कहार
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कहार (भारत की गंगा नदी के क्षेत्र से उत्पन्न पालकी धारकों का एक समुदाय है।[1]
यह समुदाय भारत के कुछ हिस्सों में मौजूद हैं, लेकिन मुख्यतः उत्तर भारत में केंद्रित हैं। वे मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पश्चिम-उत्तरप्रदेश, सरसावा, सहारनपुर, फर्रुखाबाद, कानपुर, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर, सुल्तानपुर, फैजाबाद, जौनपुर और अंबेडकर नगर जिलों और बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।[2]
राजस्थान में कहारों के तीन उप-समुदाय हैं - बुडाना, तुराहा और । इन उप-समुदायों में कुलों का समावेश होता है, जिनमें से मुख्य हैं पिंडवाल, बमनावत, कटारिया, बिलावत, कश्यप और ओतासानिया। इनमें से अधिकांश उप-समुदायों की उत्पत्ति राजस्थान में हुई है।[3][4][5][6]
वर्गीकरण[संपादित करें]
वे वर्तमान में obc के रूप में वर्गीकृत हैं।[7]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Kumar Suresh Singh (1 January 1998). People of India: Rajasthan. Popular Prakashan. पपृ॰ 467–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7154-769-2. अभिगमन तिथि 28 June 2013.
- ↑ Kumar Suresh Singh (1998). India's communities. Oxford University Press. पपृ॰ 1443–1448. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-01-9563-354-2.
- ↑ People of India Rajasthan Volume XXXVIII Part Two edited by B.K Lavania, D. K Samanta, S K Mandal & N.N Vyas page 467 to 470 Popular Prakashan
- ↑ "Caste certificate of Bajrang Dal convener cancelled". The Hindu. 24 September 2004. अभिगमन तिथि 13 February 2019.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "Setback for Akhilesh government as High Court stays their order to include 17 sub-castes in the SC category". Financial Express. 24 January 2017. अभिगमन तिथि 2017-02-04.
- ↑ "UP govt to include 17 other backward castes in SC list". Hindustan Times. PTI. 22 December 2016. अभिगमन तिथि 2017-02-04.
- ↑ "Inclusion of Castes in SC Category". Press Information Bureau. अभिगमन तिथि 2021-12-30.