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एन्जिल जलप्रपात

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निर्देशांक: 5°58′03″N 62°32′08″W / 5.96750°N 62.53556°W / 5.96750; -62.53556

एंजली जलप्रपात
Salto Ángel
Kerepakupai Vena
एन्जिल जलप्रपात, बोलिवर राज्य, वेनेजला
अवस्थितिऑयनटेपुई, कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान, वेनेजुएला
कुल ऊँचाई979 मी॰ (3,212 फीट)
प्रपात संख्या47
सबसे ऊँचा प्रपातखंड807 मी॰ (2,648 फीट)
वैश्विक ऊँचाई रैंकिंग1[1]

एंजल जलप्रपात‌ (स्पेनी: Salto Ángel; पेमोन भाषा: केरेपाकुपाई वेना जिसका अर्थ है "गहनतम स्थान का जलप्रपात", या पाराकुपा-वेना, जिसका अर्थ है "उच्चतम बिंदु से जलप्रपात") वेनेज़ुएला का एक झरना है।

यह दुनिया का सबसे ऊंचा जलप्रपात है जिसकी ऊंचाई 979 मी॰ (3,212 फीट) है और गहराई 807 मी॰ (2,648 फीट) है। यह जलप्रपात वेनेजुएला के बोलिवर राज्य के ग्रान सबाना क्षेत्र में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान (स्पैनिश: पार्के नेशिनल कैनाईमा), में ऑयनटेपुई पर्वत से गिरता है।

जलप्रपात की ऊंचाई इतनी अधिक है कि पानी नीचे ज़मीन पर गिरने से पहले ही वाष्प बन जाता है या तेज हवा द्वारा धुंध के रूप में दूर ले जाया जाता है। जलप्रपात का आधार केरेप नदी से जुड़ा हुआ है (वैकल्पिक रूप से रियो गौया के रूप में ज्ञात), जो कराओ नदी की सहायक-नदी चुरून नदी से मिलता है।

ऊंचाई के 979 मी॰ (3,212 फीट) आंकड़े में मुख्यतः, प्रमुख बहाव धारा शामिल है लेकिन इसमें करीब 400 मी॰ (0.25 मील) का ढलानी सोपान और छलांग से नीचे के रैपिड भी शामिल हैं और ढलान रैपिड के अनुप्रवाह की एक 30 मी॰ (98 फीट) ऊंची छलांग. जबकि मुख्य छलांग निस्संदेह दुनिया का उच्चतम एकल बहाव है, कुछ लोगों का मानना है कि निम्न प्रपात इस जलप्रपात के मापन के मापदंड[2] को कुछ हद तक विस्तृत करता है, यद्यपि जलप्रपात माप का कोई सार्वभौमिक मान्य मानक नहीं है।[2]

शुष्क मौसम के दौरान एन्जिल जलप्रपात.

बीसवीं सदी में अधिकांशतः इसे "एन्जिल जलप्रपात" के नाम से जाना गया, जिसका नाम जिमी एन्जिल के नाम पर रखा गया जो हवाई जहाज से जलप्रपात के ऊपर से गुज़रने वाले प्रथम अमेरिकी विमान चालक थे। इसका आम स्पेनिश नाम "साल्टो एंजिल" है जिसकी व्युत्पत्ति अंग्रेजी से हुई है। 2009 में, राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज़ ने इसका नाम बदलकर स्वदेशी पेमोन शब्दावली में "केरेपकुपाई मेरू" रखने के इरादे की घोषणा की, जिसका अर्थ "गहनतम स्थान का जलप्रपात" है, इसका आधार यह था कि देश के सबसे प्रसिद्ध सीमाचिह्न का नाम स्वदेशी होना चाहिए।[3] नाम परिवर्तन की व्याख्या को लेकर चावेज़ ने कहा की "यह हमारा है, बहुत समय पहले एंजिल कभी यहां आए थे।..यह स्वेदेशी संपति है।"[4] हालांकि, उन्होंने बाद में कहा कि वे नाम परिवर्तन का आदेश नहीं देंगे, लेकिन केवल मेरु केरेपकुपाई के प्रयोग का बचाव कर रहे थे।[5][6]

