क़िला मुबारक
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क़िला मुबारक | |
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स्थानीय नाम ਕ਼ਿਲਾ ਮੁਬਾਰਕ Qila Mubarak | |
स्थान | बठिंडा, पंजाब, भारत |
निर्देशांक | 30°12′29″N 74°56′15″E / 30.20806°N 74.93750°Eनिर्देशांक: 30°12′29″N 74°56′15″E / 30.20806°N 74.93750°E |
कद | 30 मीटर |
निर्माण | 6वीं शताब्दी ईसवी |
क़िला मुबारक भारत के पंजाब राज्य के बठिंडा शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थापत्य है। इसे भारत में राष्ट्रीय महत्व का स्थापत्य होने का दर्जा प्राप्त है और इसका रख-रखाव भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग की ज़िम्मेदारी है।[1] यह 1100-1200 ईसवी से अस्तित्व में है और भारत का सबसे पुराना दुर्ग है जो अभी भी खड़ा है। इसी क़िले में रज़िया सुल्ताना (1205 – 1240 ई) को उनकी पराजय के बाद बंदी बनाकर रखा गया था।[2] लेकिन इस क़िले में कुषाण काल की ईटें पाई गई हैं, जब सम्राट कनिष्क का भारत व मध्य एशिया के कई भागों पर राज था। माना जाता है कि दुर्ग का मूल निर्माण कनिष्क और राजा दाब ने किया था।[3]
चित्रदीर्घा
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Alphabetical List of Monuments – Punjab". Archaeological Survey of India - Chandigarh circle. मूल से 25 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 Jun 2018.
- ↑ "Queen Razia Sultana's story crumbles in Bathinda fort". The Times of India. 29 May 2017. मूल से 31 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 Jun 2018.
- ↑ Bathinda fort heading towards collapse, cries for renovation (4 Nov 2014). "Bathinda fort heading towards collapse, cries for renovation". Hindustan Times. मूल से 25 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 Jun 2018.