराध का प्रत्यारोप लगाया । अपने पुस्तकों में ड़ा तपन हेमांगी के साथ पूर्व जन्म से अंतरंग संबंध का खुलासा किया है । मामले की जांच से पता चला कि हेमांगी ने झूठे आरोप लगाए थे ।[6]

ग्रंथ सूची

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  • २००७ :- कालाहांडी (Kalahandi)
  • २०२१ :- कालाहांडी - एक अनकही कहानी (Kalahandi - The Untold Story)
  • २०१९ :- मैं, वह और समुंदर (I, She and the Sea)
  • २०१७ :- अपराह्न की हवा (Wind in the Afternoon)
  • २०२० :- प्रेम स्तुति (Psalms of Love)

प्रकाशित लेख

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पुरस्कार व सम्मान

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  • साहित्य अकादमी स्वर्ण जयंती पुरस्कार (२००७)
  • इंडियन एक्सप्रेस पुरस्कार (२००७)
  • भारतीय रिज़र्व बैंक हिन्दी भाषा पुरस्कार (२००७)
  • पोएट्री सोसायटी पुरस्कार (२०१३)
डॉ. प्रधान रिज़र्व बैंक गवर्नर द्वारा सम्मानित

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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सन्दर्भ

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  1. "साहित्य अकादमी लेखक सूची (Sahitya Akademi : Who's Who of Indian Writers)". Sahitya Akademi. Sahitya Akademi. Retrieved 17 September 2022.
  2. "साहित्य अकादमी स्वर्ण जयंती पुरस्कार (Sahitya Akademi Golden Jubilee Award : Kalahandi by Tapan Kumar Pradhan)". Sahitya Akademi. साहित्य अकादमी. Retrieved 17 September 2022.
  3. "तपन कुमार प्रधान - लेखक परिचय (Tapan Kumar Pradhan - Poet Profile)". Creative Flight. Creative Flight Journal. Retrieved 17 September 2022.
  4. ""पोएट्री चेन" वेबसाईट". Poetry Chain Akademi. Poetry Chain. Archived from the original on 20 सितंबर 2022. Retrieved 18 September 2022.
  5. "ड़ा तपन कुमार प्रधान बनाम तेलेंगाना राज्य सरकार" (PDF). तेलेंगाना सूचना आयोग. Archived from the original (PDF) on 28 सितंबर 2022. Retrieved 8 February 2022.
  6. वनजा सरना (7 January 2021). "ड़ा तपन कुमार प्रधान बनाम हेमांगी शर्मा". इंडिया कानून. Retrieved 8 September 2022.