चक्रव्यूह
चक्रव्यूह या पद्मव्यूह हिंदू युद्ध शास्त्रों मे वर्णित अनेक व्यूहों (सैन्य-संरचना) में से एक है।
पृष्ठभूमि
[संपादित करें]चक्रव्यूह एक बहु-स्तरीय रक्षात्मक सैन्य संरचना है जो ऊपर से देंखने पर चक्र या पद्म की भाँति प्रतीत होती है इसके हर द्वार की रक्षा एक महारथी योध्दा करता है। इस व्यूह का प्रयोग महाभारत में कौरवो के प्रधान सेनापति द्रोणाचार्य द्वारा धर्मराज युधिष्ठिर को बंदी बनाने हेतु हुआ था।
अभिमन्यु और चक्रव्यूह
[संपादित करें]इसके भेदन का ज्ञान पांडव पक्ष में केवल अर्जुन, कृष्ण, प्रद्युम्न व अभिमन्यु को ही था, परंतु इसकी रचना के अवसर पर वहाँ केवल अभिमन्यु ही मौजूद था। अभिमन्यु ने यह ज्ञान अपनी माँ के गर्भ में ही प्राप्त कर लिया था किंतु वह इससे निकलने मार्ग नही जान पाया था। अत: जब युध्द में अभिमन्यु ने इसमें प्रवेश किया तो उसने छ: द्वार को तोड़ दिया लेकिन सातवें द्वार पर कौरव पक्ष के सभी महारथियों ने धर्मविरूध्द मिलकर उसका वध कर दिया।