इस जलप्रपात को कभी-कभी चुरून-मेरु के नाम से संदर्भित किया जाता है, जिसका अर्थ "गरजता हुआ जलप्रपात" है, त्रुटिपूर्ण; इस नाम का प्रयोग कानाईमा राष्ट्रीय उद्यान(वास्तव में ऑयनटेपुई में भी) में एक और जलप्रपात के लिए किया जाता है।

अन्वेषण

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एन्जिल का विमान

सर वाल्टर रैले ने जिस प्रकार से वर्णन किया था वह संभवतः एक टेपुई (मेज सदृश पहाड़) था और उन्हें कभी-कभी एंजिल जलप्रपात देखने वाला पहला यूरोपीय कहा जाता है, लेकिन इन दावों को बनावटी माना जाता है।[7] कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जलप्रपात देखने वाला पहला यूरोपीय फर्नांडो डे बेरियो था, जो 16वीं और 17वीं सदी का एक स्पेनिश खोजकर्ता और राज्यपाल था।[8] बाद में, वेनेज़ुएला के खोजकर्ता एर्नेस्टो सेचेज़ ला क्रुज़ द्वारा इसे 1912 में खोजा गया, लेकिन उसने अपनी खोज का प्रचार नहीं किया। 16 नवम्बर 1933 में अमेरिकी विमान चालक जिम्मी एंजिल द्वारा हवाई जहाज से उसके ऊपर से गुजरने से पहले तक विश्व के अन्य भागों में इसके बारे में कोई नहीं जानता था, हालांकि उस समय जिम्मी, अयस्क संस्तर की खोज कर रहे थे।[9]

9 अक्टूबर 1937 को वापसी के समय एन्जिल ने अपने मेटल विमान कोर्पोरेशन फ्लेमिंगों मोनोप्लेन एल रियो करोनी को ऑयनटेपुई के सबसे ऊपरी भाग में उतारने की कोशिश की, लेकिन हवाई जहाज के पहियों के कीचड़दार ज़मीन में धंसने के कारण विमान क्षतिग्रस्त हो गया और वे अपने तीन साथियों के साथ जिसमें उनकी पत्नी भी शामिल थी, तेपुई से नीचे छलांग लगाने के लिए मज़बूर हो गए। उन्हें वापस अपने घर आने में करीब 11 दिनों का समय लगा, लेकिन उनके साहस का प्रसार चारों तरफ हो गया था और एंजिल के सम्मान में जलप्रपात का नाम एंजिल जलप्रपात रखा गया।

हेलिकॉप्टर से बाहर निकालने से पहले 33 वर्षों तक एंजिल का विमान टेपुई की चोटी पर रहा। इस विमान को निकालने के बाद उसे मरके के उड्डयन संग्रहालय में रखा गया और अब सिउडाड बोलिवर में हवाई अड्डे के सामने सड़क पर रखा गया है।

जलप्रपात से मिलने वाली नदी में पहुंचने वाला सबसे पहला मग़रिबवासी लात्वियाई खोजकर्ता अलेक्सेंड्रस लाइमे था, उसे देशी पेमोन जनजाति में अलेजांड्रो के नाम से भी जाना जाता है। 1955 में उसने ऑयनटेपुई पर चढ़ाई की। साथ ही उसी यात्रा में वह एंजिल के विमान तक भी पहुंचा, विमान के क्रैश लैंडिंग के करीब 18 साल बाद. उसने जलप्रपात की स्रोत नदी का नाम, लात्विया की एक नदी के नाम के आधार पर गौजा रखा, लेकिन पेमोन द्वारा दिए गए केरेप नाम का प्रयोग अब भी व्यापक रूप से किया जाता है।

साथ ही चुरून नदी से लेकर जलप्रपात के आधार तक का रास्ता तय करने वाला प्रथम व्यक्ति भी लाइमे था। वहां बीच में एक व्यूप्वाइंट भी है जहां से आमतौर पर जलप्रपात की तस्वीरे ली जाती हैं। उसके सम्मान में इसका नाम मिराडर लाइमे (स्पेनिश में लाइमे का व्यूप्वोइंट) रखा गया है। इस मार्ग का इस्तेमाल अधिकांशतः अब पर्यटकों के लिए उनके इस्ला रेटोन कैंप से प्रपात तक जाने के लिए किया जाता है।

1949 में अमेरिका के पत्रकार रूथ रोबर्टसन की अगुवाई में नेशनल ज्योग्राफिक सोसायटी के सर्वेक्षण द्वारा जलप्रपात की आधिकारिक ऊंचाई को निर्धारित किया गया।[10]

डेविड नोट द्वारा एक पुस्तक एन्जिल्स फोर ऑयनटेपुई से लेकर जलप्रपात के शीर्ष तक की सफल चढ़ाई के इतिहास को बतलाती है।

वेनेजुएला का एन्जिल जलप्रपात पर्यटकों के मुख्य आकर्षणों में से एक है, लेकिन अभी भी जलप्रपात की यात्रा करना एक जटिल कार्य है। वेनेजुएला के सुदूर जंगल में यह जलप्रपात स्थित है और प्योरटो ओर्डाज या सिउडाड बोलिवर से विमान को कानाइमा कैंप पहुंचना होता है, जहां से जलप्रपात के नीचे की नदी की शुरूआत होती है। सामान्य तौर पर नदी का दौरा जून से दिसम्बर के बीच किया जाता है, जब पेमोन गाइडों द्वारा प्रयोग की जाने वाली लकड़ी की कुरियार्स के लिए नदी में पर्याप्त गहराई होती है। शुष्क मौसम के दौरान (दिसम्बर-मार्च) अन्य महीनों की तुलना में यहां कम पानी देखा जाता है।

शुष्क मौसम के अंत के दौरान आंशिक रूप से धूमिल दृश्य
इज्ला रातों शिविर से ऑयनटेपुई और एंजिल जलप्रपात का दृश्य

इन्हें भी देखें

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  • जीन-मार्क बोइविन

सन्दर्भ

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  1. Angel Falls. (2006). In Encyclopædia Britannica. Retrieved 28 जुलाई 2006, from Encyclopædia Britannica Premium Service: http://www.britannica.com/eb/article-9007543 Archived 2008-11-18 at the वेबैक मशीन
  2. "What is considered a Waterfall?". World Waterfall Database. मूल से 1 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-12-02.
  3. Carroll, Rory (2009-12-21). "Hugo Chávez renames Angel Falls". द गार्डियन. London. मूल से 26 मार्च 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-04-25.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 नवंबर 2010.
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 20 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 नवंबर 2010.
  6. "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 नवंबर 2010.
  7. "The Lost World: Travel and information on the Gran Sabana, Canaima National Park, Venezuela". मूल से 14 अक्तूबर 2002 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 Nov 2009.
  8. संन्चेज़ रामोस, वलेरियनो: फरुआ: रेविस्ता डेल सेन्ट्रो विर्गिटानो डे स्टुडियोज हिस्टोरिकोस, ISSN 1138-4263, Nº. 8, 2005, पेग्स 105-142. डिस्पोंसिबल एन डायलनेट - यूनिवर्सिडाड डे ला रियोजा (España) Archived 2013-05-17 at the वेबैक मशीन
  9. "Jimmie Angel … An Explorer". 2008. मूल से 5 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 Nov 2009.
  10. Robertson, Ruth. "Jungle Journey to the World's Highest Waterfall.". प्रकाशित Jenkins, Mark (संपा॰). Worlds to Explore. National Geographic. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4262-0044-1.

बाहरी कड़ियाँ

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