आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019
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सभी 175 आंध्र प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बहुमत के लिए चाहिए 88 | |||||||||||||||||||||||||||||||
मतदान % | 80.39% | ||||||||||||||||||||||||||||||
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आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019 राज्य में पंद्रहवीं विधानसभा के गठन के लिए 11 अप्रैल 2019 को आंध्र प्रदेश में आयोजित किए गए थे। वे 2019 के भारतीय आम चुनाव के साथ आयोजित किए गए थे।[1] वाई एस आर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने 175 सीटों में से 151 सीटें जीतकर भारी बहुमत से चुनाव जीता, जबकि मौजूदा तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने 23 सीटें जीतीं। जन सेना पार्टी (जेएसपी) ने एक सीट के साथ विधानसभा में प्रवेश किया, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोई भी सीट जीतने में असफल रही।
वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को सर्वसम्मति से वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के विधानसभा नेता के रूप में वोट दिया गया। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में राज्य के विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश में यह दूसरी विधानसभा थी।
पिछली विधानसभा
[संपादित करें]2014 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी जेएसपी और भाजपा के साथ गठबंधन करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बहुमत हासिल करने के लिए 88 सीटों की आवश्यकता थी जिसकी कमी गठबंधन सरकार बना लेने से पूरी हुई। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तत्कालीन राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन द्वारा श्री नायडू को आंध्र प्रदेश के चौदहवें मुख्यमंत्री के रूप में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में राज्य के विभाजन के बाद यह आंध्र प्रदेश की पहली विधानसभा थी।[2]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ डेस्क, इंडिया कॉम न्यूज़ (2019-04-29). "आंध्र प्रदेश असेंबली इलैक्शन 2019: एव्रीथिंग यू नीड टू नो अबाउट द सीएम रेस". India.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2019-06-06.
- ↑ "चंद्रबाबू नायडू बिकम्स फ़र्स्ट सीएम ऑफ़ न्यू आंध्र प्रदेश". हिंदुस्तान टाइम्स (अंग्रेज़ी में). 2014-06-08. अभिगमन तिथि 2023-03-25.