एक्सोमार्स
प्रमुख ठेकेदार | थालेस एलिनिया स्पेस और एस्ट्रियम |
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लक्ष्य प्रकार | मंगल कक्षीय यान, दो लैंडर और रोवर |
कक्षीय प्रविष्टि तिथि | 2016 और 2021 |
लॉन्च तिथि | 2016 और 2020 |
लॉन्च वाहन | दो प्रोटॉन रॉकेट |
अभियान काल | स्थिर लैंडर: कई महीने[1] रोवर: ६ महीने कक्षीय यान: कई वर्षों |
गृह पृष्ठ | एक्सोमार्स कार्यक्रम |
द्रव्यमान | एक्सोमार्स ट्रेस गैस आर्बिटर: ३,१३० कि.ग्रा.[2] EDM लैंडर:६०० कि.ग्रा |
शक्ति | TGO: सौर शक्ति EDM लैंडर: स्वचालित बैटरी (प्रस्तावित) |
एक्सोमार्स (ExoMars), वर्तामान या भूतपूर्व के, मंगल जीवन के जैविक संकेतो की खोज हेतू मंगल के लिए एक रोबोटिक अभियान है। हाल में यह खगोल जैविकी अभियान, रूसी संघीय अंतरिक्ष एजेंसी (रोस्कोस्मोस) के सहयोग से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसा) के अधीन विकासशील है। [1][3][4]
अभियान की रूपरेखा
[संपादित करें]इस अभियान के तहत यूरोप एवं रूस ने मंगलग्रह के लिए संयुक्त रूप से मानवरहित यान एक्सोमार्स-2016 प्रक्षेपित किया है।
मिशन प्रोफाइल
[संपादित करें]प्रथम प्रक्षेपण (2016)
[संपादित करें]यूरोप एवं रूस ने 14 मार्च 2016 को संयुक्त रूप से कजाखिस्तान से एक मानवरहित अन्तरिक्ष यान, एक्सोमार्स 2016, प्रक्षेपित किया। यह यान मंगल ग्रह के वातावरण में गैसों की मौजूदगी के सबूत ढूंढने की कोशिश करेगा और यह पता लगाएगा कि क्या वहां कभी जीवन था या अभी भी वहां जीवन है।
दो चरणीय मंगल खोज अभियान के पहले चरण एक्सोमार्स-2016 में रूस के प्रोटोन रॉकेट कजाखिस्तान प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया।
एक्सोमार्स ट्रेस गैस आर्बिटर
[संपादित करें]श्चियापारेल्ली ईडीएम लैंडर
[संपादित करें]द्वितीय प्रक्षेपण (2020)
[संपादित करें]रूस लैंडिंग प्रणाली
[संपादित करें]सतह प्लेटफार्म
[संपादित करें]रोवर
[संपादित करें]विभिन्न चरण
[संपादित करें]यह मिशन दो चरणों में तय किया गया है, इसके पहले चरण में बेहद उच्च तकनीकी उपकरणों से लैस ट्रेस गैस आर्बिटर या टीजीओ 308 मिलियन मील की दूरी तय कर 19 अक्तूबर को लाल ग्रह पर पहुंचेगा। इसका मुख्य कार्य मंगल के फोटो लेना और इसकी हवा का विश्लेषण करना है। टीजीओ अपने साथ एक मार्स लैंडर श्चियापारेली को भी लेकर गया है।
इसके दूसरे चरण में वर्ष 2018 में मार्स रोवर को प्रक्षेपित किया जायेगा लेकिन धन की कमी के चलते इसमें देरी होने की संभावना है। ईएसए के एक दस्तावेज के अनुसार, लेकिन पहला चरण योजना के अनुरूप तथा बड़ी उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहा है। यह पता लगाएगा कि मंगल पर आज भी जीवन है।
वर्तमान में मंगल ग्रह पर दो रोवर कार्यरत हैं। यह दोनों रोवर हैं क्यूरोसिटी एवं ओपोर्च्युनिटी जिन्हें अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा भेजा गया।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ "Europe still keen on Mars missions". BBC News. 15 मार्च 2012. मूल से 20 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-03-16.
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in first (मदद) - ↑ Smith, Michael, संपा॰ (10 सितंबर 2009). "Presentation to the NRC Decadal Survey Mars Panel". मूल से 21 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-11-15. Cite journal requires
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ignored (मदद) - ↑ "Europe Joins Russia on Robotic ExoMars". Aviation Week. Mar 16, 2012. अभिगमन तिथि 2012-03-16.
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in first (मदद)[मृत कड़ियाँ] - ↑ "ESA Ruling Council OKs ExoMars Funding". Space News. 15 मार्च 2012. मूल से 6 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-03-16.
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in first (मदद)