क्षितिमोहन सेन
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आचार्य क्षितिमोहन सेन (2 दिसम्बर 1880 – 12 मार्च 1960) भारतीय विद्वान, लेखक तथा संस्कृत के प्राध्यापक थे। वे विश्वभारती के कार्यकारी उपाचार्य थे (1953–1954)। वे अमर्त्य सेन के नाना थे।
परिचय[संपादित करें]
क्षितिमोहन सेन के पिताजी का नाम भुबनमोहन था। उनका पैतृक निवास वर्तमान बांग्लादेशे के ढाका जिला में था।
उन्होने काशी के क्वीन्स कालेज से संस्कृत में एमए करने के बाद चम्बाराज्य के शिक्षा विभाग में कार्य किया। १९०८ ई में रवीन्द्रनाथ ठाकुर के बुलाने पर विश्वभारती के ब्रह्माचर्याश्रम में योगदान करने लगे तथा विश्बभारती विद्याभवन के अध्यक्ष के रूप में शेष जीवन व्यतीत किया। कुछ दिन विश्वभारती के अस्थायी उपाचार्य पद पर भी थे।
उनकी 'सन्तदेर बाणी', 'बाउल संगीत' एवं 'साधनतत्त्ब' उल्लेखनीय हैं।
क्षितिमोहन सेन कि कुछ प्रमुख रचनाएं हैं-
- कबीर (४ खण्ड)
- भारतीय मध्ययुगेर साधनार धारा
- दादु
- भारतेर संस्कृति
- बांलार साधना
- जातिभेद
- हिन्दु मुसलमानेर युक्तसाधना
- प्राचीन भारते नारी
- युगगुरु राममोहन
- बलाका काब्य परिक्रमा
- बांलार बाउल
- चिन्मय बंग
- मेडिभ्याल मिस्टिसिजम अफ इन्डिया