इनायतुल्ला खान माश़रिकी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
इनायतुल्ला ख़ान मशरिक़ी
जन्म 25 अगस्त 1888[1]
अमृतसर, पंजाब, ब्रिटिश भारत
मौत 27 अगस्त 1963(1963-08-27) (उम्र 75)[1]
लाहौर, पंजाब (पाकिस्तान)
उपनाम अलामा मशरिक़ी
शिक्षा की जगह पंजाब विश्वविद्यालय
क्राइस्ट कॉलेज, कैम्ब्रिज[2]
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

इनायतुल्ला ख़ान मशरिक़ी, जिन्हें अल्लामा मशरिक़ी भी बुलाया जाता है, (25 अगस्त 1888 - 27 अगस्त 1963), एक पाकिस्तानी गणितज्ञ, तर्कज्ञ, राजनीतिक सिद्धांतवादी, इस्लामी विद्वान और खाकसार आंदोलन के संस्थापक थे।[1]

मशरिक़ी के लेखन[संपादित करें]

माशरी के प्रमुख लेखन कार्यों में निम्न शामिल हैं:

  • आर्मुघान-ए-हकीम, एक कविता लेख
  • 'दाहुलबाब', एक कविता लेख
  • 'ईशारत', खाकसार आंदोलन की "बाइबिल"
  • खितब-ए-मिस्र (मिस्र का पता), काहिरा में 1925 के भाषण के आधार पर "मोतरमार-ए-खिलफाट" के प्रतिनिधि के रूप में
  • मौलवी का घाट मज़ब
  • ताज़ीकिरा प्रथम संस्करण, 1924, धर्मों के बीच संघर्ष एंव धर्म और विज्ञान पर बहस, और इन संघर्षों को हल करने की आवश्यकता पर चर्चा,[2]
  • ताज़ीकिरा खंड द्वितीय। मरणोपरांत 1964 में प्रकाशित [2]
  • ताज़ीकिरा वॉल्यूम तृतीय।

1930 के आसपास, उन्होंने खाकसार आंदोलन की स्थापना की, जिसके उद्देश्य में किसी भी विश्वास, संप्रदाय या धर्म के बावजूद जनता की स्थिति को सुधारने का लक्ष्य रखा गया था।[3]

साहचर्य[संपादित करें]

माशरी के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:

  • रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स के सदस्य, 1923
  • भौगोलिक सोसाइटी के सदस्य (एफजीएस), पेरिस
  • सोसाइटी ऑफ आर्ट्स (एफएसए), पेरिस के सदस्य
  • दिल्ली विश्वविद्यालय मंडल के सदस्य [2]
  • गणितीय सोसायटी के अध्यक्ष, इस्लामिया कॉलेज, पेशावर
  • ओरिएंटलिस्ट्स की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य (लीडेन), 1930
  • अखिल विश्व के विश्वास सम्मेलन के अध्यक्ष, 1937 [2]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Nasim Yousaf (24 August 2016). "The 'Belcha': Allama Mashriqi's powerful symbol for the Khaksar Tehrik". TwoCircles.net website. मूल से 13 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 January 2018.
  2. Profile of Allama Mashriqi on storyofpakistan.com website Archived 2018-08-30 at the वेबैक मशीन Updated 1 January 2007, Retrieved 22 January 2018
  3. S. Shabbir Hussain, Al-Mashriqi: The Disowned Genius, Lahore, Jang Publishers, 1991