ई०ए० जब्बार

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ई०ए० जब्बार
जन्म1 अक्टूबर 1956 (1956-10-01) (आयु 67)
मलप्पुरम Edit this on Wikidata
व्यवसायलेखक, दार्शनिक Edit this on Wikidata

ई०ए० जब्बार (मलयालम: ഇ. എ. ജബ്ബാർ) भारत के केरल राज्य के एक नास्तिक, मानवतावादी, तर्कवादी, वक्ता और लेखक हैं। उन्हें क़ुरआन और इस्लाम के आलोचक के रूप में जाना जाता है। वे कई तर्कवादी संगठनों के सक्रिय सदस्य हैं। वे काफी समय तक केरल युक्तिवादी संघम के उपाध्यक्ष और मलप्पुरम जिला सचिव रहे। वे 'युक्तिरेखा' नामक केरल युक्तिवादी संघम की आधिकारिक मासिक पत्रिका के संपादकीय बोर्ड के सदस्य भी थे। वह केरल राज्य शिक्षक संघ (केएसटीए) के सदस्य थे, जो राजनीतिक दल सीपीआई (एम) की शिक्षक शाखा है। उन्होंने अपना करियर एक सरकारी स्कूल शिक्षक के रूप में शुरू किया। शासकीय सेवासे सेवानिवृत्त के बाद उन्होंने स्वतंत्र विचार और नास्तिकता के लिए अपनी सक्रियता जारी रखी। [1] [2] [3] [4]

आरम्भिक जीवन और करीअर[संपादित करें]

जब्बार का जन्म भारत के केरल के मलप्पुरम में एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार में हुआ था। लेकिन जब वे दसवीं कक्षा में थे तभी कुरान का मलयालम अनुवाद पढ़ने के बाद उन्होंने इस्लाम में अपनी आस्था छोड़ दी। उन्होंने अनुभव किया कि कुरान में कई विसंगतियाँ और विरोधाभास हैं। उन्हें अपने परिवार से भी अपने प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं मिले। जब तर्कवादी जोसेफ एडमारुकु ने 1980 के आरम्भ में अपनी पुस्तक कुरान: ए क्रिटिकल स्टडी (मूल शीर्षक: कुरान ओरु विमर्शन पदनाम ) प्रकाशित की, तो यह पुस्तक व्यापक चर्चा का विषय बनी। जब्बार ने इनमें से कई बहसों में सक्रिय रूप से भाग लिया।[उद्धरण चाहिए]</link> । धीरे-धीरे वह तर्कवादियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वाद-विवाद मंडलों का हिस्सा बन गये[उद्धरण चाहिए]</link> ।

उन्होंने अपना करियर एक स्कूल शिक्षक के रूप में शुरू किया और बाद में केरल में एक अच्छे वक्ता के रूप में प्रसिद्ध हो गये।[उद्धरण चाहिए]</link> । उन्होंने सोशल मीडिया और केरल में "स्वतंत्र विचारक" समुदायों में अपने स्पष्ट ब्लॉगिंग और वीडियो से अधिक प्रसिद्धि अर्जित की। [5] [6] वह इस्लाम की आलोचना करने वाले अपने वीडियो और पॉडकास्ट के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने केरल के एम०एम० अकबर जैसे इस्लामी विद्वानों के साथ कुछ शास्त्रार्थ भी किये हैं जिनकी सोशल मीडिया पर दर्शकों की संख्या हजारों में है। [7]

एम०एम० अकबर से बहस[संपादित करें]

चुनौती[संपादित करें]

शास्त्रार्थ के लिये ई०ए०जब्बार की चुनौती

मैं चुनौती देता हूँ कि यदि आप कुरान में आया कोई ऐसा ज्ञान या सूचना बता दें जो उस समय के अरबों को पता नहीं था बल्कि उस समय के अरबों ने उसे कुरान से पढ़कर समझा और उसका पालन किया। वह सूचना ऐसी होनी चाहिये कि उसे बाद में वैज्ञानिक समुदाय ने सत्य सिद्ध किया हो। यदि आप ऐसा कर देते हैं तो मैं फिर से शहादा कलमा पढ़कर फिर से मुसलमान बन जाऊँगा। कुरान से जो सूचना या 'ज्ञान' शास्त्रार्थ के लिये सामने लाया जायेगा, वह निम्नलिखित तीन शर्तों का पालन कना चाहिये-

