केंद्रीय विद्यालय संगठन
केन्द्रीय विद्यालय संगठन | |
केंद्रीय विद्यालय संगठन | |
तत् त्वं पूषन् अपावृणु
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स्थिति | |
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नई दिल्ली, भारत | |
जानकारी | |
स्थापना | 1963 [1] |
शैक्षिक बोर्ड | केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) |
प्राधिकारी | शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार |
Chairman | शिक्षा मंत्री, भारत सरकार |
प्रशासक | आयुक्त, के.वि.सं. |
कक्षाएँ | 1 से 12 |
समाचारपत्र | https://kvsangathan.nic.in/publications/newsletter |
बजट | रु. 8363.98 करोड़ |
जालस्थल | http://www.kvsangathan.nic.in |
केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है, जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस की शुरुआत 1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है। वेतन आयोग द्वारा यह सिफ़ारिश की गई कि सरकार को कोई ऐसी योजना बनानी चाहिए जिससे कि केंद्रीय
सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न न हो। परिणामस्वरूप भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक यूनिट के रूप में सेंट्रल स्कूल
ऑर्गेनाइजेशन की शुरूआत की गई । प्रारम्भ में शैक्षिक वर्ष 1963-64 के दौरान सुरक्षा कर्मियों की सघनता वाले स्थानों पर चलाए जा रहे 20 रेजीमेंटल विद्यालयों को केन्द्रीय विद्यालयों के रूप में लिया गया। 15 दिसंबर, 1965 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 के XXI) के अंतर्गत “सेंट्रल स्कूल ओरगेनाईजेसन” को “ एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया तथा 3 जुलाई 1967 को “केन्द्रीय विद्यालय संगठन” के रूप में पुन: नामित किया गया”।
केविसं का प्रमुख उद्देश्य देश तथा विदेश में स्थापित सेंट्रल स्कूलों (केन्द्रीय विद्यालयों) को साधन संपन्न करना, उनका रख रखाव, नियंत्रण तथा प्रबंधन करना है। संगठन का सम्पूर्ण (शत प्रतिशत) वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाता है। वर्ष दर वर्ष केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या में वृद्धि हो रही है और 31.03.2023 तक इनकी संख्या 1252 हो गई है।[2] है। इस के अतिरिक्त विदेश में तीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें भारतीय दूतावासों के कर्मचारियों तथा अन्य प्रवासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम का अनुसरण होता है। सभी केन्द्रीय विद्यालयों का संचालन केन्द्रीय विद्यालय संगठन नाम की संस्था करती है।
केन्द्रीय विद्यालय का मिशन[संपादित करें]
केन्द्रीय विद्यालयों के प्रमुख चार मिशन इस प्रकार है[3]-
1. रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों के कार्मिकों सहित केन्द्रीय सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा के एक समान पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
2. विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गति निर्धारित करना।
3. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) इत्यादि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग तथा नवाचार को सम्मिलित करना।
4. बच्चों में राष्ट्रीय एकता और ’भारतीयता’ की भावना का विकास करना।
प्रमुख बिन्दु[संपादित करें]
उपर्युक्त उद्देश्यों के अनुपालन हेतु केन्द्रीय विद्यालय प्रणाली की विशेषताएँ और मानदंड
निम्नलिखित हैं :
1. सभी केन्द्रीय विद्यालयों के लिए एक जैसी पाठ्यपुस्तकें तथा द्विभाषी (हिन्दी तथा अंग्रेजी) शिक्षण का माध्यम है।
2. सभी केन्द्रीय विद्यालय केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध हैं।
3. सभी केन्द्रीय विद्यालय सह-शिक्षा एवं मिश्रित विद्यालय हैं।
4. कक्षा VI से VIII तक अंग्रेजी, हिंदी तथा संस्कृत तीन भाषाओं का शिक्षण अनिवार्य है।
कक्षा IX तथा X में अंग्रेजी, हिन्दी तथा संस्कृत में से कोई दो भाषाएँ ली जा सकती हैं। +2 स्तर पर संस्कृत को भी ऐच्छिक विषय के रूप में लिया जा सकता है।
5. केविसं आदर्श और अद्यतन कार्य प्रणाली द्वारा शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्टता बनाये रखने के लिए सतत् प्रयासरत है।
