जूली (1975 फ़िल्म)
जूली | |
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जूली का पोस्टर | |
निर्देशक | के॰ एस॰ सेतुमाधवन |
लेखक | इंदर राज आनंद (संवाद) |
निर्माता | बी॰ नागि रेड्डी |
अभिनेता |
लक्ष्मी, विक्रम |
संगीतकार | राजेश रोशन |
प्रदर्शन तिथि |
1975 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
जूली 1975 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसे के॰ एस॰ सेतुमाधवन द्वारा निर्देशित किया गया और चक्रपाणि द्वारा इसकी कहानी लिखी गई। फिल्म में लक्ष्मी ने शीर्षक भूमिका निभाई है। इसमें विक्रम, नादिरा, रीटा भादुड़ी, ओम प्रकाश, उत्पल दत्त और श्रीदेवी (उनकी पहली महत्वपूर्ण हिंदी फिल्म भूमिका में) भी हैं।
फिल्म आलोचनात्मक और व्यावसायिक सफलता थी। इसका संगीत भी ब्लॉकबस्टर रहा था, जिसमें राजेश रोशन द्वारा पुरस्कार विजेता संगीत था जिससे उन्हें उस वर्ष का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
संक्षेप
[संपादित करें]जूली (लक्ष्मी) ईसाई एंग्लो-इंडियन लड़की है जो शराबी लेकिन उसे प्यार करने वाले पिता (ओम प्रकाश), उस पर हावी माँ (नादिरा), छोटे भाई और बहन (श्री देवी) के साथ रहती है। उसे अपनी सबसे अच्छी दोस्त (रीटा भादुड़ी) के भाई शशि भट्टाचार्य, एक हिंदू लड़के से प्यार हो जाता है। प्रेमी अपने रिश्ते को चरम पर ले जाते हैं, जिससे वह गर्भवती हो जाती है। शशि उसकी गर्भावस्था के बारे में न जानते हुए कॉलेज चली जाता है। जब जूली अपनी माँ को गर्भावस्था के बारे में बताती है तो वह व्याकुल हो जाती हैं। वे परिवार के बाकी सदस्यों को नहीं बताते हैं। उसकी माँ जूली का गर्भपात कराने के बारे में सोचती है, लेकिन धर्मनिष्ठ ईसाई (सुलोचना) उसे ऐसा करने से मना करती है। जूली को उसके बच्चे को गुप्त रूप से पैदा करने के लिये भेज दिया जाता है। परिवार के बाकी सदस्यों को बताया जाता है कि जूली को नौकरी मिल गई थी। बच्चे के जन्म के बाद, जूली की माँ बच्चे को एक अनाथालय में छोड़ने की व्यवस्था करती है और यह कहती हैं कि जूली घर लौट आए और बच्चे के बारे में भूल जाए।
जब जूली घर लौटती है, तो उसके पिता की मृत्यु हो चुकी होती है। वह अब परिवार में कमाने वालों में प्रधान है। बाद में, वह शशि से मिलती है और उसे सब कुछ बताती है। फिर वह उससे शादी करने के लिए कहता है, लेकिन उसकी मां जूली से शादी करने के खिलाफ है क्योंकि दोनों का धर्म अलग है। वह जूली पर अपने बेटे को बहकाने और बच्चा करने का आरोप लगाती है। जूली की मां भी शादी नहीं चाहती है, क्योंकि यह विभिन्न धर्मों का विवाह होगा और वह इंग्लैंड लौटना चाहती हैं। हालाँकि, शशि के पिता (उत्पल दत्त) दोनों की माताओं को जाति और धर्म के पूर्वाग्रहों को दूर करने की कहते हैं। वह दोनों को अपने पोते को स्वीकार करने का आग्रह करते हैं। फिल्म माताओं द्वारा बालक को अपना आशीर्वाद देने के साथ समाप्त होती है और जूली की माँ अपने पोते से वादा करती हैं कि वह "उसे कभी नहीं छोड़ेगी।"
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- लक्ष्मी ― जूली
- विक्रम ― शशि भट्टाचार्य
- नादिरा ― मार्गरेट 'मैगी'
- उत्पल दत्त ― श्री भट्टाचार्य
- अचला सचदेव ― देवकी भट्टाचार्य
- रीटा भादुड़ी ― ऊषा भट्टाचार्य
- जलाल आग़ा ― रिचर्ड 'रिची'
- राजेन्द्रनाथ ― रहीम
- ओम प्रकाश ― मोरिस
- रूबी मेयर ― रूबी आंटी
- श्री देवी ― आइरीन
संगीत
[संपादित करें]सभी राजेश रोशन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "दिल क्या करे जब किसी से" | आनंद बख्शी | किशोर कुमार | 6:46 |
2. | "ये रातें नई पुरानी" | आनंद बख्शी | लता मंगेशकर | 5:37 |
3. | "भूल गया सब कुछ" | आनंद बख्शी | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 5:00 |
4. | "माइ हार्ट इज़ बीटिंग" | हरींद्रनाथ चट्टोपाध्याय | प्रीति सागर | 4:55 |
5. | "साँचा नाम तेरा" | आनंद बख्शी | उषा मंगेशकर, आशा भोंसले | 4:50 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | श्रेणी | नामित व्यक्ति | परिणाम |
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फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार | सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री | लक्ष्मी नारायण | जीत |
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री | नादिरा | ||
सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक | राजेश रोशन | ||
सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका | प्रीति सागर | नामित |