रैखिक निकाय
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रेखीय तन्त्र (Linear systems) वे तन्त्र हैं अध्यारोपण का सिद्धान्त (superposition) तथा स्केलिंग (scaling) के गुण को सन्तुष्ट करते हैं
रेखीय तन्त्र का विवेचन
[संपादित करें]प्रथम विधि
[संपादित करें]यदि : और कोई दो इन्पुट हैं तथा उनके संगत ऑउट्पुट क्रमशः : और हों ; अर्थात-
तो, वह तन्त्र रेखीय तन्त्र होगा यदि निम्नलिखित सम्बन्ध सत्य है, या लागू होता है:
जहाँ एवं कोई दो अदिश नियतांक हैं।
द्वितीय विधि
[संपादित करें]किसी तन्त्र के अवस्था चर (स्टेट वैरिएबल्स्) हों, उसके इन्पुट हों और ऑउटपुट हो और यदि वह तन्त्र रेखीय है तो इनके आपसी सम्बन्ध को निम्नलिखित रीति से लिखा जा सकता है:
जहाँ , , , उपयुक्त ओर्डर के वर्ग मैट्रिक्स हैं। इन्हें तन्त्र मैट्रिक्स कहते हैं। यदि ये तन्त्र मैट्रिक्स समय-आधारित (टाइम-डिपेन्डेन्ट) न हों तो उस रेखीय तन्त्र को रेखीय समय-अपरिवर्तित तन्त्र (एल् टी आई सिस्टम) कहते हैं
- रेखीय तन्त्र के कुछ विशेष गुण (जो उपरोक्त परिभाषा से ही आते हैं)
- ज्या-वक्रीय (साइनस्वायडल) इनपुट देने पर किसी रेखीय तन्त्र का ऑउटपुट ज्यावक्रीय ही होगा और उसी आवृत्ति का होगा जिस आवृत्ति का इन्पुट है। हाँ, इनपुट और ऑउटपुट के आयाम और कलायें (ओहेज) अलग-अलग हो सकते हैं। (यह बात किसी दूसरे तरह के वेवफॉर्म के लिये सत्य होना ज़रूरी नहीं है। उदाहरण के लिये किसी रेखीय तन्त्र के इनपुट में एक स्क्वायर वेव संकेत देने पर कतईं ज़रूरी नही हैकि ऑउटपुट स्क्वायर वेव ही हो।
- लेकिन ज्यावक्रीय इन्पुट देने पर यदि ज्यावक्रीय ऑउटपुट मिले तो ज़रूरी नही है कि वह तन्त्र रेखीय ही हो। (वह रेखिइय भी हो सकता है और अरेखीय भी)
- दो रेखीय तन्त्रों का कैसकेड (एक का ऑउटपुट दूसरे का इन्पुट हो) भी एक रेखीय तन्त्र होगा।
- कोई भी तन्त्र पूरी तरह से रेखीय नही होता किन्तु अधिकांश तन्त्रों को ऑपरेटंग बिन्दु के आस-पास लघु परिवर्तनों के लिये रेखीय माना जा सकता है।
- रेखीय तन्त्र रेखीय अवकल समीकरण या रेखीय बीजगणितीय समीकरण प्रणाली से निरूपित किये जा सकते हैं।
रेखीय तन्त्र के कुछ उदाहरण
[संपादित करें]- रेखीय प्रतिरोधक, प्रेरकत्व और सन्धारित्र से बना हुआ कोई भी परिपथ रेखीय होगा।
- फिल्टर एवं प्रवर्धक भी बहुत बड़े हद तक रेखीय होते हैं।
- ध्वनि एवं विद्युतचुम्बकीय तरंगें
- द्रब्यमान (मास), स्प्रिंग एवं डैम्पर के संयोजन से बने यांत्रिक तन्त्र की गति
- किसी संकेत को किसी नियत संख्या से गुणा करना (जैसे किसी संकेत का आवर्धन या अटिन्युएशन)
- इकाई तन्त्र (युनिटी सिस्टम) - जिसमें ऑउटपुत हर दशा में इन्पुट के बराबर हो।
- शून्य तन्त्र - जहाँ ऑउट्पुत सदा शून्य होता है, चाहे इन्पुट कुछ भी हो।
- किसी संकेत का अवकलन - रेखीय प्रक्रिया है
- किसी संकेत का समाकलन (इन्टीग्रेशन) भी रेखीय ऑपरेशन है।
कुछ अरेखीय तन्त्र
[संपादित करें]- किसी प्रतिरोध के वोल्टता और शक्ति का सम्बन्ध अरेखीय है।
- किसी गरम वस्तु द्वारा विकरित उष्मीय उर्जा उसके ताप (T) से रेखीय सम्बन्ध नहीं रखती।
- पिक-डिटेक्टर, स्क्वायरर, जीरो-क्रासिंग डिटेक्टर आदि परिपथ रेखीय नहीं हैं।
- दो संकेतों का परस्पर गुणन (जैसे आयाम मॉडुलेशन) एक अरेखीय क्रिया है।
- हिस्टेरिसिस - अरेखीय है।
- संतृप्तन (सैचुरेशन) - जैसे ट्रान्स्फार्मर में फ्लक्स-स्तर बहुत अधिक (जैसे २ टेसला) हो जाना)
- यदि किसी तन्त्र में थ्रिसोल्ड (देहली) जैसी कोई चीज हो - जैसे डिजिटल सर्किट, अरेखीय होते हैं।
महत्व
[संपादित करें]रेखीय तन्त्र के गुणधर्म सामान्य अरेखीय तन्त्रों के गुणों की अपेक्षा बहुत अधिक सरल होते हैं। अतः उनका विश्लेषण करना सरल है। रेखीय तन्त्र नियन्त्रण सिद्धान्त, संकेत प्रसंस्करण, दूरसंचार अदि में बहुत उपयोगी सिद्ध होते हैं। ज्ञातव्य है कि अरेखीय तन्त्रों का रिस्पान्स निकालने के लिये अध्यारोपण सिद्धान्त का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- तन्त्र विश्लेषण (System analysis)
- रेखीय समीकरण तन्त्र (System of linear equations)
- अरेखीय समीकरण (Nonlinear system)