  • 1. यह ऐसी सूचना या ज्ञान होना चाहिये जो 'नया' हो, अर्थात उस समय के अरबों को यह पता नहीं थी।
  • 2. उक्त सूचना या 'ज्ञान' को अरबों ने अल्लाह के कुरान से समझा था।
  • 3. उक्त सूचना या 'ज्ञान' आधुनिक विज्ञान द्वारा सत्य सिद्ध की हुई होनी चाहिये।[8][9]

9 जनवरी 2021 को ईए जब्बार और एम० एम० अकबर का इस विषय पर शास्त्रार्थ हुआ कि कुरआन वैज्ञानिक है या नहीं। 'केरल युक्तिवादी संघम नामक एक तर्कवादी संगठन ने इस बहस के लिए स्थल और मंच की व्यवस्था की।

आश्चर्यजन रूप से, दोनों पक्षों ने इस शास्त्रार्थ में जीत का दावा किया, और बहस का जो वीडियो वायरल हुआ उसे दोनों पक्षों ने अपनी जीत साबित करने के लिए मूल वीडियो के फुटेज के साथ फिर से इस्तेमाल कि। [10] यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि एम एम अकबर के यूट्यूब अकाउंट पर दिखाई देने वाले वीडियो ने बहस में जब्बार पर उनकी जीत की घोषणा की। [11]

कार्यक्रम का दूसरा पहलू यह था कि एम.एम. अकबर की इस बात के लिए आलोचना की गई कि उन्होंने कुरआन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझा है। उनके विरोधियों ने कहा कि उन्होंने कुरआन को महज विज्ञान की किताब बना दिया है।

लोकोपकार[संपादित करें]

कोविड-19 महामारी के दौरान, ईए जब्बार ने अपने यू-ट्यूब चैनल से हुई अपनी सारी आय (लगभग 50,000 रुपये) केरल मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) में दे दिया।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Rationalist seeks police protection over blog threat in Kozhikode | Kozhikode News". The Times of India. अभिगमन तिथि 11 February 2022.
  2. "To believe or not?". The Times of India. 23 January 2021. अभिगमन तिथि 11 February 2022.
  3. "KYS rebuts KNM's attack on 'neo-atheism' | Kozhikode News". The Times of India. अभिगमन तिथि 11 February 2022.
  4. "God doesn't need us to save him". The Times of India. 17 September 2016. अभिगमन तिथि 11 February 2022.
  5. "God doesn't need us to save him". Timesofindia.indiatimes.com. 17 September 2016. अभिगमन तिथि 3 July 2019.
  6. "Rationalist seeks police protection over blog threat in Kozhikode | Kozhikode News". The Times of India. अभिगमन तिथि 3 July 2019.
  7. Archived at Ghostarchive and the MM Akbar & EA Jabbar DEBATE | ഇസ്‌ലാം - നാസ്തികത സംവാദം | PART-01 | Malappuram. मूल से पुरालेखित 10 मई 2021. अभिगमन तिथि 3 मार्च 2024.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link): MM Akbar & EA Jabbar DEBATE | ഇസ്‌ലാം - നാസ്തികത സംവാദം | PART-01 | Malappuram.
  8. "സംവാദം | കേരള യുക്തിവാദി സംഘം". YouTube.
  9. "To believe or not?". The Times of India. 23 January 2021.
  10. Archived at Ghostarchive and the സംവാദം | കേരള യുക്തിവാദി സംഘം. मूल से पुरालेखित 12 मई 2021. अभिगमन तिथि 3 मार्च 2024.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link): സംവാദം | കേരള യുക്തിവാദി സംഘം.
  11. Archived at Ghostarchive and the Wayback Machine: MM Akbar & EA Jabbar DEBATE | ഇസ്‌ലാം - നാസ്തികത സംവാദം | PART-01 | Malappuram. YouTube.