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ग्रहीय क्रोड

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सौर मंडल के कुछ अंदरूनी ग्रहों की आंतरिक संरचना

ग्रहीय क्रोड (planetary core) किसी ग्रह, उपग्रह या बड़े क्षुद्रग्रह की सबसे भीतरी तह को कहा जाता है। यह ठोस या द्रव (लिक्विड) या उन दोनों की परतों का सम्मिलन हो सकती है। हमारे सौर मंडल में ग्रहीय क्रोड का पूरी वस्तु की त्रिज्या (रेडियस) में हिस्सा चंद्रमा में २०% से लेकर बुध ग्रह (मर्क्युरी) में ८५% तक है।[1] गैस दानवों की भी क्रोडें होती हैं लेकिन उनकी बनावट पर बहस जारी है - वह पत्थर की, बर्फ़ की या फिर धातु हाइड्रोजन के द्रव की हो सकती है।[2][3][4]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Solomon, S.C. (2007). "Hot News on Mercury's core". Science 316 (5825): 702–3. doi:10.1126/science.1142328 Archived 2008-11-18 at the वेबैक मशीन. PMID 17478710 Archived 2013-10-29 at the वेबैक मशीन. (subscription required)
  2. Pollack, James B.; Grossman, Allen S.; Moore, Ronald; Graboske, Harold C. Jr. (1977). "A Calculation of Saturn's Gravitational Contraction History". Icarus. 30. Academic Press, Inc: 111–128. बिबकोड:1977Icar...30..111P. डीओआई:10.1016/0019-1035(77)90126-9.
  3. Fortney, Jonathan J.; Hubbard, William B. (2003). "Phase separation in giant planets: inhomogeneous evolution of Saturn". Icarus. 164. Academic Press: 228–243. डीओआई:10.1016/s0019-1035(03)00130-1.
  4. Stevenson, D. J. (1982). "Formation of the Giant Planets". Planet. Space Sci. 30 (8). Pergamon Press Ltd.: 755–764. डीओआई:10.1016/0032-0633(82)90108-8.