6. कक्षा 8वीं तक के सभी लड़कों, कक्षा 12वीं तक की सभी लड़कियों, अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों, केविसं के कर्मचारियों के बच्चों तथा चीन और पाकिस्तान के विरूद्ध 1962, 1965, 1971 तथा 1999 में कारगिल युद्ध में मारे गए तथा दिव्यांग हुए सैन्य अधिकारियों तथा कर्मचारियों के बच्चों से कोई ट्य़ूशन फीस नहीं ली जाती है।
संगठनात्मक संरचना[संपादित करें]
मुख्यालय, नई दिल्ली
क्षेत्रीय कार्यालय- 25
केन्द्रीय विद्यालय- 1253
शिक्षा प्रशिक्षण के आंचलिक संस्थान- 05
केन्द्रीय विद्यालय संगठन के 25 क्षेत्रीय कार्यालय[संपादित करें]
राष्ट्रीय स्तर पर निरुपित केंद्रीय विद्यालय संगठन की नीतियों के प्रभावी प्रबंधन एवं कार्यान्वयन के लिए 25 क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना की गई है।
शिक्षा प्रशिक्षण के 05 आंचलिक संस्थान(ZIET)[संपादित करें]
प्रशिक्षण की आवश्यकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए केविस ने ग्वालियर, मुंबई, मैसूर, भुवनेश्वर एवं चंडीगढ़ में शिक्षा एवं प्रशिक्षण के 05 आंचलिक संस्थानों की स्थापना की है जो पूरी तरह से अधिकारियों / शिक्षकों और अन्य स्टाफ को प्रशिक्षित करने के लिए समर्पित हैं।
क्र.सं. | आंचलिक शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान | वेबसाइट |
---|---|---|
1. | भुवनेश्वर | https://zietbhubaneswar.kvs.gov.in/ |
2. | चंडीगढ़ | https://zietchandigarh.kvs.gov.in/ |
3. | ग्वालियर | https://zietgwalior.kvs.gov.in/ |
4. | मुंबई | https://zietmumbai.kvs.gov.in/ |
5. | मैसूरु | https://zietmysore.kvs.gov.in/ |
विदेशों में केन्द्रीय विद्यालय[संपादित करें]
भारत के बाहर केन्द्रीय विद्यालय काठमांडू, मास्को व तेहरान में स्थित हैं।
वर्ष 1963 से केंविसं के आयुक्तों की सूची[संपादित करें]
क्र.सं. | आयुक्तों के नाम | कार्यकाल |
---|---|---|
1. | एल.ओ. जोशी | 1965 से 1968 |
2. | डी.एल. शर्मा | 1968 से 1970 |
3. | ए. चारी | 1970 से 1974 |
4. | पीआर चौहान | 1974 से1977 |
5. | बलदेव महाजन | 1977 से 1979 |
6. | एचएच पवार | 1979 से 1983 |
7. | कॉमोडोर सतबीर | 1983 से 1985 |
8. | डॉ. आर.सी. शर्मा | 1986 से 1988 |
9. | डीएस मुखोपाध्याय | 1990 से 1993 |
10. | लिज्ज़ी जैकब | 1993 से 1998 |
11. | एच.एम. कैरिया | 1998 से 2004 |
12. | रंगलाल जामुदा | 2004 से 2009 |
13. | अविनाश दीक्षित | 2010 से 2015 |
14. | संतोष कु. मल्ल | 2015 से 2020 |
15. | निधि पांडे | 2020 से आज तक |
विद्यालय प्रार्थना[संपादित करें]
असतो मा सद्गमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मामृतं गमय
दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना
हमारे ध्यान में आओ प्रभू आँखों में बस जाओ
अँधेरे दिल में आकर के प्रभू ज्योति जगा देना
बहा दो प्रेम की गंगा दिलों में प्रेम का सागर
हमें आपस में मिल-जुल कर प्रभु रहना सिखा देना
हमारा धर्म हो सेवा हमारा कर्म हो सेवा
सदा ईमान हो सेवा व सेवक जन बना देना
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पर जाँ फिदा करना प्रभू हमको सिखा देना
दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना।
ॐ सहनाववतु
सहनौ भुनक्तु
सहवीर्यं करवावहै
तेजस्विनामवधीतमस्तु
मा विद्विषावहै
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ https://web.archive.org/web/20171213175912/http://www.kvsangathan.nic.in/AnnualReport/KVS_2015-16.PDF वर्ष २०१५-१६ की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर पृष्ठ संख्या ८
- ↑ https://kvsangathan.nic.in/ Archived 2019-01-12 at the वेबैक मशीन केन्द्रीय विद्यालय २०१९ कि रिपोर्ट के आधार पर (२९,जनवरी, २०१९)
- ↑ "दृष्टि और मिशन". kvsrobhopal.org.in. मूल से 14 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 December 2017.
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2014) स्रोत खोजें: "केंद्रीय विद्यालय संगठन" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
उद्देश्य[संपादित करें]
- स्थानांतरण प्रक्रति वली नौकरी में बच्चों की शिक्षा में उपयुक्त।
- सभी केंद्रीय विद्यालयों में पठ्यक्रम समान हैं।