अयुध्या राज्य
अयुध्या राज्य อาณาจักรอยุธยา | ||||||
| ||||||
| ||||||
Ayutthaya's zone of influence and neighbours, c. 1540
| ||||||
राजधानी | Ayutthaya (1351-1463) Phitsanulok (1463-1488) | |||||
भाषाएँ | Ayutthayan Thai | |||||
धार्मिक समूह | Majority: Theravada Buddhism Minority: Hinduism, Roman Catholic, Shia Islam, Sunni Islam | |||||
शासन | Feudal monarchy with Chatu Sdomph as executive body. | |||||
King | ||||||
- | 1350–69 | Uthong | ||||
- | 1590–1605 | Naresuan | ||||
- | 1656–88 | Narai | ||||
- | 1758–67 | Ekkathat | ||||
विधायिका | The monarch | |||||
ऐतिहासिक युग | Middle Ages & Renaissance | |||||
- | Uthong ascends the throne in Ayutthaya | 1351 | ||||
- | Personal union with Sukhothai Kingdom | 1438 | ||||
- | Vassal of Taungoo Dynasty | 1564, 1569 | ||||
- | Merge with Sukhothai, and independence from Taungoo | 1583, 1584 | ||||
- | Naresuan and Mingyi Swa's Elephant War | 1593 | ||||
- | Fall of Ayutthaya in 1767 | 1767 | ||||
आज इन देशों का हिस्सा है: | Thailand Laos Cambodia Malaysia Myanmar China Vietnam | |||||
Warning: Value specified for "continent" does not comply |
अयुध्या या अयुथिया (थाई भाषा: อาณาจักรอยุธยา, RTGS: अणाचक आयुध्या) १३५० ई. से १९६७ ई. तक स्याम की राजधानी था। वह मिनाम चो फिया तथा लोयबरी नदियों के संगम पर एक द्वीप में बैंकाक से ४२ मील की दूरी पर स्थित है। परंतु इस समय यहाँ के अधिकांश मनुष्य इस द्वीप के समीप मिनाम चो फिया नदी के किनारे रेलमार्ग के समीप निवास करते हैं। इस नगर का विध्वंस १५५५ में और फिर १७६७ ई. में बर्मी सेनाओं द्वारा हुआ था। १७६७ ई. के आक्रमण में बहुमूल्य ऐतिहासिक लेख, निवासस्थान और राजभवन नष्ट हो गए। राजभवन के अवशेषों को वर्तमान राजधानी बैंकाक के भवनों के निर्माण में लगाया गया।
आयूथिया विश्व के एक महत्वपूर्ण चावल निर्यातक क्षेत्र के मध्य में स्थित है। यहाँ ५० इंच वार्षिक वर्षा होती है, जो चावल की उपज के लिए पूर्णत: अनुकूल है। आयूथिया का 'चंगवत' (प्रांत) स्याम के कुल ७० चंगवतों में चावल के उत्पादन में प्रथम है। यहाँ का मत्स्य उद्योग भी महत्वपूर्ण है। यहाँ स्थित सैकड़ों नहरें यातायात के मुख्य साधन हैं। बहुत से नौकाओं पर वास करते हैं। शीघ्रगामिनी मोटर नौकाएं मिनाम नदी द्वारा इस नगर का संबंध बेंकाक और अन्य नगरों से स्थापित करती हैं। आयूथिया चावल और सागौन (टीक) की लकड़ी का व्यापारिक केंद्र है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |