गंभीर सिंह मुड़ा
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गंभीर सिंह मुड़ा | |
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![]() मुड़ा की मूर्ति | |
जन्म |
1930 Pitikiri Bamni, पुरुलिया, पश्चिम बंगाल, भारत |
मृत्यु |
9 नवम्बर 2002 | (उम्र एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित < ऑपरेटर।)
व्यवसाय | लोकनर्तक |
माता-पिता | जिपा सिंह मुड़ा |
पुरस्कार | पद्मश्री (1981) |
गंभीर सिंह मुड़ा (बांग्ला: গম্ভীর সিং মুড়া) (1930 – 9 नवंबर 2002) पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले के एक आदिवासी नर्तक थे जिन्होंने छऊ नृत्य के नर्तक के रूप में अपनी पहचान बनायी।[1][2] इन्हें 1981 में कला के क्षेत्र में इस योगदान के लिये पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[3]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Chhau village comes alive at Kharagpur puja". Times of India. 16 October 2010. अभिगमन तिथि 1 July 2015.
- ↑ "Baghmundi is the place of Chhow dance". Baghmundi Block Development Office. 2015. मूल से 2 July 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 July 2015.
- ↑ "Padma Shri" (PDF). Padma Shri. 2015. मूल (PDF) से 15 November 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 June 2015.
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