आँखें (1968 फ़िल्म)
आँखें | |
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आँखें का पोस्टर | |
निर्देशक | रामानन्द सागर[1] |
लेखक | रामानन्द सागर |
निर्माता | रामानन्द सागर |
अभिनेता |
धर्मेन्द्र, माला सिन्हा, महमूद, कुमकुम, सुजीत कुमार |
संगीतकार | रवि |
प्रदर्शन तिथि |
1968 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
आँखें 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण रामानन्द सागर ने किया। फिल्म में धर्मेन्द्र, माला सिन्हा, महमूद, कुमकुम और सुजीत कुमार हैं। संगीत रवि ने बनाया था और बोल साहिर लुधियानवी के थे। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी। इस फ़िल्म के लिये रामानन्द सागर ने अपना एकमात्र फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार जीता।
संक्षेप
[संपादित करें]आजादी के कुछ समय बाद भारत को असम में आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें हुई और कई हताहत हुए। नागरिकों का एक समूह जो सरकार से जुड़ा नहीं है, इस नरसंहार को रोकने के लिए कुछ करने का फैसला करता है। सलीम जो बेरूत में जासूसी कर रहा है, पकड़ा जाता है और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। अब सुनील मेहरा (धर्मेन्द्र) को बेरूत की यात्रा करनी होगी और स्थिति संभालनी होगी। एक बार वहां पहुँचकर वह एक पूर्व प्रेमिका, मीनाक्षी मेहता (माला सिन्हा) और जेनाब नाम की एक महिला प्रशंसक से मिलता है।
आतंकवादियों का नेतृत्व सैयद नाम के एक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। वह अपनी सहायक, मैडम को सुनील के पिता दीवान चन्द मेहरा की जासूसी करने के लिए कहता है। जल्द ही सैयद और उसके साथी, डॉक्टर एक्स और कैप्टन (मदन पुरी) मेहरा के सभी रहस्यों का पता लगा लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप सुनील फंस जाता है और सैयद द्वारा पकड़ लिया जाता है। फिर दीवान की दुनिया बिखर जाती है जब मीनाक्षी उसे फोन करके बताती है कि सुनील मारा गया है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- धर्मेन्द्र — सुनील
- माला सिन्हा — मीनाक्षी मेहता
- कुमकुम — सुनन्दा
- सुजीत कुमार — नदीम
- महमूद — महमूद
- प्रद्युम्न रंधावा — अकरम
- ललिता पवार — आंटी
- डेज़ी ईरानी — लिली
- नज़ीर हुसैन — मेजर दीवान चन्द
- जीवन — डॉक्टर
- मदन पुरी — कैप्टन
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत साहिर लुधियानवी द्वारा लिखित; सारा संगीत रवि द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "उस मुल्क़ की सरहद को" | मोहम्मद रफ़ी | 4:14 |
2. | "लुट जा लुट जा" | आशा भोंसले, कमल बैरोट, उषा मंगेशकर | 7:00 |
3. | "मेरी सुन ले अरज बनवारी" | लता मंगेशकर | 3:44 |
4. | "तुझको रखे राम तुझको अल्लाह रखे" | आशा भोंसले, मन्ना डे | 5:26 |
5. | "ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम" | लता मंगेशकर | 5:29 |
6. | "मिलती है जिंदगी में" | लता मंगेशकर | 4:51 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1969 | रामानन्द सागर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
रामानन्द सागर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | जीत | |
रामानन्द सागर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | नामित | |
साहिर लुधियानवी ("मिलती है जिंदगी में") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
लता मंगेशकर ("मिलती है जिंदगी में") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित | |
रवि | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
जी॰ सिंह | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ छायाकार पुरस्कार | जीत |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "धर्मेंद्र ने माला सिन्हा के जन्मदिन पर शेयर की दुर्लभ फोटो और लिखा- मिस यू, तस्वीर में हैं नन्हे बॉबी भी". दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 26 नवम्बर 2021.