अरेखीय तंत्र

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लोलक की गति का समीकरण वस्तुतः अरैखिक होता है।

अरेखीय तंत्र (nonlinear system) वे तन्त्र हैं जो रेखीय नहीं हैं। अर्थात् वे तन्त्र जो अध्यारोपण सिद्धान्त (superposition principle) के शर्तों को संतुष्ट नहीं करते, उन्हें अरेखीय कहा जाता है।

भौतिकशास्त्रियों एवं इंजिनियरों को अरेखीय तन्त्रों में रुचि इसलिये है कि अधिकांश तन्त्र मूलतः अरेखीय ही होते हैं। या, अधिकांश तन्त्र केवल सीमित दायरे में ही रेखीय होते हैं, सम्पूर्ण दायरे में नहीं। इसके अलावा बहुत से कार्यों के लिये अरेखीय तन्त्र ही अधिक उपयुक्त होते हैं, न कि रेखीय।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

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